अगर आप हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म Longlegs के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। हम सीधे बात करेंगे—कहानी कैसे बनी, कौन‑से एक्शन सीन ज़्यादा असरदार है और क्या यह फ़िल्म वाकई देखनी चाहिए। बिना किसी बड़े शब्दों के, आसान भाषा में बताते हैं कि इस फिल्म ने दर्शकों को क्यों सरप्राइज़ किया।
Longlegs एक थ्रिलर‑ड्रामा है जिसमें एक जासूस की कहानी दिखायी गई है, जो अपने अतीत से बचने के लिए कई देशों में घूमेंगा। फिल्म शुरू होती है जब वह भारत की सीमाओं पर एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क को फॉलो करना शुरू करता है। बीच‑बीच में उसका पुराना दोस्त फिर से सामने आता है और दोनो मिलकर बड़ी साजिश का पर्दाफाश करते हैं। कहानी का सबसे बड़ा मोड़ तब आता है, जब नायक को पता चलता है कि असली खलनायकों की पहचान वह खुद ही थी। यही ट्विस्ट दर्शकों को सीट‑एजेड रख देता है।
मुख्य किरदार में राजीव कर्नाल ने बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है। उनका चेहरे का भाव, आँखों की झलक सब मिलकर तनाव को बढ़ाते हैं। साथ ही सौम्या रैना के एक्शन सीन बहुत ही प्राकृतिक लगते हैं—जैसे वह असली में फाइट कर रही हो। निर्देशक अमन शेरवानी ने कहानी को छोटे‑छोटे चपेट्स में बांटा है, जिससे दर्शक बार‑बार प्रश्न पूछने पर मजबूर हो जाते हैं।
तकनीकी तौर पर फिल्म की साउंड डिज़ाइन और बैकग्राउंड स्कोर बहुत प्रभावी है। हर बॅटल सीन्स में ध्वनि इतनी तेज़ है कि आप सीट से उठ कर खड़े होने का मन करता है। कैमरा वर्क भी काफ़ी सुगम है—वाइड एंगल शॉट्स ने जगह‑जगह के माहौल को जीवंत बना दिया।
फिल्म की लंबाई लगभग दो घंटे है, पर कहानी इतनी तेज़ चलती है कि टाइम का पता ही नहीं चलता। अगर आप थ्रिलर या एक्शन पसंद करते हैं, तो ये फ़िल्म आपके प्लेलिस्ट में जरूर होनी चाहिए।
संक्षेप में कहें तो Longlegs एक ऐसी फ़िल्म है जो आपको सोचने पर मजबूर करती है—क्या आप अपने अंदर के डर का सामना करेंगे? अगर आपके पास समय है, तो इसको देखिए और अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में शेयर करें। हमारे साथ जुड़े रहिये, हम लाते रहेंगे नई‑नई फ़िल्म रिव्यूज़, टॉप 10 लिस्ट्स और बहुत कुछ।
नवीनतम फिल्म 'Longlegs' ने अपनी भयावहता के वादों पर खरा उतरने में चूक की है। Osgood Perkins द्वारा निर्देशित और Nicolas Cage अभिनीत इस फिल्म को 'The Silence of the Lambs' और 'Zodiac' से तुलना की गई थी, लेकिन यह उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाई।
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