यूरो 2024 के मुकाबले में इंग्लैंड ने सर्बिया का सामना किया। यह मैच इंग्लैंड के लिए कई प्रकार की चुनौतियों से भरा हुआ था, खासकर क्योंकि टीम पहले से ही चोट और बीमारी के कारण कमजोर हो चुकी थी। इस महत्वपूर्ण मुकाबले में जूड बेलिंघम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को शुरुआती लीड दिलाई। यह गोल मैच के 13वें मिनट में हुआ, जब बेलिंघम ने बुकायो साका के असिस्ट पर एक दमदार हेडर से गोल दागा। यह गोल न केवल टीम के लिए महत्वपूर्ण था बल्कि बेलिंघम के करियर में एक और कड़ी जोड़ने वाला साबित हुआ।
सर्बिया की टीम में भी चोटिल खिलाड़ी थे। फिलिप कोस्टीच को मजबूरन बाहर होना पड़ा और उनकी जगह फिलिप म्लादेनोविच को उतारा गया। यह स्थिति सर्बिया के लिए भी कुछ कठिनाइयों का सामना करने वाली साबित हुई।
हैरी केन ने इस मुकाबले में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर छुआ। उन्होंने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में इंग्लैंड के लिए सबसे अधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड बनाया, जो अब तक एश्ले कोल के पास था। केन ने अपने 23वें मैच में एंट्री ली, हालांकि पहले 30 मिनट तक उन्हें केवल एक ही बार बॉल को छूने का मौका मिला।
बुकायो साका, जो पिछले कुछ समय से इंग्लैंड के बेहतरीन फॉर्म में रहे हैं, इस मैच में भी चमके। उन्होंने 24 बार शुरूआत करते हुए इंग्लैंड के लिए कुल 27 गोलों में हिस्सा लिया। साका का यह योगदान इंग्लैंड के आक्रमण की धार को और तेज बनाता है।
जूड बेलिंघम यूरो 2024 और 2022 विश्व कप दोनों में गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बने, जो इंग्लैंड के बाहर क्लबस फुटबॉल खेलते हैं। 20 साल 353 दिन की उम्र में, बेलिंघम तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खेलने वाले पहले यूरोपीय खिलाड़ी भी बने जो 21 साल से पहले इस मूहल तक पहुंचे।
इंग्लैंड के मैनेजर, गैरेथ साउथगेट, ने इस मुकाबले के साथ इंग्लैंड के मैनेजर के रूप में सबसे अधिक मैचों का जिम्मा लिया, जो सर बॉबी रॉबसन से अधिक था। s
ऐतिहासिक रूप में, यूरोपियन चैंपियनशिप्स में इंग्लैंड की शुरुआत आमतौर पर कमजोर रही है। पिछले नौ उद्घाटन मुकाबलों में से इंग्लैंड को केवल एक में ही जीत मिली है।
इस मैच में ट्रेंट-अलेक्सन्डर अर्नोल्ड, डेकलान राइस और जूड बेलिंघम के साथ मिडफ़ील्ड में शुरूआत की। इस तिकड़ी के समर्पण और उभरते प्रदर्शन ने इंग्लैंड के मिडफ़ील्ड को और मजबूत बनाया। अर्नोल्ड के क्रिएटिविटी और राइस के डिफेंसिव कौशल की हराई में बेलिंघम की ऑल-राउंड क्षमताएं चमक उठीं।
पहली ही नज़र में यह स्पष्ट था कि दोनों टीमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए मैदान में उतरी हैं। पहले 10 मिनट के भीतर ही इंग्लैंड ने अपनी अटैकिंग इंटेंट महानगरीक दिखा दी थी। बेलिंघम, केन और साका की त्रिमूर्ति ने मिलकर कई आक्रामक मूव्स बनाए, जिनमें से एक मूव ने आखिरकार गोल में परिणित हुआ।
बेलिंघम ने साका के एक शानदार क्रॉस के ज़रिए हेडर के साथ गोल दागा। यह गोल इंग्लैंड के खेमा में उत्साह भरने वाला साबित हुआ। सर्बिया की टीम ने इस गोल का जवाब देने के लिए काफी कोशिशें कीं, लेकिन इंग्लैंड की डिफेन्सिव लाइन बेहद सशक्त साबित हुई।
सर्बिया के लिए एक बड़ा झटका तब लगा जब फिलिप कोस्टीच चोट के कारण मैदान छोड़ने पर मजबूर हो गए। उनकी जगह पर फिलिप म्लादेनोविच को मैदान में उतारा गया। इस बदलाव का असर सर्बिया की रणनीति पर पड़ा, लेकिन टीम ने फिर भी अपना माइंडसेट बनाए रखा।
इंग्लैंड के लिए यह मुकाबला चोट और बीमारी से जूझते हुए एक बड़ी चुनौती थी। डिफेंस में टीम ने कई महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की अनुपस्थिति महसूस की, लेकिन मिडफ़ील्ड और अटैकिंग लाइन ने इन कमजोरियों को छुपा लिया।
हैरी केन ने इस मैच में अपनी उपस्थिति के साथ नया रिकॉर्ड स्थापित किया। उन्होंने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में इंग्लैंड के लिए सर्वाधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस उपलब्धि ने केन को इंग्लैंड फुटबॉल के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया है। हालांकि, पहले 30 मिनटों में उनका खेल कुछ अनुचित रहा, जिसके बाद उन्होंने अपने खेल में सुधार किया।
केन का मैदान पर देखा गया आत्मविश्वास और संचालित खेल ने टीम को मुसिबतों से बाहर निकाला। हालांकि गोल की कमी ने उनकी निराशा बढ़ाई, लेकिन उनके नेतृत्व और मैदान पर टीम को निर्देशित करने की क्षमता ने टीम को बहुत कुछ सिखाया।
बुकायो साका का प्रदर्शन इस मैच में भी बेहतरीन रहा। 24 स्टार्ट्स में उन्होंने इंग्लैंड के लिए 27 गोल्स में हिस्सा लिया है, जो उनकी क्षमताओं को दर्शाता है। साका के आक्रामक कदम और विरोधी डिफेंस को तोड़ने की उनकी योग्यता ने इंग्लैंड को लगातार गोलों की ओर अग्रसर किया।
गैरेथ साउथगेट की कोचिंग के तहत इंग्लैंड की टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। इस मैच के साथ साउथगेट ने इंग्लैंड के कोच के रूप में सबसे अधिक मैचों का जिम्मा लिया। यह उपलब्धि उन्हें इंग्लैंड की फुटबॉल इतिहास में अद्वितीय बनाती है।
साउथगेट की रणनीतियां और खिलाड़ियों के साथ उनका संबंध इंग्लैंड की वर्तमान सफलता का बड़ा कारण है। उनके नेतृत्व में टीम ने कई चुनौतियों का सामना किया है और जीत हासिल की है।
एक टिप्पणी लिखें