सुरेश गोपी के केंद्रीय मंत्री पद छोड़ने की इच्छा के पीछे एक्टिंग करियर की मजबूरी

जून 10, 2024 18 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

सुरेश गोपी: केंद्रीय मंत्री पद छोड़कर एक्टिंग करियर पर ध्यान देने की इच्छा

थ्रिस्सूर के सांसद सुरेश गोपी हाल ही में राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद चर्चा में हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा के सामने अपनी मांग रखते हुए कहा कि वे मंत्री पद से मुक्त होना चाहते हैं। इसकी वजह यह है कि वे अपनी फिल्मी परियोजनाओं को पूरा करना चाहते हैं।

सुरेश गोपी ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को सूचित किया कि वे चार फिल्मों के लिए अनुबंधित हैं, जिनमें से एक पद्मनाभस्वामी मंदिर के इतिहास पर आधारित है। उन्होंने बताया कि अगर वे उपलब्ध नहीं हो पाते हैं तो इन फिल्मों के निर्माण में बड़ी बाधा आ सकती है।

कई सलाहकारों ने सुरेश गोपी को मंत्री पद छोड़ने से मना किया, लेकिन वे अपने फिल्मी अनुबंधों को पूरा करने के प्रति दृढ़ हैं। गोपी का मानना है कि अगर वे अपनी फिल्मों को पूरा नहीं कर पाते, तो फिल्म क्रू को भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।

इतिहासिक जीत और एक्टिंग करियर की मजबूरी

सुरेश गोपी ने थ्रिस्सूर से भाजपा के टिकट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। उनका मानना है कि जनता ने उन पर भरोसा जताया है और वे अपने संसदीय क्षेत्र के सांसद के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहेंगे। लेकिन वर्तमान में उनकी प्राथमिकता अपने अनुबंधित फिल्मों को पूरा करना है।

गोपी ने कहा कि उन्होंने फिल्मों के लिए पहले ही अनुबंध कर लिया था और अब इन परियोजनाओं को अधूरी छोड़ना फिल्म टीम के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।

उनके फैसले के पीछे एक और अहम कारण यह है कि सुरेश गोपी का ज्यादा फ़ोकस एक्टिंग करियर पर रहा है। उनका राजनीतिक सफर उतना लंबा और अनुभवी नहीं है, जितना उनका फिल्मी करियर।

भाजपा के लिए नई चुनौती

भाजपा के लिए नई चुनौती

भाजपा के लिए सुरेश गोपी का यह कदम एक नई चुनौती साबित हो सकता है। उनकी पार्टी ने चुनाव में उनके अभिनेता छवि का भरपूर उपयोग किया था और अब उनके मंत्री पद से हटने की इच्छा भाजपा के गणित पर असर डाल सकती है।

हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। संशयवादियों का मानना है कि सुरेश गोपी को समझा-बुझाकर मंत्री पद पर बनाए रखा जाए, ताकि उनसे उम्मीदें बनी रहें।

सुरेश गोपी का जुड़ाव

सुरेश गोपी फिल्मी दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में कई हिट फिल्में दी हैं और उनका प्रशंसक वर्ग बहुत बड़ा है। इसके अलावा, वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहे हैं और अब राजनीतिक पटल पर भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।

सुरेश गोपी ने अपने बयान में यह कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। वे चाहते हैं कि उनकी फिल्मों के साथ-साथ उनका राजनीतिक करियर भी सही दिशा में आगे बढ़े।

फ़िल्म और राजनीति के बीच संतुलन

फ़िल्म और राजनीति के बीच संतुलन

इस मामले ने सुरेश गोपी को एक ऐसी स्थिति में डाल दिया है, जहां उन्हें अपने फिल्म और राजनीति के बीच संतुलन स्थापित करना होगा। यह एक गंभीर विषय है क्योंकि उनकी दोनों जिम्मेदारियाँ महत्वपूर्ण हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि सुरेश गोपी किस प्रकार अपने कॅरियर में इस संकट का समाधान निकालते हैं और फिल्मों और राजनीति के बीच संतुलन बनाते हैं। जनता और उनके प्रशंसक अब उनकी इस प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वे किस दिशा में अपने कदम बढ़ाते हैं।

