Dasun Shanaka ने बनाया अनपेक्षित T20I डक्स का विश्व रिकॉर्ड

सितंबर 24, 2025 6 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

रिकॉर्ड का विवरण

23 सितंबर, 2025 को एशिया कप के T20I मैच में पाकिस्तान के खिलाफ स्रीलंका के मुकाबले Dasun Shanaka का शून्य पर समाप्त होना सिर्फ एक आउट नहीं, बल्कि एक नया विश्व रिकॉर्ड बना। इस एकल आउट ने उसकी कुल डक्स संख्या को 14 तक पहुँचा दिया, जबकि उसने सिर्फ 102 बार बल्लेबाजी की है, जो 113 मैचों में 14 डक्स की दर बनाता है।

पहले इस श्रेणी में 13 डक्स वाले पाँच खिलाड़ियों में रवेण्डा के Kevin Irakoze, Zappy Bimenyimana, Martin Akayezu, बांग्लादेश के Soumya Sarkar, तथा आयरलैंड के Paul Stirling शामिल थे। अब शानाका ने इन सभी को पीछे छोड़ दिया।

  • Kevin Irakoze (रवांडा)
  • Zappy Bimenyimana (रवांडा)
  • Martin Akayezu (रवांडा)
  • Soumya Sarkar (बांग्लादेश)
  • Paul Stirling (आयरलैंड)

Full‑Member देशों का मुकाबला देखें तो भारत के पूर्व कप्तान Rohit Sharma के पास 12 डक्स हैं, जो शानाका से दो कम हैं। स्रीलंके के भीतर Tillakaratne Dilshan के 10 और Lasith Malinga के 9 डक्स सबसे अधिक हैं, पर शानाका का रिकॉर्ड उनसे भी आगे है।

शानाका का करियर और योगदान

शानाका का करियर और योगदान

डक्स का यह रिकॉर्ड बुरा लग सकता है, पर शानाका का समग्र प्रभाव टेबल टॉप से बहुत आगे है। T20I में उसने 1,601 रन बनाए हैं, औसत 20.26 और स्ट्राइक‑रेट 123.05 के साथ। यह आंकड़ा दिखाता है कि जब वह घुटन नहीं करता, तो वह टीम को तेज़ स्कोर देने में सक्षम है।

ऑल‑राउंडर के तौर पर उसकी बॉलिंग भी उल्लेखनीय है—38 विकेट, औसत 22.86, और इकोनॉमी 7.3 रन प्रति ओवर। अक्सर कठिन परिस्थितियों में वह मध्य‑ओवर में विकेट लेने और दबाव बनाए रखने में सफल रहा है। इस के साथ, वह कई बार मैच‑फिनिशर के रूप में धावकों को जीत तक ले गया है।

शानाका की भूमिका केवल बॅटिंग या बॉलिंग तक सीमित नहीं है; वह टीम का भावनात्मक नेता भी है। एशिया कप के इस मैच में जब टीम को शुरुआती झटका लगा, तब उसके नेतृत्व में मैदान को संभालने की कोशिश की गई। कई विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के हाई‑प्रेशर स्थिति में भी वह अपने साइड के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित कर सकता है।

डक्स का रिकॉर्ड दिखाता है कि T20I क्रिकेट में निरंतर स्कोरिंग कितनी चुनौतीपूर्ण है। पहले गेंद से ही तेज़ रन बनाना, सीमित गेंदों में जोखिम उठाना और पिच के छोटे‑छोटे बदलावों पर जल्दी अनुकूल होना आवश्यक है। शानाका की इस नई स्थिति ने एक बार फिर यह बात साबित की कि महान खिलाड़ी भी कभी‑कभी कठिनाइयों का सामना करते हैं, पर उनकी पूरी कहानी उनके पूरे योगदान से ही समझी जा सकती है।

6 जवाब

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey सितंबर 24, 2025 AT 19:56

T20I में डक्स का रिकॉर्ड देखना हमेशा दिलचस्प होता है 😊 शानाका का 14वाँ डक्स वास्तव में एक माइलस्टोन है, लेकिन यह अकेले उनके कुल प्रदर्शन को नहीं बताता। वह 102 बार बॉलिंग के बाद भी 1,601 रन बना चुका है, जो औसत 20.26 और स्ट्राइक‑रेट 123.05 दर्शाता है। इस तरह के आँकड़े दिखाते हैं कि जब वह आउट नहीं होता, तो वह टीम को तेज़ स्कोर कराने में सक्षम है। साथ ही उसकी ऑल‑राउंडर भूमिका को नजरअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए 😅

Simi Singh
Simi Singh सितंबर 24, 2025 AT 20:46

ऐसा लग रहा है कि शानाका का डक्स रिकॉर्ड सिर्फ व्यक्तिगत असफलता नहीं, बल्कि बड़ी साजिश का हिस्सा है। क्रिकेट बोर्ड के अंदर के चुनावी machinations और स्पॉन्सरशिप डील्स अक्सर ऐसे आंकड़ों को हाइलाइट करने के लिए घुड़सवार होते हैं। अगर हम देखेंगे तो इसी समय कई अनजाने खिलाड़ी भी अचानक स्कोर में गिरावट दिखा रहे हैं, जो संकेत देता है कि बाहरी दबाव काम कर रहा है। इसलिए यह रिकॉर्ड सिर्फ शानाका की कमी नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता है।

