मोंडो डुप्लांटिस ने तोड़ा विश्व रिकॉर्ड, जीता स्वर्ण पदक, सैम केंड्रिक ने जीता रजत पदक

अगस्त 6, 2024 20 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

मोंडो डुप्लांटिस ने तोड़ा विश्व रिकॉर्ड, जीता स्वर्ण पदक

पेरिस ओलंपिक्स में स्वीडन के अर्मांड 'मोंडो' डुप्लांटिस ने पोल वॉल्ट के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 6.25 मीटर की ऊंचाई पार करके अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया और लगातार दूसरा ओलंपिक स्वर्ण पदक अपने नाम किया। डुप्लांटिस ने अपने इस करिश्माई प्रदर्शन के जरिए साबित कर दिया कि वे इस समय के सर्वश्रेष्ठ पोल वॉल्ट खिलाड़ी हैं।

यह नौवां मौका था जब डुप्लांटिस ने विश्व रिकॉर्ड तोड़ा था। इस प्रतिस्पर्धा में अमेरिका के सैम केंड्रिक ने भी अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और 5.95 मीटर की ऊंचाई पार कर रजत पदक जीता। वहीं, ग्रीस के इमैनोइल करालिस ने 5.90 मीटर की ऊंचाई पार कर कांस्य पदक जीता।

मोंडो डुप्लांटिस का सफर

मोंडो डुप्लांटिस का सफर

डुप्लांटिस का जन्म लुइसियाना में हुआ और वे स्वीडन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। फरवरी 2020 से पोल वॉल्ट में उनका दबदबा कायम है। उन्होंने न केवल चार विश्व चैंपियनशिप जीती हैं, बल्कि ओलंपिक में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक भी जीता है। डुप्लांटिस की इस सफलता की तुलना जिम्नास्टिक्स में सिमोन बाइल्स और स्विमिंग में केटी लेडेकी की समानांतरण के रूप में की जा रही है।

परिवार की पारिवारिक धरोहर

डुप्लांटिस के पिता भी अमेरिका में पोल वॉल्टर थे और उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 5.80 मीटर का था, जो उन्होंने 1993 में हासिल किया था। ऐसे में कहा जा सकता है कि पोल वॉल्ट की प्रतिभा उनके परिवार में पहले से ही मौजूद थी। डुप्लांटिस ने लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की और 2018 में स्वीडिश नवागंतुक खिलाड़ी के रूप में नामित हुए। उन्होंने 2019, 2021 और 2022 में स्वीडिश पुरुष एथलीट ऑफ द ईयर का खिताब भी जीता।

सैम केंड्रिक का प्रदर्शन

सैम केंड्रिक का प्रदर्शन

सैम केंड्रिक, एक पूर्व ओले मिस ट्रैक एंड फील्ड स्टार हैं, जिन्होंने अब दूसरा ओलंपिक पदक जीता है। 2016 ओलंपिक्स में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। 2021 ओलंपिक्स में कोविड-19 के पॉजिटिव टेस्ट की वजह से वे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाए थे। इस बार, अपने शानदार प्रदर्शन के साथ, उन्होंने अपनी सफलता की सूची में एक और उपलब्धि जोड़ दी।

केंड्रिक ने दो बार NCAA आउटडोर चैंपियनशिप भी जीती है और 2014 से ओले मिस पोल वॉल्ट रिकॉर्ड के धारक भी हैं। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें पोल वॉल्ट में एक स्थापित खिलाड़ी बना दिया है।

युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा

मोंडो डुप्लांटिस और सैम केंड्रिक के इस प्रदर्शन ने न केवल उनकी व्यक्तिगत योग्यता को साबित किया है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा बन गए हैं। दोनों ने दिखाया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ कैसी भी ऊंचाई पार की जा सकती है।

इस ओलंपिक मुकाबले में इन खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट खेल के माध्यम से एक नया मानदंड स्थापित किया है। डुप्लांटिस का विश्व रिकॉर्ड तोड़ना और केंड्रिक का बेहतर प्रदर्शन करना, दोनों ने ही पोल वॉल्ट की दुनिया में एक नया अध्याय जोड़ा है।

20 जवाब

Ajit Navraj Hans
Ajit Navraj Hans अगस्त 6, 2024 AT 21:35

भाई मोंडो ने 6.25 मीटर से रिकॉर्ड तोड़ दिया और फिर से स्वर्ण पदक लेकर आया

arjun jowo
arjun jowo अगस्त 10, 2024 AT 08:55

सच में ये काबिल‑ए‑तेरिह़ है पर देखो केंड्रिक भी पीछे नहीं छूट रहा

Rajan Jayswal
Rajan Jayswal अगस्त 13, 2024 AT 20:15

दोनों ने सबको चौंका दिया

Simi Joseph
Simi Joseph अगस्त 17, 2024 AT 07:35

इतना रिकॉर्ड तोड़ना तो हर साल नहीं होता, अब देखना पड़ता है कब तक ये रेंजर बना रहता है

