भारतीय नौसेना ने नौसेना दिवस के अवसर पर एक उल्लेखनीय और व्यापक ऑपरेशनल डेमों की योजना बनाई है, जो ओडिशा के पुरी तट पर आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन भारतीय नौसेना के रणनीतिक पहल और समकालीन क्षमताओं का चमकता हुआ उदाहरण होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मुख्य अतिथि के तौर पर इसमें उपस्थित होने के कारण यह और विशिष्ट बन जाता है। इस शानदार आयोजन में ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय व राज्य मंत्रीगण भी भाग लेंगे।
इस ऑपरेशनल डेमों का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमताओं का भव्य प्रदर्शन करना है। इस प्रदर्शन में तीनों दिशाओं से संभावित खतरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अत्याधुनिक हथियार और सेंसर शामिल किए जाएंगे। पूरे 90,000 टन के नौसैनिक जहाज इस आयोजन का हिस्सा होंगे, जिसमें वे हर प्रकार के खतरे से निपटने की अपनी क्षमता प्रदर्शित करेंगे। यह भारतीय नौसेना की वैश्विक स्तर पर बढ़ती हुई तकनीकी उन्नति और सामरिक क्षमता का प्रमाण होगा।
यह आयोजन सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन के समर्थन में भारतीय नौसेना की स्वदेशी तकनीकों को प्रदर्शित करता है। 'सागर' - क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास - के सिद्धांतों के तहत, भारतीय नौसेना भारतीय महासागर क्षेत्र में पहली प्रतिक्रिया देने वाला सुरक्षा साझेदार बनने की पहल को आगे बढ़ा रही है। इस दौरान 3,500 से अधिक नौसैनिक समुद्र में और 350 कर्मी तट पर तैनात रहेंगे, जो इस आयोजन के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करेंगे।
नौसेना दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना का यह आयोजन भारतीय जनता के लिए एक संदेश है कि देश की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। जैसा कि नौसेना देश की समुद्री सीमा की रक्षा करती है, यह अपनी उन्नत तकनीकों और आत्मनिर्भरता पर गर्व करती है। इस आयोजन की योजना और तैयारी यह दर्शाती है कि भारतीय नौसेना अपने युद्धक कौशल और प्रौद्योगिकी का दायरा बढ़ाते हुए भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और समृद्धि में कितनी समर्पित है।
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