भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट का नाम अंतर्राष्ट्रीय खेलजगत में बड़े ही आदर से लिया जाता है। उनका पेरिस 2024 ओलंपिक्स में प्रतिभाग करना मात्र एक सपना था, लेकिन वजन सीमा को पार करने के कारण उन्हें महिला फ्रीस्टाइल 50 किग्रा फाइनल से बाहर कर दिया गया। इसके बाद विनेश ने अदालती खेल सुलझाव पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में पुनर्निर्णय की अपील की। यह सुनवाई खिलाड़ियों और खेल प्रशासन के लिए न केवल एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, बल्कि यह ओलंपिक्स के नियम-नों की स्पष्टता और निष्पक्षता को भी आंकता है।
विनेश फोगाट ने अपनी अयोग्यता के बाद CAS की अधिनीय, आयोजन समिति से अपील की और पुनः स्थापित होने की मांग की। शुरू में उन्होंने अपनी अपील में स्वर्ण पदक के मुकाबले में पुनः शामिल करने का अनुरोध किया था। किंतु फिर उन्होंने एक संयुक्त रजत पदक की मांग की, जो खेल जगत में एक नई मिसाल बन सकती थी। CAS, जो ओलंपिक्स खेलों के दौरान कानूनी विवादों को सुलझाने के लिए गठित की जाती है, उनकी अपील की सुनवाई कर रही है।
CAS ने 8 अगस्त को अपनी अंतरिम निर्णायकता देने की योजना बनाई थी। खेल समुदाय के कई विशेषज्ञ और प्रशंसक निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे थे क्योंकि यह न केवल वर्तमान खेल नियमों के तहत बल्कि भविष्य के लिए भी एक नजीर होगा कि किस सीमा तक नियमों का पालन किया जाता है। विनेश फोगाट की अपील एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसमें यह देखा जाएगा कि छोटे अनुपालन मुद्दों को भी कितना गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
इस मध्यस्थता के अध्यक्ष माइकल लेनार्ड और विभिन्न देशों से बुलाए गए अनेक मध्यस्थों के बल से यह सुनिश्चित किया गया है कि निर्णय निष्पक्ष और प्रभावी हो।
अपनी अयोग्यता के बाद, विनेश फोगाट ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए अपने खेल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी. टी. उषा ने भी विनेश से मुलाकात की थी जब वे अस्पताल में भर्ती थीं।
संघ के अध्यक्ष, नेनाद लालोविच ने भी अपने बयान में खेल के नियमों की महत्वता को रेखांकित किया, यह स्वीकार करते हुए कि विनेश का वजन थोड़ा अधिक था, लेकिन फिर भी नियमों का पालन अनिवार्य है।
जिस प्रकार से ये मामले सामने आए हैं, यह स्पष्ट है कि खेल जगत में नियमों और विनियमों का पालन करना आवश्यक है, चाहे वह छोटा सा उल्लंघन ही क्यों न हो। यह स्पष्ट करता है कि ओलंपिक्स जैसे उच्च स्तर के खेलों में किसी भी प्रकार का उल्लंघन सहन नहीं किया जाएगा।
हलांकि, विनेश फोगाट की पुनः स्थापना की अपील कई प्रशंसकों और समर्थकों के लिए उदासी और निराशा का कारण भी बनी। अब उनकी निगाहें CAS के अंतिम निर्णय पर हैं। जो भी हो, यह एक सिखाने योग्य क्षण है कि खेल में अनुशासन और नियमों का कितना महत्व है।
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