‘Longlegs’ फिल्म समीक्षा: डरावनी के वादों पर खरी नहीं उतरी, लेकिन फिर भी दिलचस्प अनुभव

जुलाई 12, 2024 15 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

फिल्म ‘Longlegs’ में Osgood Perkins ने एक ऐसा प्लॉट बुनने की कोशिश की है जो दर्शकों को रोमांचित कर दे, लेकिन अंतत: यह अपने ही वादों पर खरी नहीं उतरी। Nicolas Cage ने इसमें एक शैतानी सीरियल किलर की भूमिका निभाई है, जो अपने क्रूर, सटीक और अप्रत्याशित कृत्यों से लोगों को हैरान कर देता है। हालांकि, फिल्म का मार्केटिंग बहुत भारी-भरकम तरीके से किया गया था, जिसकी वजह से उम्मीदें बहुत ऊंची हो गई थीं।

फिल्म की समीक्षा

‘Longlegs’ की कहाणी वास्तविक जीवन के क्राइम्स से प्रेरित है, जैसे कि Zodiac Killer और Charles Manson के अनुयायियों का आतंक। फिल्म नेहरूपन से भरे तनाव को बड़ी नाटकीयता में बदलने में महारत हासिल की है। Nicolas Cage का प्रदर्शन रहस्यमय सीरियल किलर के रूप में आतंकित करने वाला है और दर्शकों को खौफ से भर देता है। उनकी FBI एजेंट Lee Harker, जो कि Maika Monroe द्वारा निभाई गई है, के साथ की गई बातचीत बहुत तीव्र और गहन है। यहां पर Cage और Monroe दोनों ही अपने-अपने किरदार में डूबे हुए नजर आते हैं।

अभिनय और किरदार

यह फिल्म मानसिक बीमारी को बिना किसी कलंक के प्रस्तुत करती है, जो कि हॉरर जॉनर में एक दुर्लभ बात है। यही कारण है कि फिल्म के किरदारों के बीच के जटिल रिश्ते और उनकी अपने-अपने उद्देश्यों के पीछे की प्रेरणा को बखूबी दिखाया गया है। Cage, Monroe और दूसरे अदाकारों ने एक रहस्य और आतंक की कहानी पूरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो दर्शकों को उनकी सीट पर चिपकाए रखने में सक्षम है।

प्रमुख विशेषताएँ

प्रमुख विशेषताएँ

फिल्म ने अपनी 101 मिनट की रन टाइम के बावजूद काफी कुछ प्रस्तुत करने की कोशिश की है। फिल्म की शुरुआत धीरे-धीरे तनाव बढ़ाते हुए होती है, जो बाद में रहस्य और भयावहता में बदल जाती है। Cage द्वारा निभाया गया सीरियल किलर का किरदार प्रतिनिधित्व करता है एक ऐसे चरित्र को जो अपने कृत्यों से दर्शकों की आत्मा पर गहरी प्रभाव डालता है।

  • किरदारों की गहराई: हर किरदार को खास तरीके से पेश किया गया है, जो उनकी भूमिकाओं को और भी प्रभावशाली बनाता है।
  • भय और सनसनी: फिल्म का मुख्य उद्देश्य दर्शकों को डराना और सनसनी पैदा करना है, जिसमे यह कुछ हद तक सफल भी है।
  • मनोवैज्ञानिक तनाव: फिल्म मानसिक तनाव और भय के साथ निपटने के नए तरीकों को दिखाती है।
  • रहस्य और रहस्योद्घाटन: फिल्म के भीतर के जटिल पथों और उनकी अनसुलझी गुत्थियों को खूबसूरती से दिखाया गया है।

हालांकि, फिल्म इस तरह की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है, जैसी कि 'The Silence of the Lambs' या 'Zodiac' जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों से तुलना किए जाने पर होती। इसका प्लॉट कई जगहों पर थोड़ा कमजोर साबित होता है और कई बार यह दर्शकों को भ्रमित भी करता है। फिर भी Nicolas Cage का अभिनय इसे देखने लायक बनाता है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

