उत्तर प्रदेश में फिर लौटी भीषण गर्मी: प्रयागराज और झांसी में अलर्ट

अप्रैल 16, 2025 8 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी का अलर्ट

उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों की बारिश और आंधी तूफान के बाद अब फिर से भीषण गर्मी का दौर लौट आया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि राज्य में अब लू चलने के आसार हैं। खासकर प्रयागराज और झांसी जैसे शहरों में तापमान बेहद अधिक रहेगा। कानपुर जैसी औद्योगिक जगहों पर स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार, कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश की खबरें आई थीं, लेकिन अब अधिकतर क्षेत्रों को 'ग्रीन ज़ोन' में रखा गया है जहां बहुत कम बारिश होगी। अप्रैल महीने के दौरान लखनऊ में दिन का तापमान 37°C तक पहुंच सकता है, जबकि रात का तापमान 21°C तक होगा।

स्वास्थ्य और कृषि पर प्रभाव

स्वास्थ्य और कृषि पर प्रभाव

मौसम विभाग ने विशेष रूप से शहरों में उच्च तापमान के कारण हाइड्रेशन और गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचाव के लिए सलाह जारी की है। शहरी गर्मी द्वीप प्रभाव, विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों जैसे कानपुर में अधिक संकट पैदा कर सकता है।

अगले कुछ समय के लिए कोई बड़ी वर्षा नहीं दिख रही है। अप्रैल में पूरे उत्तर प्रदेश में केवल 5-6 मिमी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए चुनौती होगी जो कृषि पर निर्भर हैं, क्योंकि बढ़ते तापमान के साथ फसल की सेहत पर भी असर पड़ेगा।

8 जवाब

RajAditya Das
RajAditya Das अप्रैल 16, 2025 AT 19:18

भाई लोगों, फिर से गर्मी का मारक हमला, सरकार तो कुछ नहीं कर रही 😒🌞।

Harshil Gupta
Harshil Gupta अप्रैल 17, 2025 AT 00:51

देखो, IMD की चेतावनी को हल्के में न लें। दिन में भरपूर पानी पीना चाहिए, हल्का फल‑साबुन खाएँ और शाम को हल्की सैर करके शरीर को ठंडा रखें। शहरी ताप‑गुंबज से बचने के लिये छत पर पत्ते लगाएँ या पंखा चला कर हवा का संचार बनाएँ। इस गर्मी में हाइड्रेशन बहुत ज़रूरी है, अपने आप को डिहाइड्रेटेड न रखें।

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey अप्रैल 17, 2025 AT 06:24

ज्यादा रोमांच नहीं, वैज्ञानिक डेटा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि लू का असर दो‑तीन दिनों में ही पड़ता है। अगर आप सोचते हैं कि ये केवल अफवाह है तो आपका ज्ञान कम है 😏। हर कोई जानता है कि लू के लक्षणों में तेज़ सिरदर्द, उलझन और शारीरिक थकान शामिल हैं, इसलिए तुरंत ठंडे पानी और ढीले कपड़े पहनें। नहीं तो आप खिंचाव में फँसेंगे।

Simi Singh
Simi Singh अप्रैल 17, 2025 AT 11:58

सभी को पता है कि ये गर्मी अलर्ट किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। सरकारी एजेंसियां जलवायु को नियंत्रित कर रही हैं, और हमें इस ‘ग्रीन ज़ोन’ के पीछे की सच्चाई नहीं बताई जा रही। मोबाइल के सिग्नल और मौसम के डेटा को मिलाकर वे जनता को डराते हैं, ताकि वे अपना नियंत्रण बनाए रख सकें।

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar अप्रैल 17, 2025 AT 17:31

मेरी तो पीठ जल रही है।

Ganesh kumar Pramanik
Ganesh kumar Pramanik अप्रैल 17, 2025 AT 23:04

Yo भाई लोग, इधर‑उधर देखो ठंडा‑ठंडा पानी पीना चाहिए वरना बुखार लगेगा फट्ले वगैरह! हमें अब भी वो निराला कूलर नहीं मिला जो हवा को भी ठंडा करे, मैं कहता हूँ कि हर घर में पंखा और बादल बनाइए, फिर देखो स्वाद!

Abhishek maurya
Abhishek maurya अप्रैल 18, 2025 AT 04:38

यहाँ गर्मी का फिर से आना कोई नई बात नहीं है, बल्कि मौसम विज्ञानियों की तुरंत-उपलब्ध सूचना प्रणाली का परिणाम है। पिछले हफ्ते कुछ हल्की बूँदें गिरीं थीं, लेकिन आकाश अब फिर से साफ़ हो गया है और धूप की तीव्रता बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान 37 डिग्री तक पहुँचने की संभावना है, जो स्वास्थ्य के लिये जोखिमपूर्ण हो सकता है। विशेषकर शहरों में जहाँ असफल इंफ़्रास्ट्रक्चर है, वहाँ लू के कारण श्वसन समस्याएँ बढ़ेंगी। लोग जलवायु परिवर्तन को नज़रअंदाज करते हैं, लेकिन यह वास्तव में बहुत गंभीर समस्या बन गई है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी पीना चाहिए, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे। संगठित प्रयासों के बिना, किसान भी अत्यधिक ताप के कारण फसल के नुकसान का सामना करेंगे। कृषि क्षेत्र में, जल संरक्षण के उपायों को तत्काल लागू करना आवश्यक है। इस गर्मी में विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों को घर में ही ठण्डा रखकर रखने की सलाह दी जाती है। सार्वजनिक स्थानों में शीतलक और छायादार क्षेत्रों की कमी को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन को तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए। यह भी देखा गया है कि शहरी द्वीप प्रभाव अधिक जलवायु तनाव उत्पन्न करता है। लोगों को हल्की वायु के साथ व्यायाम करने से बचना चाहिए, ताकि शरीर पर अतिरिक्त तनाव न पड़े। यदि कोई लक्षण जैसे कि सिर दर्द, बेहोशी या उलझन महसूस करता है, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। सभी को याद रखना चाहिए कि यह सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि एक सामाजिक चुनौती है, जिसे हम मिलकर सुलझा सकते हैं। अंत में, मैं यह कहूँगा कि हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी चाहिए।

Sri Prasanna
Sri Prasanna अप्रैल 18, 2025 AT 10:11

समझो तो सही ये गर्मी का अलर्ट एक झुठा फंदा है लोग इसे बिलकुल हँस के देखो बस ये कहना है कि हम सब ठीक हैं पर असल में नहीं

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