ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जारी है और दूसरे दिन भी निवेशकों से मित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। पहले दिन के अंत तक आईपीओ ने 35% की सब्सक्रिप्शन दर हासिल की थी, जिसमें खुदरा निवेशकों की ओर से अच्छे प्रतिसाद के बावजूद, अन्य वर्गों में अपेक्षाकृत कम रुचि देखी गई।
कंपनी ने अपने शेयरों की बिक्री के लिए मूल्य बैंड 72-76 रुपये प्रति शेयर तय किया है। निवेशक कम से कम 195 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ओला इलेक्ट्रिक इस आईपीओ से 6,145.56 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है। इसमें 5,500 करोड़ रुपये के नए शेयर की बिक्री और 84,941,997 इक्विटी शेयरों की बिक्री (ऑफर-फॉर-सेल, ओएफएस) शामिल है।
पहले दिन की बोली के बाद खुदरा हिस्सेदारी 2.61 गुना ओवरसब्सक्राइब हो चुकी है, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) की हिस्सेदारी 81% सब्सक्राइब हुई। हालांकि, योग्य संस्थागत बोलीदाताओं (क्यूआईबी) के कोटे में समय के अनुसार कोई विशेष बोली नहीं देखी गई।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की स्थापना 2017 में हुई थी और यह विशुद्ध रूप से इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी है। कंपनी अपने ओला फ्यूचर फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों और बैटरी पैक, मोटर्स, और वाहन फ्रेम जैसे प्रमुख घटकों का निर्माण करती है।
आईपीओ की ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) में बाजार में अस्थिरता के बीच गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह 16 रुपये से घटकर 4 रुपये पर आ गया। इसका मतलब है कि लिस्टिंग के बाद शेयर में लगभग 5% की वृद्धि देखी जा सकती है। विश्लेषकों के बीच आईपीओ को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ इसे भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बाजार में नेतृत्व और सरकारी समर्थन के कारण सकारात्मक मानते हैं, जबकि अन्य का कहना है कि कंपनी की हानि और उच्च मूल्य ने निवेशकों में संदेह पैदा किया है।
ओला इलेक्ट्रिक ने वित्तीय वर्ष 2024 में 5,243.27 करोड़ रुपये की राजस्व के साथ 1,584.40 करोड़ रुपये का शुद्ध हानि दर्ज की। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में कंपनी की शुद्ध हानि 1,472.08 करोड़ रुपये और राजस्व 2,782.70 करोड़ रुपये था।
मारवाड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज और केनरा बैंक सिक्योरिटीज जैसी ब्रोकरेज फर्मों ने आईपीओ को 'सब्सक्राइब' रेटिंग दी है, जिसमें लंबी अवधि की वृद्धि संभावनाओं और सकारात्मक नियामक वातावरण को वजह बताया गया है। इस आईपीओ ने योग्य कर्मचारियों के लिए 5.5 करोड़ रुपये के शेयर आरक्षित किए हैं, जिसमें प्रति शेयर 7 रुपये की छूट भी शामिल है।
इस आईपीओ के प्रमुख प्रबंधकों में बीओएफए सिक्योरिटीज इंडिया, एक्सिस कैपिटल, कोटक महिंद्रा कैपिटल, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और बीओबी कैपिटल मार्केट्स शामिल हैं, जबकि लिंक इनटाइम इंडिया इस आईपीओ का रजिस्ट्रार है।
ओला इलेक्ट्रिक के इस आईपीओ के प्रति निवेशकों की प्रतिक्रिया और बाजार की अस्थिरता के बीच यह देखना होगा कि कंपनी अपनी निवेशकारी लक्ष्यों को कैसे पूरा करती है।
13 जवाब
ओला का IPO है, पर सच्चाई में कोई खास जोश नहीं दिख रहा। शेयरों की कीमत बहुत ऊंची और सब्सक्राइब भी कम है।
बोली के बाद ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट देखी गई, लेकिन लिस्टिंग के बाद संभावित 5% रिटर्न दिलचस्प लग रहा है। कंपनी का इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में काफी हक़ीक़तिकरण है और सरकार से भी समर्थन मिल रहा है। यदि आप दीर्घकालिक निवेश की सोच रखें तो यह IPO एक अच्छा एंट्री पॉइंट हो सकता है। शुरुआती रिटर्न के साथ साथ, ओला के भविष्य के मॉडल और बैटरी टेक्नोलॉजी को देखते हुए, संभावनाएं आशाजनक दिखती हैं। आपको केवल अपनी जोखिम सीमा के भीतर ही निवेश करना चाहिए।
