गौतम गंभीर ने बीसीसीआई के नियमों का उल्लंघन किया, चयन समिति की बैठक में शामिल होकर

नवंबर 4, 2024 9 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

बीसीसीआई के नियमों पर प्रश्न

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नियम हमेशा से खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं के बीच एक संतुलन बनाने के लिए बनाए गए हैं। इन नियमों में कहीं न कहीं यह सुनिश्चित करने का प्रयास होता है कि चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता हो और किसी भी तरह का बाहरी प्रभाव न हो। वैसे तो बीसीसीआई हमेशा से अपने सख्त नियमों के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल ही में की घटना ने इनपर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला तब सामने आया जब भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान मुख्य कोच गौतम गंभीर ने चयन समिति की बैठक में हिस्सा लिया।

गौतम गंभीर का विवादास्पद कदम

गौतम गंभीर का चयन समिति की बैठक में भाग लेना न केवल बीसीसीआई के नियम के विरुद्ध है, बल्कि यह एक बडी चर्चा का विषय भी बन गया है। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, भारतीय टीम का मुख्य कोच चयन समिति की बैठकों का हिस्सा नहीं बन सकता क्योंकि इसे चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने की संभावना के रूप में देखा जाता है। गंभीर का इस बैठक में शामिल होना यह दर्शाता है कि उन्हें या तो नियमों की सही जानकारी नहीं थी या फिर उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए विवाद

यह विवाद ऐसे समय पर हो रहा है जब भारतीय क्रिकेट टीम अगले प्रमुख टूर्नामेंट बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की तैयारी कर रही है। इस समय पर इस विवाद का उभरना टीम के मनोबल को प्रभावित कर सकता है। गंभीर जैसे महत्वपूर्ण व्यक्ति की इस प्रक्रिया में सहभागिता से कई सवाल उठते हैं कि क्या चयन प्रक्रिया सही ढंग से की गई है या नहीं।

बीसीसीआई की प्रतिक्रिया

स्वाभाविक रूप से, बीसीसीआई इस घटना को लेकर चर्चा में है और उनसे इस मामले पर स्पष्टीकरण की उम्मीद की जा रही है। बोर्ड की प्रतिक्रिया इस मामले को हल करने में मदद करेगी, लेकिन बीसीसीआई के अधिकारियों ने अभी तक कोई औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की है। बोर्ड की ओर से यह महत्वपूर्ण है कि कैसे वे इस मामले को संभालते हैं और औपचारिक जांच की जाती है या नहीं।

प्रशंसकों और विशेषज्ञों की राय

इस घटना के सामने आने के बाद से क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों ने अपनी राय देनी शुरू कर दी है। कुछ का मानना है कि यह एक गलती थी और इस पर गौर करना चाहिए, जबकि अन्य इसे बहुत गंभीर मानते हैं और चाहते हैं कि बीसीसीआई इसे सख्ती से ले। अब देखना यह होगा कि बोर्ड क्या कदम उठाता है और गौतम गंभीर की इस भूमिका का क्या प्रभाव पड़ता है।

समापन विचार

समापन विचार

यह घटना भारतीय क्रिकेट के दृश्य में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है। बीसीसीआई के लिए यह समय है कि वह अपने नियमों का पालन सुनिश्चित करे और भविष्य में ऐसे विवादों से बचे। खिलाड़ियों, कोचों और क्रिकेट प्रेमियों के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया का होना आवश्यक है, ताकि खेल का वास्तविक अर्थ और भावना बरकरार रह सके।

9 जवाब

Vaneesha Krishnan
Vaneesha Krishnan नवंबर 4, 2024 AT 20:01

वाकई में नियमों का उल्लंघन टीम में अस्थिरता पैदा कर सकता है 😊
लेकिन मैं सोचती हूँ कि अगर बोर्ड जल्दी से स्पष्ट बयान दे तो सबको राहत मिल सकती है.
भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो, इसके लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.
सभी को मिलकर खेल को स्वच्छ रखना चाहिए, यही असली जीत है.

