हर साल कई लोग कहते हैं कि वे स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते, लेकिन जब बीमारी सामने आती है तो पछताते हैं। असल में एक साधारण चेकअप बहुत कुछ बचा सकता है। आप भी सोच रहे होंगे – कब और क्यों करानी चाहिए यह जांच? चलिए, आसान भाषा में समझते हैं.
बहुत सारी बीमारियों के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं या बिल्कुल नहीं दिखते। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएँ कई सालों तक छुपी रह सकती हैं। यदि आप हर एक साल डॉक्टर से मिलें और बेसिक टेस्ट कराएं तो ये रोग जल्दी पकड़ में आ जाते हैं और इलाज आसान हो जाता है. इससे दवाओं की लागत भी घटती है और काम‑काज पर असर नहीं पड़ता.
सरकार और कई निजी अस्पतालों में सालाना मुफ्त हेल्थ कैंप लगते हैं। आपके पास दो विकल्प हैं – ऑनलाइन पोर्टल से अपॉइंटमेंट लें या अपने नजदीकी PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) पर जाएँ. अक्सर आपको सिर्फ पहचान पत्र, उम्र प्रमाणपत्र और कुछ बेसिक रिपोर्ट ले जानी पड़ती है. अगर आप निजी क्लिनिक चुनते हैं तो पैकेज वाले ऑफ़र देखें; आमतौर पर 5‑10 टेस्ट में 2000‑3000 रुपये में पूरा चेकअप मिल जाता है.
चेकअप से पहले कुछ आसान तैयारी करें: सुबह खाली पेट, पानी नहीं पीना (फ्लूइड्स टालें), दवाइयों की सूची बनाकर डॉक्टर को दें और पिछले रोगों के बारे में सोचकर नोट कर लें. इससे डॉक्टर तेज़ी से सही सलाह दे पाएगा.
मुख्य टेस्ट जो हर साल करवाने चाहिए:
इन बेसिक जांचों के साथ अगर उम्र 40‑से ऊपर हैं तो एचबीए1सी (डायबिटीज़), ईसीजी या अल्ट्रासाउंड भी जोड़ सकते हैं. डॉक्टर आपकी उम्र, लिंग और लाइफ़स्टाइल के आधार पर अतिरिक्त टेस्ट सुझाएगा.
एक बात याद रखें – चेकअप सिर्फ रिपोर्ट नहीं, बल्कि आपका स्वास्थ्य संवाद है. जब परिणाम आएं तो डॉक्टर से समझें कि क्या ठीक करना है, किसे बदलना है और कौन सी आदतें छोड़नी हैं. अक्सर छोटे बदलाव जैसे सुबह की सैर, कम नमक, पर्याप्त पानी पीने से बड़ी सुधार मिलती है.
अगर आप अभी भी उलझन में हैं तो नीचे दी गई चेकलिस्ट को प्रिंट करें और अगले अपॉइंटमेंट पर ले जाएँ:
इनसे डॉक्टर को आपका पूरा प्रोफ़ाइल मिल जाता है और वह जल्दी से सही सलाह दे पाते हैं. याद रखें – स्वास्थ्य एक निवेश है, चेकअप उसका पहला कदम है.
केरल के मलप्पुरम जिले में 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस से मौत के बाद, नीलगिरी जिले में सीमा चौकियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग के जरिए उनकी जांच कर रहे हैं ताकि वायरस के प्रसार को रोका जा सके। अब तक किसी मामले की पुष्टि नहीं हुई है।
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