18 जवाब

Sri Prasanna
Sri Prasanna जून 10, 2024 AT 18:38

ये राजनैतिक किन्ही भी तरह की कला से ऊपर नहीं है बस व्यक्तिगत स्वार्थ है

Sumitra Nair
Sumitra Nair जून 11, 2024 AT 00:11

सुरेश गोपी ने अपने फिल्मी करियर को प्राथमिकता देने का कारण स्पष्ट कर दिया है।
वर्तमान में भारतीय राजनीति में कई व्यक्तिगत इच्छाओं की अभिव्यक्ति देखी जाती है।
फिल्मी अनुबंधों को तोड़ना न केवल कलाकारों के लिए बल्कि तकनीकी स्टाफ के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
एक विधायक के रूप में कार्य करते हुए नेता की जिम्मेदारी जनता की सेवा में निहित है।
परंतु यदि नेता अपनी कला के प्रति समर्पित नहीं होते तो सार्वजनिक विश्वास में गिरावट आती है।
भाजपा ने इस मुद्दे को रणनीतिक लाभ के रूप में देखना चाहिए।
समझदारी यह होगी कि गोपी को ऐसी परिस्थितियों में समर्थन दिया जाए जहाँ वह अपने दोनो क्षेत्रों में संतुलन बना सके।
राजनीति और फिल्म दोनों में सख्त समय‑सारणी की आवश्यकता होती है।
यदि वह दोनों को एक साथ नहीं चला पाते, तो एक क्षेत्र में कमजोरी दिखेगी।
फिल्म निर्माताओं को भी समझना चाहिए कि सार्वजनिक सेवा का मूल्य क्या है।
संसद में प्रतिनिधित्व का अर्थ है निरंतर सुनना और समाधान प्रस्तुत करना।
फिल्म में कहानी बताने का अधिकार लोकतंत्र की अभिव्यक्ति का हिस्सा है।
इस द्वंद्व को हल करने के लिए एक स्पष्ट योजना बनानी होगी।
समय पर स्पष्ट घोषणा और वैकल्पिक विकल्प देना जनता के भरोसे को बनाए रखेगा।
अंततः यह निर्णय व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक प्रभावों को ध्यान में रखकर लिया जाना चाहिए।
आशा है कि सभी पक्ष समझदारी से कार्य करेंगे और राष्ट्र के हित को प्राथमिकता देंगे। 😊

Ashish Pundir
Ashish Pundir जून 11, 2024 AT 05:44

मंत्री पद छोड़ना उनका व्यक्तिगत फैसला है

gaurav rawat
gaurav rawat जून 11, 2024 AT 11:18

भाई साहब आपका फ़ैसला समझ में आता है 👍 हम सब आपके साथ हैं, फिल्म पूरी करो और फिर कभी भी बॉल्ड हो जाओ

Vakiya dinesh Bharvad
Vakiya dinesh Bharvad जून 11, 2024 AT 16:51

हमारा फिल्म उद्योग भी हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है इसलिए इस तरह के निर्णय पर विचार जरूरी है

Aryan Chouhan
Aryan Chouhan जून 11, 2024 AT 22:24

बिलकुल सही है ओफिस में ड्यूटी से ज्यादा प्रोजेक्ट को फोकस करना बढ़िया लगेगा सच्च में

Tsering Bhutia
Tsering Bhutia जून 12, 2024 AT 03:58

सुरेश जी यदि आप दोनों को संतुलित करना चाहते हैं तो प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टूल्स और भरोसेमंद टीम से मदद ले सकते हैं। यह आपके समय को बेहतर बांटेगा।

Narayan TT
Narayan TT जून 12, 2024 AT 09:31

कला को राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता यही वास्तविकता है

SONALI RAGHBOTRA
SONALI RAGHBOTRA जून 12, 2024 AT 15:04

यह निर्णय व्यक्तिगत प्रतीत हो सकता है परन्तु सार्वजनिक जिम्मेदारी को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
फिल्मी प्रोजेक्ट्स का आर्थिक पहलू भी महत्वपूर्ण है, लेकिन यह मत भूलिए कि आप अपने मतदाताओं के लिए भी उत्तरदायी हैं।
समय-समय पर संवाद स्थापित करके आप दोनों क्षेत्रों में संतुलन बना सकते हैं।
एक स्पष्ट योजना और विश्वसनीय सहायक टीम इस संतुलन को आसान बना देगी।
विचारशील रहिए, सभी पक्षों को सुनिए और फिर निर्णय लीजिए।
आपका यह कदम भविष्य में कई कलाकार-राजनेताओं के लिए मार्गदर्शक बन सकता है।

sourabh kumar
sourabh kumar जून 12, 2024 AT 20:38

Yo bro, I think it's cool you wanna finish your movies 🙌 just make sure you set up a good schedule, ok?

khajan singh
khajan singh जून 13, 2024 AT 02:11

ध्यान रखिये कि जब आप फिल्म प्रोजेक्ट्स को प्रायोरिटाइज करते हैं तो पॉलिसी‑इम्प्लीमेंटेशन KPI को भी मॉनिटर करना न भूलें 😉

Dharmendra Pal
Dharmendra Pal जून 13, 2024 AT 07:44

सुरेश जी को अपने कर्तव्य और कला के बीच संतुलन बनाना चाहिए यह सामाजिक दायित्व है

Balaji Venkatraman
Balaji Venkatraman जून 13, 2024 AT 13:18

अभिनेताओं को अपना काम पूरा करना चाहिए अन्यथा जनता का भरोसा घटता है

Tushar Kumbhare
Tushar Kumbhare जून 13, 2024 AT 18:51

चलो, दोनो चीज़ें करेंगे आप 😎 बस टाइम मैनेजमेंट की बातें ठीक से प्लान कर लो

Arvind Singh
Arvind Singh जून 14, 2024 AT 00:24

ओह, यहाँ फिर से वही कहानी दोहराई जा रही है, जैसे हर बार मंत्री पद छोड़ने के लिए कोई फिल्म बनती रहती है।

Vidyut Bhasin
Vidyut Bhasin जून 14, 2024 AT 05:58

ड्रामा को कम करो, राजनीति को नहीं; बल्कि दोनों को एक ही मंच पर लाओ, तभी तो सच्चा कॉन्सेप्ट मिलेगा!

nihal bagwan
nihal bagwan जून 14, 2024 AT 11:31

देश के हीरो को अपने निजी फैंसिसी के लिये नहीं छोड़ना चाहिए, विदेशी नज़रिए से देखना अस्वीकार्य है।

Arjun Sharma
Arjun Sharma जून 14, 2024 AT 17:04

चलो भाई, हम सब मिलके इस डिस्कशन के एग्जिक्यूशन प्लान को स्कोप आउट कर लेते हैं, नॉन‑कोन्फ्लिक्ट मोड में रखेंगे।

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