अगर आप म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन सामान्य फ़ंड की उलझन से बचना चाहते हैं, तो क्वांट फ़ंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। ये फंड कंप्यूटर‑आधारित मॉडल और बड़ी डेटा एनालिसिस के ज़रिए शेयरों को चुनते हैं। सरल शब्दों में कहें तो, मशीन खुद ही तय करती है कि कौन‑से स्टॉक्स बेहतर रिटर्न देंगे।
क्वांट फ़ंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये इंसानी भावनाओं से मुक्त होते हैं। जब बाजार में घबराहट या उत्साह बढ़ता है, तो आम निवेशकों के निर्णय अक्सर उलझन भरे हो जाते हैं, लेकिन क्वांट मॉडल केवल आँकड़ों पर भरोसा करता है। इससे दीर्घकालिक रिटर्न स्थिर रहने की संभावना बढ़ती है।
पहला कदम: बड़ी मात्रा में ऐतिहासिक डेटा इकट्ठा किया जाता है – शेयर कीमत, वॉल्यूम, कंपनी के वित्तीय ब्योरे आदि। दूसरा कदम: इस डेटा को साफ़‑सुथरा करके विभिन्न गणितीय फ़ॉर्मूले और एल्गोरिद्म पर चलाया जाता है। तीसरा कदम: मॉडल उन स्टॉक्स की पहचान करता है जिनके रिटर्न संभावनाएँ सबसे ज़्यादा हों, फिर पोर्टफ़ोलियो बनाता है।
क्वांट फंड मैनेजर्स अक्सर दो प्रकार के एल्गोरिद्म इस्तेमाल करते हैं – एक ‘मॉमेंटम’ पर आधारित होता है जो हालिया तेज़ी वाले शेयरों को पकड़ता है, और दूसरा ‘वैल्यू’ मॉडल जो कम कीमत वाली लेकिन मजबूत बुनियादी बातों वाले स्टॉक्स की तलाश करता है। दोनों का मिश्रण फंड को मार्केट के उतार‑चढ़ाव से बचाने में मदद करता है।
2025 में कुछ ख़ास बातें देखी गई हैं:
अगर आप क्वांट फंड चुनना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखें:
अंत में, क्वांट फ़ंड एक तकनीकी तरीका है जो आपको निवेश के जटिल फैसले आसान बनाता है। लेकिन याद रखें, कोई भी फ़ंड पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता। हमेशा अपने लक्ष्य और टाइमलाइन को ध्यान में रखकर निर्णय लें। अगर आप अभी शुरू कर रहे हैं तो छोटे अमाउंट से ट्राय करें, फिर धीरे‑धीरे पोर्टफ़ोलियो बढ़ाएँ।
SEBI ने Quant Mutual Fund House पर ₹93,000 करोड़ की अवैध फ्रंट रनिंग ट्रेडिंग के आरोप में छापा मारा। फ्रंट रनिंग में गोपनीय जानकारी का उपयोग कर बड़े आदेश से पहले व्यक्तिगत ट्रेड की जाती है। जाँच का मुख्य उद्देश्य इस अवैध गतिविधि में शामिल व्यक्तियों की पहचान करना और निवेशकों के पैसे की वसूली के तरीकों का पता लगाना है।
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