अगर आप असली पहाड़ियों की हवा और खुली झीलों के शौकीन हैं, तो किर्गिस्तान आपके लिए एक खजाना है। इस छोटे देश में 7 मिलियन से कम लोग रहते हैं, लेकिन हर कोना इतिहास, संगीत और प्रकृति का नया किस्सा बताता है। भारत से सिर्फ कुछ घंटे की उड़ान या ट्रेनों के जरिये आप बिश्केक‑शहर पहुँचा सकते हैं, जहाँ से आगे का सफ़र बस सड़क और पैदल रास्तों पर शुरू होता है।
किर्गिस्तान की सीमा कज़ाखस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से लगती है, इसलिए यहाँ के लोग कई भाषाएँ बोलते हैं – मुख्य भाषा किरगिज़ है, लेकिन रूसी भी बहुत चलन में है। इस मिश्रण ने खाने‑पीने का माहौल भी रंगीन बना दिया है: बेशरमाक (भेड़ की दही) से लेकर लांगोश (पानी में पकाया हुआ नूडल) तक हर चीज़ में स्थानीय मसालों का स्वाद झलकता है।
यहाँ के लोग मेहमान‑नवाज़ी को बड़े दिल से निभाते हैं। शादी‑बारात में परंपरागत युगर (घोड़े) दौड़, साज‑बजा कर गाने और नाचना आम है। राष्ट्रीय गीत “एयर ओफ़ द माउंटेन्स” अक्सर फेस्टिवल्स में बजते हैं, जो पहाड़ों की ऊँचाई को बयां करता है। अगर आप कुछ सीखना चाहते हैं तो किरगिज़ भाषा के छोटे‑छोटे शब्द जैसे "सलाम" (नमस्ते) और "राखीप्सिस" (धन्यवाद) काम आ सकते हैं – लोग इन्हें सुनकर खुशी से मुस्कुरा देंगे।
किर्गिस्तान में सबसे लोकप्रिय जगह इसीक‑कुल जैसे अल्पाइन झील है, जहाँ पानी का रंग नीले‑सफ़ेद स्फ़टिक जैसा दिखता है। सूर्योदय पर बर्फीली चोटियों के पीछे सूर्य की किरणें देखना एक बार नहीं, कई बार याद रहेगा। दूसरी बड़ी आकर्षण हैं ऐतिहासिक शहर ओश – यहाँ की प्राचीन मस्जिद और बाज़ार में आप पुरानी सिल्क रोड की खुशबू महसूस कर सकते हैं। अगर एडवेंचर पसंद है तो टेलेनॉइज़ के ट्रैक पर ऑफ‑रोड ड्राइव या हाईकिंग ट्रेल्स आज़मा सकते हैं; यहाँ का मौसम गर्मियों में भी ठंडा रहता है, इसलिए पैकिंग में हल्का जैकेट रखिएँ।
भोजन प्रेमियों को “बेशरमाक” (भेड़ की दही) और “बॉशोकोविक” (भेड़ के मांस से बनी सॉसेज) जरूर चखनी चाहिए; ये दोनों चीज़ें स्थानीय बाजार में आसानी से मिल जाती हैं। साथ ही, किर्गिस्तान की चाय – हरी चाय या काली चाय, अक्सर शहद और नट्स के साथ परोसी जाती है, जो ठंडी रातों में शरीर को गर्म रखती है।
यात्रा का सबसे आसान तरीका बिश्केक से बस या कार रेंट करना है; रास्ते में आप छोटे‑छोटे गाँवों में थाम कर स्थानीय लोगों की कहानियाँ सुन सकते हैं। कई ट्रैवल एजेंसियां “ट्रेडिंग पोस्ट” टूर भी देती हैं, जहाँ आप पारम्परिक क़िला और हस्तशिल्प खरीद सकते हैं। याद रखें, किर्गिस्तान के पर्वत मौसम जल्दी बदलते हैं, इसलिए यात्रा से पहले स्थानीय समाचार या मौसम पूर्वानुमान देखना बेहतर रहेगा।
समाप्ति में यह कहा जा सकता है कि किर्गिस्तन एक ऐसा देश है जहाँ हर कदम पर नई खोज मिलती है – चाहे वह संस्कृति हो, इतिहास हो या प्राकृतिक सौंदर्य। यदि आप असली मध्य एशिया की झलक चाहते हैं, तो इस जादुई भूमि को अपनी यात्रा सूची में जोड़िएँ, और तैयार रहिएँ अनदेखी कहानियों के लिए।
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हिंसा भड़क उठी है, जहां भीड़ ने भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छात्रों के हॉस्टलों को निशाना बनाया। अशांति स्थानीय लोगों और विदेशी छात्रों के बीच एक हॉस्टल में झड़प के बाद शुरू हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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