इलेक्ट्रिक ट्रेंड का दिखावा, पर मूलभूत वित्तीय आँकड़े निराशाजनक हैं।
ओला इलेक्ट्रिक का IPO भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
यह कंपनी अब तक के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं में से एक बन चुकी है।
लेकिन वित्तीय आंकड़े अभी भी सवाल उठाते हैं, क्योंकि कंपनी ने लगातार बड़ा नुकसान दर्शाया है।
FY2024 में 1,584 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान दर्ज किया गया, जो निवेशकों की चिंता का कारण बन सकता है।
दूसरी ओर, कंपनी की राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, 5,243 करोड़ रुपए तक पहुंची।
यह दर्शाता है कि बिक्री में मजबूती है, पर लाभप्रदता अभी दूर है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम के घटने से बाजार में अस्थिरता साफ़ दिख रही है, जो निवेशकों को सावधानी बरतने को कहता है।
ब्रोकरेज फर्मों ने इस IPO को ‘सब्सक्राइब’ रेटिंग दी है, लेकिन यह केवल दीर्घकालिक संभावनाओं के आधार पर है।
यदि सरकारी नीतियों में निरंतर समर्थन बना रहता है, तो ओला इलेक्ट्रिक को फेयर मूल्य पर खरीदना समझदारी हो सकती है।
हालांकि, शेयर की प्राइस बैंड 72-76 रुपये अपेक्षाकृत ऊँची है, और कई छोटे निवेशकों के लिये यह पहुँच से बाहर हो सकता है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए, पोर्टफोलियो में विविधता बनाकर ही निवेश करना उचित रहेगा।
यदि आप केवल बड़े institutional investors के साथ खेलना चाहते हैं, तो इस IPO में भाग लेना फायदेमंद हो सकता है।
व्यक्तिगत निवेशकों को इस अवसर को समझदारी से देखना चाहिए और अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करना चाहिए।
कुल मिलाकर, ओला इलेक्ट्रिक का भविष्य तकनीकी और नियामक दृष्टि से उज्ज्वल दिखता है, पर वित्तीय स्थिरता अभी भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
इसलिए मैं सलाह देता हूँ कि आप अपने वित्तीय लक्ष्य और टाइमहोराइज़न के अनुसार इस IPO को अपने पोर्टफोलियो में रखें या न रखें।
हाय सब लोग, ओला का IPO देख के मज़ा आ रहा है! शेयरों की कीमत थोड़ी हाई लग रही है पर कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल असली है। यदि आप EV सेक्टर में आगे बढ़ना चाहते हो तो ये एक अच्छा मौका हो सकता है। बस ध्यान रखो कि अपने पोर्टफोलियो में संतुलन बना रहे।
साथियों, OLA IPO की मैक्रो-इकोनॉमिक इम्पैक्ट को देखना ज़रूरी है 😊। खासकर जब साप्ताहिक वॉल्यूम और बिड‑एडजस्टमेंट की डिटेल्स और एनालिटिक्स सामने आते हैं। फाइनेंशियल जर्नल्स में उल्लेखित फ़्लोटिंग शेयर इश्यूज़ की डायनामिकली एसेस करना चाहिए।
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ बाजार में पर्याप्त ध्यान आकर्षित कर रहा है। कंपनी का राजस्व बढ़ रहा है पर लाभ अभी नकारात्मक है। निवेशकों को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।
नियम और नैतिक़ता को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए, खासकर निवेश जैसे महत्वपूर्ण निर्णय में।
ओला का IPO दिलचस्प है 🚀, लेकिन सावधानी से आगे बढ़ना ज़रूरी है।
वास्तव में, सबको लगता है कि इलेक्ट्रिक कंपनी का नुकसान सिर्फ एक चरण है, पर अगर ये ट्रेंड नहीं बना तो निवेश बर्बाद हो जाएगा।
सभी कहते हैं कि ओला का IPO गोल्डन अवसर है, लेकिन मेरे हिसाब से यह केवल आकर्षण का खेल है।
देश की स्वनिर्मित इलेक्ट्रिक कंपनियों को समर्थन देना हर भारतीय का कर्तव्य है; इसलिए ओला इलेक्ट्रिक में निवेश न सिर्फ लाभदायक बल्कि राष्ट्रवादी भी है।
चलो मिलके इस IPO पे डिस्कस करें, टेक्निकल एनालिसिस और मार्केट सेंटिमेंट दोनों को देखना जरूरी है फिर डिसीजन लेना।