बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने घोषणा की है कि मुंबई में गुरुवार, 26 सितंबर 2024 को सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। यह निर्णय भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा मुंबई के लिए जारी किए गए रेड अलर्ट के बाद लिया गया है। आईएमडी के अनुसार, मुंबई के विभिन्न हिस्सों में अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
आईएमडी ने यह भी चेतावनी दी है कि मुंबई में आंधी-तूफान के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी गतिमा 40-50 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है। इसके चलते बीएमसी ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। बीएमसी ने अभिभावकों से अपील की है कि वे आधिकारिक सूचना का पालन करें और बच्चों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें।
आईएमडी ने मुंबई के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। इनमें कोकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश और यानम, पूर्वी मध्य प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, मराठवाड़ा, तटीय कर्नाटक, बिहार आदि शामिल हैं। इन क्षेत्रों में भी भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
मुंबई में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन पहले ही प्रभावित हो चुका है। कई स्थानों पर पानी भर गया है और यातायात बाधित हो रहा है। रेलवे ट्रैकों पर पानी जमा होने से ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है। बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि यदि आवश्यक न हो तो वे घर से बाहर न निकलें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
बीएमसी ने छात्रों और अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे आधिकारिक सूचना का पालन करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों से प्राप्त असत्यापित सूचनाओं से बचें और केवल बीएमसी के आधिकारिक चैनलों पर विश्वास करें। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से लिया गया है और अभिभावकों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, बीएमसी ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे अपने छात्रों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करें। सभी स्कूल बस सेवाओं को भी निलंबित कर दिया गया है ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
मुंबई में सड़कों पर पानी जमा होने से यातायात भी बाधित हो रहा है। बीएमसी के कर्मचारी लगातार सड़कों से पानी निकालने के काम में जुटे हुए हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। मुंबई में लोकल ट्रेन सेवा भी प्रभावित हो रही है, जिससे दैनिक यात्री परेशानी में हैं।
मुंबई एयरपोर्ट पर भी फ्लाइट्स की आवाजाही प्रभावित हो रही है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति की जांच करने के बाद ही एयरपोर्ट के लिए रवाना हों। मुंबई के मौसम में अगले 24 घंटों में सुधार की संभावना नहीं है, जिसके चलते बीएमसी ने आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा है।
बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें। सड़क पर पानी जमा होने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए ड्राइव करते समय सतर्कता बरतें। पैदल चलने वालों से भी अपील की गई है कि वे जलजमाव वाले क्षेत्रों से बचें और सुरक्षित स्थान पर रहें।
मुंबई की स्थिति को देखते हुए कई निजी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा प्रदान की है। बीएमसी ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों को कर्मचारियों के लिए सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
आईएमडी ने संकेत दिया है कि अगले 48 घंटों में मुंबई के मौसम में कुछ सुधार हो सकता है। हालांकि, तब तक सावधानी बरतना आवश्यक है। बीएमसी ने सभी आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखा है और आवश्यकतानुसार उन्हें तैनात किया जा रहा है।
अंत में, बीएमसी ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचना पर विश्वास करें। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है और अभिभावकों को इसे पूर्ण गंभीरता से लेना चाहिए।
14 जवाब
बीएमसी का यह अचानक निर्णय पूरी तरह से बेसहारा है। जैसा कि हम देखते हैं, इतनी महावृष्टि में स्कूल बंद करना कोई नया विचार नहीं, बल्कि लापरवाही है।
समय पर ऐसे कदम उठाकर बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना सराहनीय है। हालांकि, अभिभावकों को भी घर से बाहर निकलते समय सावधान रहना चाहिए, क्योंकि जलजमाव वाले क्षेत्रों में दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है।
भाई लोग, अब तो बस घर पे ही रहो, बाहर निकलना नहीं टाल सके तो एकछत्री चाय बना लो और नेट पे ही टाइम पास करो।
📢🚧 सभी को सूचना: बीएमसी ने एवरीथिंग को स्टॉप किया है, इसलिए ट्रैफिक एंकरेज्ड है। इस डाटा के आधार पर अलर्ट लेवल हाई है, इसलिए इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट टीम को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
बीएमसी ने कहा है कि स्कूल बंद रहेंगे और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी यह सही कदम है लेकिन अभिभावकों को भी सावधानी बरतनी चाहिए
कहते हैं न कि समय पर सही निर्णय लेना ही नैतिकता है? इस बाढ़ में स्कूल बंद करके बच्चों को बचाना ही हमारा कर्तव्य है।
चलो इस बारिश में घर पर ही रहने में मज़ा है 😊☔️
ओह, क्या बड़ी दया है बीएमसी की, अब बच्चों को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। अगला क्या, बारिश में बर्फ के टुकड़े भी भेज देंगे?
