पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएसजी) ने ल्योन के खिलाफ 2-1 की जीत दर्ज कर फ्रेंच कप फाइनल अपने नाम कर लिया। यह जीत खास थी क्योंकि यह स्टार फुटबॉलर काइलियन एमबाप्पे की पीएसजी के लिए आखिरी ट्रॉफी थी। एमबाप्पे ने इस मुकाबले में अपने क्लब रिकॉर्ड 256 गोलों में कोई इजाफा नहीं किया, लेकिन टीम को विजयी बनाकर अपने सफर को अलविदा कहा।
फ्रेंच कप फाइनल में ओस्मान डेम्बेले और फेबियन रुज़ ने गोल कर टीम को आगे बढ़ाया। दोनों खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता और पीएसजी को रिकॉर्ड 15वीं बार फ्रेंच कप दिलाई। डेम्बेले का यह गोल उनके करियर का एक अहम पड़ाव बन गया।
काइलियन एमबाप्पे, जिन्होंने 2017 में पीएसजी में शामिल होकर 308 मैच खेले और 256 गोल अपने नाम किए, ने इस फाइनल मैच को अपने फेयरवेल के रूप में देखा। वह अब रियल मैड्रिड के साथ अपने करियर की नई यात्रा शुरू करेंगे। उनके फेयरवेल मैच में किसी ने नहीं सोचा था कि वह गोल नहीं बना पाएंगे, लेकिन उन्होंने टीम को मेहनत की मिसाल बनाकर जीत दिलाई।
इस जीत के साथ ही पीएसजी ने इस सीजन में घरेलू डबल जीत पूरा कर लिया। पीएसजी ने इस सीजन में पहली बार लुईस एनरिक के नेतृत्व में लीग और कप दोनों ट्रॉफी अपने नाम कीं। यह जीत एनरिक के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है क्योंकि यह उनका कोच के रूप में पहला ही सीजन था।
हालांकि पीएसजी ने इस सीजन में बड़ी उपलब्धियां हासिल की, लेकिन उनकी चैंपियंस लीग में सेमीफाइनल में बोरुसिया डॉर्टमुंड के खिलाफ हार ने टीम को निराश कर दिया। टीम की यह हार उनके लिए सुधार के नए मौके लेकर आई है और वे अगले सीजन में इससे बेहतर प्रदर्शन करने का संकल्प लिया है।
फाइनल मैच की शुरुआत से पहले ही दोनों टीमों के समर्थकों के बीच झड़पें हो गईं, जिसमें दो कोचों पर आग लगाई गई और लगभग 20 समर्थकों को हल्की चोटें आईं। यह घटना फाइनल के माहौल पर एक काला साया बनकर आई, लेकिन इससे खिलाड़ियों का उत्साह कम नहीं हुआ।
फ्रेंच कप की इस रोमांचक जीत ने एमबाप्पे और पीएसजी दोनों के ही इतिहास में एक यादगार पन्ना जोड़ दिया है। अगले सीजन में काइलियन एमबाप्पे को रियल मैड्रिड में नई चुनौतियों का सामना करना होगा, वहीं पीएसजी को उनके बिना आगे बढ़ना होगा।
10 जवाब
एम्बाप्पे की विदाई शानदार थी लेकिन पीएसजी को आगे के सज़ा चाहिए
फ्रेंच कप का इतिहास सदियों से गौरवशाली रहा है।
आज का विजयी क्षण पेरिस सेंट-जर्मेन के लिए एक नई परिपूर्णता का प्रतीक है।
काइलियन एम्बाप्पे का विदाई प्रदर्शन एक दार्शनिक विदाई है, जहाँ व्यक्तिगत उपलब्धियों का परे टीम की सामूहिक सफलताएं महत्व रखती हैं।
यह यादगार क्षण हमें स्मरण कराता है कि खेल केवल आँकड़े नहीं, बल्कि भावनाओं का संगम है।
एम्बाप्पे ने 256 गोलों की अद्भुत उपलब्धि को पीछे छोड़ते हुए नवीनतम अध्याय की ओर कदम रखा है।
उसके बाद के खिलाड़ी और कोच भी इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिये प्रेरित होंगे।
ओस्मान डेम्बेले और फेबियन रुज़ की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, क्योंकि उन्होंने टीम को निर्णायक गति दी।
फ्रेंच फुटबॉल की सांस्कृतिक धरोहर को देखते हुए यह जीत राष्ट्रीय गर्व को पुनः पुष्ट करती है।
इस जीत में लुईस एनरिक की कोचिंग रणनीति ने स्पष्ट प्रभाव दिखाया, जो पहली सत्र में ही उल्लेखनीय था।
हालांकि चैंपियंस लीग में असफलता एक कड़वा स्वाद छोड़ गई, परंतु यह अभिसरण का भाग है जो भविष्य में सुधार की नींव रखेगा।
समर्थकों के बीच हुए तनावपूर्ण घटनाओं ने दर्शाया कि खेल का सामाजिक पहलू कितना जटिल है।
फिर भी खिलाड़ियों की दृढ़ता ने नकारात्मक ऊर्जा को पराजित किया।
इस प्रकार पीएसजी ने न केवल कप बल्कि आत्मा की भी जीत हासिल की है।
भविष्य में इस टीम का मार्ग और भी उज्ज्वल होने की संभावना है।
इस विजय को स्मृतियों में संजोया जाना चाहिए, क्योंकि यह आने वाले कई पीढ़ियों को प्रेरित करेगी 😊।
वाकइ में अतिशयोक्ति है, वास्तविकता अधिक जटिल
वाह भाई! डेम्बेले और रुज़ ने खेल में जान फूँक दी 🙌
एम्बाप्पे को फेयरवेल देते हुए टीम ने असली हीरोइकेस दिखा 😊
आशा है नई टीम भी ऐसे ही जोश से खेलेगी।
हमारी फ्रांसीसी संस्कृति में ऐसे फाइनल हमेशा उत्सव का कारण बनते हैं :)
इस जीत से कई युवा खिलाड़ी प्रेरित होंगे ;)
भाई ये मैच तो बिलकुल बोरिंग था, डेम्बेले का गोल भी देख कर नींद आ गई।
फाइनल में हिंसा देख के लग रहा था जैसे सिनेमा का सेक्शन हो।
डेम्बेले ने दो मिनट में ही गोल किया था, इससे टीम का मनोज्ञान तुरंत बदल गया।
फाइनल में कुल शॉट्स 23 थे, जिसमें से 12 लक्ष्य पर पहुँचे।
एम्बाप्पे की विदाई को देखते हुए युवा स्ट्राइकरों को अब अधिक अवसर मिलेंगे।
आशा है अगले सीज़न में पीएसजी अपने आक्रमण को और बेहतर बना सकेगा।
फैनवॉर्मी सिर्फ पृष्ठभूमि है, असली खेल का मापदंड जीत है।
सभी समर्थकों को बधाई, यह जीत समग्र प्रयास का परिणाम है।
भविष्य में विविधता और टीम वर्क को और मजबूत बनाना चाहिए।
चलो सब मिलकर अगले सीज़न की तैयारी में जुटते हैं, टीम का भरोसा नहीं टूटना चाहिए।