Satya Pal
Satya Pal नवंबर 17, 2024 AT 14:01

गौतम का ये कदम तो बकवस है, पूरी फॉल्ट बोर्ड की ही है।

Partho Roy
Partho Roy नवंबर 30, 2024 AT 08:01

बीसीसीआई के नियमों को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये नियम खेल की इंटेग्रिटी की रक्षा करते हैं.
जब मुख्य कोच चयन समिति की मीटिंग में आया, तो यह एक स्पष्ट संकेत था कि सीमाओं का पालन नहीं हो रहा है.
ऐसा लगता है कि बोर्ड ने पहले ही इस संभावना को नहीं देखा या नहीं माना.
अगर चयन प्रक्रिया में कोई बाहरी प्रभाव जुड़ता है, तो खिलाड़ी का मनोबल गिर सकता है.
विरुद्ध में, कोच की राय कुछ हद तक उपयोगी हो सकती है, लेकिन इसे उचित मंच से बाहर नहीं लाया जाना चाहिए.
कभी‑कभी नियमों की सख़्ती ही सहयोगियों के बीच पारदर्शिता बनाती है.
समय आ गया है कि एक स्वतंत्र नज़र से इस घटना की जाँच की जाए.
किसी भी तरह की छिपी हुई मंशा को उजागर करना जरूरी है.
अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, जिससे अनुमान और गड़बड़ियां बढ़ रही हैं.
इस बीच, खिलाड़ियों को अपने खेल पर फोकस रखना चाहिए, ताकि विवाद उनके प्रदर्शन को बिगाड़ न सके.
सही निर्णय लेने के लिए बोर्ड को सभी पक्षों से सुनना चाहिए, परन्तु संतुलन बनाना भी आवश्यक है.
यदि इस घटना को हल्के में लिया गया, तो भविष्य में और भी बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.
फैन बेस भी इस तरह की अनियमितताओं से परेशान है और वे उत्तरदेही चाहते हैं.
आख़िर में, खेल का असली मकसद मैदान में अच्छाई और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है.
उम्मीद है कि बीसीसीआई जल्द ही उचित कदम उठाएगा और सभी को संतुष्ट करेगा.

Ahmad Dala
Ahmad Dala दिसंबर 13, 2024 AT 02:01

क्या बात है, नियम तो नियम ही हैं, लेकिन इंसानों की चालाकी हमेशा से ही बदलती रही है।

RajAditya Das
RajAditya Das दिसंबर 25, 2024 AT 20:01

बिलकुल वही, कभी‑कभी बड़े सफ़र में छोटे‑छोटे मोड़ हमें नई राह दिखाते हैं 😅

Harshil Gupta
Harshil Gupta जनवरी 7, 2025 AT 14:01

यदि हम एक ठोस प्रक्रिया चाहते हैं तो चयन समिति को पूरी तरह स्वतंत्र होना चाहिए, और कोई भी बाहरी दबाव नहीं होना चाहिए.
कोच की सलाह व्यक्तिगत रूप से दी जा सकती है, लेकिन इसे आधिकारिक मीटिंग में लाना सही नहीं है.
ऐसे मामलों में एक स्पष्ट नीतियां बनाना और उनका कड़ाई से पालन करना आवश्यक है.

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey जनवरी 20, 2025 AT 08:01

मैं सहमत हूँ, लेकिन कभी‑कभी सिस्टम में लचीलेपन की भी जरूरत होती है 🤔

Simi Singh
Simi Singh फ़रवरी 2, 2025 AT 02:01

लगता है कि इस सब के पीछे कोई बड़ा झूठा खेल छुपा है, शायद कुछ लोग टीम को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं.
बीसीसीआई की तहरीर में छिपे हुए संकेतों को देखना चाहिए, नहीं तो सच सूझेगा नहीं.

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar फ़रवरी 14, 2025 AT 20:01

मैं समझती हूँ, लेकिन ऐसे आरोपों से चीजें बिगड़ सकती हैं, हमें शांति से इंतज़ार करना चाहिए।

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