Vaneesha Krishnan
Vaneesha Krishnan अगस्त 20, 2024 AT 18:55

दिल से बधाई मोंडो को 🎉 पर साथ ही केंड्रिक की कड़ी मेहनत को नहीं भूल सकते 🙌

Satya Pal
Satya Pal अगस्त 24, 2024 AT 06:15

मैं तो कहूँगा की मैरी फोकस थोडा कम था लेकिन मोंडो का जज्बा लाजवाब है

Partho Roy
Partho Roy अगस्त 27, 2024 AT 17:35

वॉलेट के इस खेल में तकनीकी और मानसिक तैयारी दोनों का संतुलन होना जरूरी है
मोंडो ने अपने शरीर को ऐसे तैयार किया जैसे हर कूद में अभ्यर्थी नयी कहानी लिख रहा हो
वो जितना ऊंचा जाता है, दर्शकों का उत्साह भी उतना ही बढ़ता है
इस सफलता में उसके कोच की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
कोच ने हर छोटे-छोटे विवरण पर ध्यान दिया, जैसे कि रन‑अप की गति और हाथों की स्थिति
केंड्रिक ने भी अपने अनुभव से सबक सीखकर इस बार रजत पदक पाया
अमेरिकन ट्रैक‑फ़ील्ड ने पिछले वर्षों में कई बार अपने एथलीट को विश्व मंच पर दिखाया है
लेकिन आज की प्रतियोगिता में स्वीडिश और अमेरिकी एथलीट एक ही स्तर पर थे
जब मोंडो ने 6.25 मीटर पार किया, तो टाइमिंग सिस्टम ने भी तुरंत इस उपलब्धि को रिकॉर्ड किया
यह रिकॉर्ड केवल मेट्रिक नहीं, बल्कि प्रेरणा की भी तालिका बन गया
नयी पीढ़ी के युवा एथलीट इस से सीखेंगे कि लक्ष्य तय करो और निरंतर मेहनत करो
ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के ट्रेनिंग सेंटर्स को भी अपनी सुविधाएं बेहतर बनानी चाहिए
क्योंकि विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है और शिक्षा का स्तर भी
अंत में कहा जा सकता है कि मोंडो की जीत एक राष्ट्रीय गर्व की बात है
और केंड्रिक की लगातार सुधार ने यह दिखाया कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती

Ahmad Dala
Ahmad Dala अगस्त 31, 2024 AT 04:55

मुझे तो लगता है कि ये सब मेहँगा दिखावा है, असली खेल तो कसरत में है

RajAditya Das
RajAditya Das सितंबर 3, 2024 AT 16:15

हाहाह 😂

Harshil Gupta
Harshil Gupta सितंबर 7, 2024 AT 03:35

कोचिंग साइड से देखूँ तो दोनों ने अपने-अपने सीमाओं को पार किया है

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey सितंबर 10, 2024 AT 14:55

ज्यादा भावनात्मक मत बनो 🙄

Simi Singh
Simi Singh सितंबर 14, 2024 AT 02:15

शायद पीछे कोई बड़ा साज़िश चल रही है, इस तरह के रिकॉर्ड अचानक क्यों आए

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar सितंबर 17, 2024 AT 13:35

बहुत अच्छा लगा यह समाचार

Ganesh kumar Pramanik
Ganesh kumar Pramanik सितंबर 21, 2024 AT 00:55

इब देखो कैसे दूनिया में स्पोर्ट्स ऐडवांस हो रहा है, मज़ा आ गया

Abhishek maurya
Abhishek maurya सितंबर 24, 2024 AT 12:15

हां भाई, इस तरह की उपलब्धियों से देश का मान बढ़ता है और युवा को प्रेरणा मिलती है

पर साथ ही हमें इन एथलेट्स के लिए बुनियादी सुविधाएं भी बढ़ानी चाहिए

अगर स्टेडियम, कोचिंग और फंडिंग ठीक रहे तो और भी रिकॉर्ड बनेंगे

अब देखना यही है कि अगला कौन सी तरह का नया इतिहास रचेगा

Sri Prasanna
Sri Prasanna सितंबर 27, 2024 AT 23:35

सभी को बधाई नहीं देना चाहिए, कुछ घटाया भी जा सकता है

Sumitra Nair
Sumitra Nair अक्तूबर 1, 2024 AT 10:55

यह उपलब्धि निःसंदेह विश्व इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रखेगी, आपके सभी प्रयासों को सलाम और बधाई 🌟

Ashish Pundir
Ashish Pundir अक्तूबर 4, 2024 AT 22:15

पोल वॉल्ट में तकनीक का विकास निरंतर होता रहेगा

अगले चक्र में नई ऊँचाईयों की उम्मीद है

सबको शुभकामनाएँ

gaurav rawat
gaurav rawat अक्तूबर 8, 2024 AT 09:35

yeah bro, training hard और सपोर्ट देते रहेंगे 🤙

Vakiya dinesh Bharvad
Vakiya dinesh Bharvad अक्तूबर 11, 2024 AT 20:55

इसी तरह की जीत से भारत में भी एथलेटिक्स को धक्का मिलेगा :)

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