जुलाई 1, 2025 से Tatkal टिकट बुकिंग में गड़बड़ी समाप्त करने का बड़ा कदम लागू हो रहा है। इस नए ढाँचे को इंडियन रेलवे ने तैयार किया है, और Ashwini Vaishnaw, रेलवे मंत्री के निर्देशन में लागू किया जा रहा है। नई दिल्ली में आयोजित टैटकल बुकिंग सुधार 2025नई दिल्ली के दौरान घोषणा की गई, जिसमें सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग पर आधार‑सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है।
टैटकल, जिसका उद्गम 1999 में हुआ, उन यात्रियों के लिए बनाया गया था जिनको यात्रा के दिन‑दर‑दिन टिकट नहीं मिल पाते। लेकिन समय के साथ एजेंटों ने इस सुविधा का दुरुपयोग करना शुरू किया, कई बार जानबूझकर बॉट्स और थर्ड‑पार्टी प्लेटफ़ॉर्म से बुकिंग कर या सामान्य यात्रियों को बाधित कर दिया। पिछले साल इंडियन रेलवे ने इस मुद्दे पर 1500 करोड़ रुपये तक का नुक़सान बताया था।
नयी दिशा‑निर्देशों के तहत दो प्रमुख बदलाव लागू हो रहे हैं:
इसके साथ ही आरपी (आरविंटरी) अवधि अब दो दिन की बजाय केवल एक दिन होगी, यानी ट्रेन के मूल स्टेशन से दो दिन पहले नहीं, बल्कि एक दिन पहले 10:00 बजे (एसी वर्ग) और 11:00 बजे (नॉन‑एसी) बुकिंग खुलेगी।
सबसे चौंकाने वाला हिस्सा एजेंटों के लिए 30‑मिनट का प्रतिबंध है। एसी वर्ग के टैटकल बुकिंग के लिए सुबह 10:00 से 10:30 बजे तक कोई एजेंट टिकट नहीं ले सकता, जबकि नॉन‑एसी वर्ग के लिए यह 11:00 से 11:30 बजे तक रहता है। यह “पहले‑पहले को मिलें” की भावना को पुनर्स्थापित करने के लिए किया गया है।
भारत के प्रमुख यात्रा पोर्टल जैसे ixigo, MakeMyTrip आदि ने भी इस दिशा‑निर्देश को अपनाने की घोषणा की है और अब वे अपने ऐप में आधार‑लिंकिंग प्रक्रिया को स्पष्ट कदम‑दर‑कदम गाइड कर रहे हैं।
हैदराबाद के एक नियमित ट्रैवलर ने बताया, “पहले एजेंटों के पास 5‑6 सेकंड में पूरी कोटा खत्म हो जाता था, अब थोड़ा समय मिलता है, पर कठिनाई यह है कि बहुत सारे लोगों को आधार‑लिंक नहीं है।” एक आईटी विशेषज्ञ, सतीश कुमार, ने कहा कि “सुरक्षा स्तर बढ़ाने के साथ‑साथ डिजिटल साक्षरता भी बढ़ेगी, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आधार‑OTP डिलिवरी में समस्या उत्पन्न हो सकती है।”
डेटा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सीआरआईएस ने कहा कि “यह इंटीग्रेशन पहले के प्रोजेक्ट ‘रैपिड‑रेज़र्वेशन‑अपग्रेड’ से सीख लेकर किया गया है, और दिसंबर 2025 तक नया पेसेंजर रिज़र्वेशन सिस्टम पूरी तरह चालू हो जाएगा।”
इंडियन रेलवे के अनुमान के अनुसार, आधार‑सत्यापन से पहली दो हफ्तों में टैटकल बुकिंग का वैध उपयोग 30 % तक बढ़ेगा। साथ ही, एजेंटों के शोषण को ख़त्म करने से कुल रिफंड दावों में भी 15 % गिरावट देखी जा सकती है।
अंत में, सरकार ने बताया कि भविष्य में टेक‑सॉल्यूशन जैसे ब्लॉकचेन‑आधारित टिकटिंग और AI‑सहायता प्राप्त फ्रीक्वेंसी‑लिमिटिंग को लागू करने की योजना है, ताकि दुरुपयोग के नए रूपों को भी रोका जा सके।
नहीं, नई नीति के तहत जुलाई 1 से सभी यात्रियों को अपना आधार नंबर आईआरसीटीसी खाते में जोड़ना अनिवार्य है, अन्यथा बुकिंग प्रक्रिया रुक जाएगी।
पहले 30 मिनट में एजेंटों को बुकिंग नहीं करने दिया जाएगा, जिससे सामान्य यात्रियों को कोटा उपलब्ध होने की संभावना लगभग 20‑25 % बढ़ेगी, जैसा कि रेलवे ने अपना प्रारंभिक आंकड़ा बताया है।
OTP न मिलने पर आप अपने मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर से संपर्क कर सकते हैं या वैकल्पिक रूप से डिजी‑लॉकर में अपलोड की गई पहचान पत्रों के माध्यम से सत्यापन कर सकते हैं, जिसकी अनुमति रेलवे ने नई गाइडलाइन में दी है।
आधार लिंकिंग 1 जुलाई 2025 से लागू है; OTP सत्यापन 15 जुलाई 2025 से शुरू होगा, और पूर्ण सिस्टम अपडेट का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक पूरा होना है।
पुष्टि हुए टैटकल टिकट रिफंडेबल नहीं होते, लेकिन कैंसल्ड वेट‑लिस्ट या कंडीशनल टिकट पर मौजूदा रेलवे नियमों के तहत जुर्माना के साथ रिफंड मिल सकता है।
1 जवाब
वाह! नया टैटकल नियम अंततः हमारे लिए राहत ले कर आया है। अब एजेंटों को 30 मिनट रोकना मतलब आम लोग भी जल्दी बुकिंग कर पाएँगे। आधार लिंकिंग से धांधली वाले बोट्स को रोका जा सकेगा, यही तो हमें चाहिए। चलो, सभी को इस बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए और जल्द से जल्द अपना आधार लिंक कर लें।