वित्तीय जगत में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है, जब IDFC फर्स्ट बैंक के शेयर की कीमत में 5% की गिरावट आई। यह अद्वितीय गिरावट उस समय आई जब बैंक ने अपने दूसरी तिमाही के नतीजों में 73% की शुद्ध लाभ गिरावट की घोषणा की। जो निवेशक इस बैंक के शेयर में रुचि रखते हैं, उनके लिए यह एक चिंता की बात है।
IDFC फर्स्ट बैंक का शुद्ध लाभ इस तिमाही में ₹201 करोड़ था जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह ₹645 करोड़ था। यह गिरावट वास्तव में बहुत अधिक है और इसके पीछे का कारण बैंक के माइक्रोफाइनेंस व्यवसाय में भविष्य की संभावित हानियों को कवर करने के लिए प्रावधानों में तेज वृद्धि है। प्रावधान अब ₹1,732 करोड़ तक पहुँच गए हैं, जो कि पिछले साल ₹528 करोड़ था।
हालांकि, कुछ अच्छी खबर भी है। बैंक का नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 21% बढ़कर ₹4,788 करोड़ हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में ₹3,950 करोड़ था। NII में यह वृद्धि बैंक के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है कि कुछ क्षेत्रों में अभी भी विकास की संभावनाएं हैं।
बैंक ने अपनी पूर्ण-वर्षीय क्रेडिट लागत मार्गदर्शन को 1.85% से बढ़ाकर 2.25% कर दिया है। यह निर्णय माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI) पोर्टफोलियो में दबाव और विरासत टोल खातों में तेजी से प्रावधान के कारण लिया गया है। निवेशकों को यह जानना चाहिए कि बैंक प्रबंधन मानता है कि MFI दबाव चौथी तिमाही तक चरम पर पहुंच जाएगा और वह असुरक्षित खुदरा ऋण खंड पर करीब से नजर रख रहा है, जिससे यह स्थिर रह सके।
Nuvama इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज़ ने स्टॉक पर 'होल्ड' की सिफारिश बनाए रखी है, लेकिन इसके मूल्य लक्ष्य को ₹72 से घटाकर ₹60 प्रति शेयर कर दिया है। इसके अलावा, FY25 और FY26 की कमाई प्रति शेयर अनुमान को भी क्रमशः 35% और 7% घटा दिया गया है।
वहीं दूसरी ओर, ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने IDFC फर्स्ट बैंक को 'सेल' रेटिंग देते हुए इसके लिए ₹64 प्रति शेयर का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा है कि यह लाभ पश्चात् कर (PAT) के उनके अनुमान से 71% अधिक था।
बैंक के लिए आने वाले महीने चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। बावजूद इसके, बैंक ने जिन क्षेत्रों में काम कर रहा है, वहां संभावनाएं बड़ी हैं। जो निवेशक इन जोखिमों को उठा सकते हैं और लंबे समय तक निवेश बनाए रख सकते हैं, वे अंततः इससे लाभ उठा सकते हैं। bank की प्रबंधन टीम इन चुनौतियों को देखते हुए सक्रिय है, और उनका कहना है कि वे MFI खंड में तनाव को चौथी तिमाही तक नियंत्रण में करने की उम्मीद करते हैं। निवेशकों को उम्मीद है कि बैंक अपनी रणनीतियों के माध्यम से अच्छी रिकवरी दिखाएगा।
अगर आप IDFC फर्स्ट बैंक के शेयरों में निवेशक हैं या निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो बाजार के इन संकेतों को ध्यान में रखकर निर्णय लेना महत्वपूर्ण होगा। यह हमेशा महत्वपूर्ण होता है कि आप अपने निवेश को सावधानीपूर्वक समझें और विशेषज्ञों की राय भी लें।
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