निपाह वायरस से सतर्क: केरल-नीलगिरी सीमा पर यात्रियों की कड़ी जाँच

केरल में निपाह वायरस का प्रकोप

मलप्पुरम जिले में 14 वर्षीय लड़के की निपाह वायरस संक्रमण से मौत के बाद, पूरे केरल में चिंता का माहौल है। निपाह वायरस एक जूनेटिक वायरस है जो मुख्यतः जानवरों से इंसानों में फैलता है, खासकर फल खाने वाले चमगादड़ों से। यह संक्रमण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, गले में खराश और खांसी के सामान्य लक्षणों के साथ शुरू होता है, लेकिन यह गंभीर श्वसन समस्याओं और एन्सेफलाइटिस में भी बदल सकता है, जो मस्तिष्क की सूजन है।

नीलगिरी जिले में कड़ी निगरानी

निपाह वायरस के इस विशाल खतरे को देखते हुए, तमिलनाडु के नीलगिरी जिले ने केरल की सीमा पर अपनी निगरानी व्यवस्था को मजबूत कर दिया है। नीलगिरी जिले के प्रशासन ने पांच मुख्य सीमा चौकियों पर विशेष जांच टीमें तैनात की हैं। ये चौकियां हैं- नादुगानी, किल नादुगानी, थलूर, पत्तावायल, और बिथरकाडु। इन सभी चौकियों पर स्वास्थ्य विभाग के तीन-सदस्यीय टीम लगाई गई है। इन टीमों का मुख्य कार्य केरल से आने वाले सभी यात्रियों की जांच करना है।

जाँच प्रक्रिया

यात्रियों की जांच थर्मल स्कैनिंग के माध्यम से की जा रही है जिससे उनके शरीर के तापमान को मापा जा सके और अन्य लक्षण जैसे बुखार, सर्दी, और खांसी का पता लगाया जा सके। निपाह वायरस के लक्षण इन्फ्लूएंजा से मिलते जुलते होते हैं, इसलिए विशेष ध्यान मांसपेशियों के दर्द और श्वसन समस्याओं पर भी दिया जा रहा है। अब तक की जांचों में किसी भी यात्री में निपाह वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं।

आम जनता के लिए सलाह

नीलगिरी जिले की जिला कलेक्टर लक्ष्मी भाव्य तणेेरू ने स्थानीय निवासियों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि हाथ की स्वच्छता बनाए रखना, सब्जियां और फल खपत से पहले अच्छी तरह धोना, और आवश्यकता न हो तो वन क्षेत्रों में जाने से बचना बहुत जरूरी है। यदि किसी में निपाह वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाने या टोल-फ्री नंबर 1077 पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।

तत्काल सेवाएँ

तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने नीलगिरी, कोयंबटूर, तिरुपुर, थेनी, तेनकासी और कन्याकुमारी जिलों में चिकित्सा टीमों को सीमा चौकियों पर 24x7 तैनात किया है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों से लैस हैं और उन्हें सभी तीव्र एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के लक्षणों की जांच करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही, कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 15-बिस्तरों का वार्ड स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा सके।

सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमणियन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग केंद्रीय सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है ताकि निपाह वायरस के फैलाव को रोका जा सके। उन्होंने जनता को सुनिश्चित किया कि सरकार हर संभव कदम उठा रही है ताकि लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

सीमा चौकियाँतैनात टीमों की संख्यामुख्य लक्षण
नादुगानीतीन सदस्यीय टीमबुखार, खांसी, सर्दी
किल नादुगानीतीन सदस्यीय टीमबुखार, खांसी, सर्दी
थलूरतीन सदस्यीय टीमबुखार, खांसी, सर्दी
पत्तावायलतीन सदस्यीय टीमबुखार, खांसी, सर्दी
बिथरकाडुतीन सदस्यीय टीमबुखार, खांसी, सर्दी

जनता के लिए निवारक कदम

इसके अलावा, आम जनता को सलाह दी गई है कि वे यह पुष्टि करने के बाद ही किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जाएं कि वह सुरक्षित है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। अपने आस-पास की सफाई बनाए रखें, जानवरों विशेषकर चमगादड़ों और सूअरों से दूर रहें, और ऐसा भोजन करें जो अच्छी तरह पका हो। फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही सेवन करें।

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