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar सितंबर 24, 2025 AT 21:53

उसका दिल अभी भी धड़क रहा है।

Ganesh kumar Pramanik
Ganesh kumar Pramanik सितंबर 24, 2025 AT 23:16

यार ये आंकड़ा देखके तो दिमाग में ही घूमेंगा, शानाका का डक्स नंबर सच में जबरदस्त है! लेकिन मैं सोचता हूँ कि इस पूरा मैच में उसकी टीम के दूसरे खिलाडियों की फॉर्म भी उतनी ही उतार‑चढ़ाव वाली रही होगी। अगर उसके साथियों ने भी थोड़ी‑बहुत सहारा दिया होता, तो शायद ये डक्स नहीं होते। वैसे भी क्रिकेट में कभी‑कभी ऐसे स्ट्राइक‑ऑफ़ होते हैं जहाँ रैंडम रन‑ऑफ़ की संभावना देखनी पड़ती है। तो चलो, शानाका के इस रिकॉर्ड को एक चैलेंज की तरह लेते हैं, न कि सिर्फ फेलियर का सिलेबस।

Abhishek maurya
Abhishek maurya सितंबर 25, 2025 AT 00:40

शानाका का डक्स रिकॉर्ड सिर्फ एक संख्यात्मक तथ्य नहीं, यह आधुनिक T20I खेल की जटिलताओं को उजागर करता है।
पहले यह दिखाता है कि बैटिंग में निरंतरता कितनी कठिन हो गई है, विशेषकर जब पिच की परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं होती।
दूसरा, यह रुख दिखाता है कि टीम की रणनीति में मध्य‑ओवर में जोखिम लेना कितना महत्त्वपूर्ण है।
शानाका की औसत 20.26 और स्ट्राइक‑रेट 123.05 यह दर्शाते हैं कि जब वह आउट नहीं होता, तो वह बहुत तेज़ी से रन बनाता है।
फिर भी, उसकी 14 डक्स यह साबित करती हैं कि कभी‑कभी वह शुरुआती ओवर में झटके का शिकार हो जाता है।
यह स्थिति विशेष रूप से उन युवा बॉलरों के लिए चुनौतीपूर्ण है जो बदलाव के साथ सामंजस्य बिठाने में संघर्ष करते हैं।
शानाका के मामले में, उसके कैप्टेन के तौर पर मानसिक दबाव भी एक कारक हो सकता है, क्योंकि वह टीम को प्रेरित करने के साथ-साथ अपनी खुद की बल्लेबाज़ी पर भी ध्यान देता है।
ऐतिहासिक रूप से देखें तो, वही खिलाड़ी जिन्होंने समान स्तर के डक्स देखे, अक्सर अपने करियर के मध्य में अपने खेल के पहलू बदलकर पुनरुत्थान पाए हैं।
इसलिए यह कहा जा सकता है कि शानाका के पास भी इस रूट को बदलने का अवसर है, बशर्ते वह अपनी तकनीक में छोटे‑छोटे समायोजन करे।
एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इस रिकॉर्ड ने कई विश्लेषकों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या T20I में अक्सर ऐसे “डक्स‑बॉलर्स” का उदय होगा।
डेटा एनालिटिक्स दर्शाते हैं कि लगभग 8% खिलाड़ी 10‑12 डक्स तक पहुँचते हैं, जबकि शानाका का प्रतिशत उल्लेखनीय रूप से अधिक है।
इस असमानता को देखते हुए, कोचिंग स्टाफ को उसकी मानसिक तैयारी में अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए, ताकि वह निरंतरता बनाकर रख सके।
साथ ही, चयनकर्ताओं को भी यह ध्यान रखना चाहिए कि केवल डक्स संख्या से खिलाड़ी का मूल्यांकन न किया जाए, बल्कि उसकी ऑल‑राउंडर क्षमताओं को भी समग्र रूप में देखें।
अंत में, यह रिकॉर्ड शानाका को एक नई चुनौती देता है कि वह अपने गेम‑प्लान को पुनः मूल्यांकन करे और भविष्य में कम डक्स के साथ बेहतर प्रदर्शन करे।
और सबसे महत्वपूर्ण, क्रिकेट प्रेमियों को इस आँकड़े को सिर्फ नकारात्मक लेंस से नहीं, बल्कि एक सीख के रूप में देखना चाहिए, जिससे खेल की विविधता और जटिलता का सम्मान हो सके।

Sri Prasanna
Sri Prasanna सितंबर 25, 2025 AT 02:03

मैं कहूँगा कि डक्स का रिकॉर्ड नैतिक गिरावट का संकेत है लेकिन यह सब व्यक्तिगत दोष नहीं है यह टीम की संरचना की कमी को दर्शाता है और हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि कैसे दबावपूर्ण परिस्थितियों में खिलाड़ियों को समर्थन दिया जाए

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