इलेक्ट्रिक वाहन – सब कुछ जो आपको जानना चाहिए

जब हम इलेक्ट्रिक वाहन, बिजली से चलने वाले वाहन, जो पेट्रोल‑डिज़ल के मुकाबले कम कार्बन उत्सर्जन देते हैं. Also known as ई‑वी, यह तकनीक हमारे ट्रैफ़िक के पर्यावरणीय प्रभाव को घटाने में अहम भूमिका निभाती है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या पिछले पाँच साल में दो‑तीन गुना बढ़ी है और आगे भी तेजी से बढ़ने की संभावना है। यह सिर्फ कार नहीं, बल्कि दो‑पहिया, ट्रक, बस और यहाँ तक की एरियल मोबिलिटी भी शामिल है। क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन इलेक्ट्रिक वाहन का मुख्य आकर्षण ऊर्जा की लागत कम होना और शोर में घटाव है, इसलिए हर घर और व्यवसाय इसे अपनाने की सोच रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहन के दिल में लीथियम‑आयन बैटरी, उच्च ऊर्जा घनत्व, कम वजन और लंबी साइकल लाइफ़ वाली बैटरी तकनीक रहती है। बैटरी की क्षमता सीधे रेंज पर असर डालती है, इसलिए बैटरी प्रौद्योगिकी में हर छोटा‑बड़ा सुधार वाहन की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाता है। भारत की प्रमुख ऑटो कंपनियां अब स्थानीय स्तर पर बैटरी मॉड्यूल बनाना शुरू कर चुकी हैं, जिससे लागत में 30% तक की बचत संभव हो रही है। साथ ही, बैटरी रीसायक्लिंग के लिए नई नीतियां तैयार हो रही हैं, जिससे पर्यावरणीय लाभ दो‑गुना हो रहा है। इस बीच, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट चार्जिंग स्टेशन, फास्ट चार्जर, और घरेलू चार्ज पॉइंट्स का नेटवर्क भी तेज़ी से विकसित हो रहा है। शहरों में फास्ट चार्जर की संख्या 2023‑2025 के बीच दोगुनी हो गई है, जिससे ई‑वी 30 मिनट में 80% चार्ज कर सके।

नीति, प्रोत्साहन और भविष्य की दिशा

सरकारी नीतियों का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में बड़ा प्रभाव है। FAME II योजना, फ्लोटिंग एग्रीमेंट फॉर मैन्युफैक्चरिंग एलीमेंट्स, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सब्सिडी देती है ने पहली बार 2024 में 10,000 कोई टन CO₂ बचाव में मदद की है। इसके अलावा, राज्य स्तर पर भी रजिस्ट्री शुल्क में छूट, रस्ते टैक्स में कमी और टैक्टिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर लाइसेंसिंग को आसान बनाकर निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है। नीति की वजह से कई स्टार्ट‑अप ने फास्ट‑चार्ज नेटवर्क बनाना शुरू किया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी इलेक्ट्रिक वाहन चलाना सम्भव हो रहा है।

इन तीन मुख्य घटकों—बैटरी, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकारी नीति—के बीच आपसी जुड़ाव स्पष्ट है: बैटरी तकनीक में सुधार इलेक्ट्रिक वाहन की रेंज बढ़ाता है, रेंज बढ़ने से अधिक चार्जिंग पॉइंट्स की मांग पैदा होती है, और नीति‑समर्थन इन दोनों को तेज़ी से स्केल करने का माहौल बनाता है। यही कारण है कि आज हमें हर महीने नई मॉडल्स, नई चार्जिंग सॉल्यूशन्स और नई प्रोत्साहन योजनाएँ दिख रही हैं। इस गतिशील ecosystem को समझना आपके लिए फायदेमंद रहेगा, चाहे आप ख़रीददार हों, निवेशक हों या सिर्फ जानकारी चाहते हों।

नीचे की सूची में हमने उन सभी लेखों को इकट्ठा किया है जो इस टैग “इलेक्ट्रिक वाहन” से जुड़े हैं। आप यहाँ नई बैटरी विकास, फास्ट‑चार्ज तकनीक, सरकारी नीतियों का विस्तृत विश्लेषण और बाजार रुझान देखेंगे। प्रत्येक लेख का अपना अनूठा फोकस है, इसलिए आप अपनी जरूरत के मुताबिक पढ़ सकते हैं— चाहे आप नई कार खरीदने की सोच रहे हों, या अपनी व्यवसायिक फ़्लीट को ई‑वी में बदलना चाहते हों। इन लेखों को पढ़कर आप भविष्य की ट्रेंड्स के लिए तैयार हो सकते हैं और सही निर्णय ले सकते हैं।

Ola Electric के शेयरों में 14% उछाल, 52‑हफ्ते के न्यूनतम पर फिर से भरोसा
सितंबर 26, 2025 Priyadharshini Ananthakumar

Ola Electric के शेयरों में 14% उछाल, 52‑हफ्ते के न्यूनतम पर फिर से भरोसा

Ola Electric के शेयर 14% बढ़े, जुलाई में दर्ज 52‑हफ्ते के न्यूनतम ₹39.60 से 70% की उछाल देखी। यह पुनरुद्धार सालाना Sankalp 2025 कार्यक्रम में नई तकनीकों को उजागर करने से आया। कंपनी ने रेऱ एर्थ‑फ्री Ferrite Motor, भारत‑निर्मित बैटरी और AI‑समर्थित ऑपरेटिंग सिस्टम का परिचय दिया, फिर भी शेयर अभी भी IPO कीमत ₹76 से नीचे ट्रेड कर रहे हैं।

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