बिलकुल, अब तो हमें सोच में पड़ जाना चाहिए कि अगर बीएमसी ने स्कूल बंद कर दिया, तो अगली बार क्या हम सबको इनडोर सैर करानी पड़ेगी? यह एक दार्शनिक प्रश्न है।
देश की जनता को इस तरह की नाकाबंदी को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए, हमें हमारे भविष्य के रक्षक बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।
समझते है भाई, बीएमसी के एक्सपर्ट्स ने जो प्रोटोकॉल दिया है वो फॉलो करना चाहिए, वरना हम सभी को लीडरशिप लेवल पर डिस्कशन करना पड़ेगा।
👍 सभी को याद रहे, बीएमसी के आधिकारिक चैनल्स से अपडेट लेते रहें। यह जानकारी सुरक्षित रखी गई है और अनावश्यक अफवाहों से बचना चाहिए। 😊
भाई लोग हम सबको यहाँ मिलके इनडोर एक्टिविटीज़ प्लान करनी चाहिए जैसे बोर्ड गेम्स फिल्मी नाइट एक्स्ट्रा टाइम वगैरा कोई भी काम चल पड़ता है
मुंबई में इस तरह के भारी मौसम के दौरान बीएमसी का स्कूल बंद करना वैध कदम है, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर रखनी चाहिए। सरकारी विभागों ने पहले ही इमरजेंसी प्रोटोकॉल जारी किया है, जिसके अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना अनिवार्य है। यह न केवल छात्रों को संभावित जलजमाव से बचाता है, बल्कि उनके परिवारों को भी मानसिक शांति प्रदान करता है। दूसरी ओर, कई निजी कंपनियों ने वर्क‑फ्रॉम‑होम की सुविधा दी है, जिससे कामकाजी अभिभावकों को घर से बच्चों की देखभाल आसान हो गई है। इसके साथ ही, सार्वजनिक परिवहन में भी कमी आई है, इसलिए सड़क पर ट्रैफिक जाम की समस्या कुछ हद तक घट गई है। लेकिन यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि बाढ़ के कारण लोकल ट्रेनों की चलने की स्थिति जोखिमपूर्ण बनी हुई है, इसलिए यदि बाहर जाना पड़े तो वैकल्पिक रूट्स या निजी परिवहन का उपयोग करना चाहिए। एयरपोर्ट पर भी फ्लाइट्स की स्थिति पर लगातार नजर रखनी चाहिए, क्योंकि कई फ्लाइट्स डिलीट या देरी हो सकती हैं। इस कठिन समय में, नागरिकों को बीएमसी द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत संपर्क करना चाहिए, यदि कोई आपात स्थिति उत्पन्न हो। साथ ही, जलजमाव वाले क्षेत्रों से दूर रहना और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना आवश्यक है। बाढ़ के बाद की सफाई और राहत कार्य में स्वयंसेवकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी, इसलिए यदि आप सक्षम हों तो सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहें। अंततः, जैसे-जैसे मौसम सुधरेगा, बीएमसी ने बताया है कि अगले 48 घंटे में स्थितियों में थोड़ा सुधार आ सकता है, लेकिन तब तक सतर्क रहना ही सबसे बेहतर उपाय होगा। सभी को सलाह दी जाती है कि अफवाहों के बजाय आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।