‘Longlegs’ एक ऐसी फिल्म है जो अपने मार्केटिंग द्वारा ऊंची उम्मीदें जताने के बाद भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाई, लेकिन अपने अभिनय, निर्देशन और प्रस्तुतिकरण से यह कुछ हद तक दर्शकों को बांधे रखने में सफल रही है। Nicolas Cage का प्रदर्शन और पात्रों की जटिलता इसे एक मस्ट वॉच फिल्म बना देतें हैं। हालांकि, यह फिल्म प्रतीक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाई, लेकिन फिर भी इसमें कुछ ऐसा है जो हॉरर फिल्म प्रेमियों को जरूर आकर्षित करेगा।

15 जवाब

Sanjit Mondal
Sanjit Mondal जुलाई 12, 2024 AT 20:03

फ़िल्म की निरंतर तनावपूर्ण वाइब को देखते हुए, Osgood Perkins की कहानी बुनाई सराहनीय है 😊। मार्केटिंग ने उम्मीदों को बहुत ऊँचा बना दिया, इसलिए कई दर्शक निराश हुए। Nicolas Cage का किरदार अंधेरे में चमकता दिखता है, जो फिल्म की मुख्य आकर्षण है। मनोवैज्ञानिक तनाव को दर्शाने का तरीका दिलचस्प है, लेकिन कभी‑कभी जटिल लग सकता है। कुल मिलाकर, फिल्म में कई नज़रिए से खुशी और निराशा दोनों मौजूद हैं।

Ajit Navraj Hans
Ajit Navraj Hans जुलाई 12, 2024 AT 21:43

बिलकुल सही, पर सस्पेंस में थोड़ा झटका कम है

arjun jowo
arjun jowo जुलाई 12, 2024 AT 23:23

मैंने ‘Longlegs’ देखी और पेहले के दो घंटे में सोचा कि कहानी आगे बढ़ेगी। फिल्म में किरदारों के रिश्ते काफी जटिल हैं, इसलिए दिमाग को एकदम हिलाने वाला लगता है। देखिए, Nicolas Cage का एंट्री सीन बहुत ज़ोरदार है, जो तुरंत ध्यान खींचता है। साथ ही Maika Monroe का अभिनय भी काफी गहरा है, जो फीलिंग को बढ़ाता है। अंत में थोड़ा निराशा महसूस हुई पर फिर भी देखने लायक है।

Rajan Jayswal
Rajan Jayswal जुलाई 13, 2024 AT 01:03

सच में, कहानी थोड़ी उलझी हुई है, पर दमदार है

Simi Joseph
Simi Joseph जुलाई 13, 2024 AT 02:43

बिल्ली के भी बर्ताव से बेहतर नहीं लगता ये फिल्म, मार्केटिंग की स्याही में खिंचा गया।

Vaneesha Krishnan
Vaneesha Krishnan जुलाई 13, 2024 AT 04:23

टोन थोड़ा कठोर है, लेकिन कई लोग इसे एग्ज़ाइटिंग मानेंगे 😅। हर एक सीन में कुछ न कुछ नया है, तो कोशिश तो देखो।

Satya Pal
Satya Pal जुलाई 13, 2024 AT 06:03

Longlegs की कहानी को मैं काफी जटिल पाता हूँ। पहला अधिनियम दर्शकों को धीरे‑धीरे माहौल में घुसेड़ता है। वहीँ दूसरी सीन में अचानक गहरा अंधेरा छा जाता है। Cage का प्रदर्शन हमेशा ही अडिग रहता है, चाहे वह किस्म के दृश्य हों। परंतु पटकथा में कई जगहें ऐसे हैं जहाँ तर्क भुला दिया गया है। कभी‑कभी संवाद इतना कॉम्प्लिकेटेड लगता है कि दर्शक को समझने में दिक्कत होती है। यहाँ तक कि कुछ दृश्य में बैकग्राउंड म्यूजिक भी बेमेल लगता है। मेनलाइफ में दिलचस्पी देखी तो थी, पर एडीटिंग की गति बहुत तेज़ थी। कुल मिलाकर फिल्म ने कुछ असली डर नहीं दिया, बस सतह पर एक हल्का पर्वत बन गया। फिर भी मैं इस फिल्म को कुछ लोगों को जरूर सुझाऊँगा जो सस्पेंस की तलाश में हैं। ऐसा नहीं है कि यह पूरी तरह बेकार है, बल्कि इसके कुछ हिस्से बहुत ही कस्टर्ड हैं। दिलचस्प बात यह है कि इसमें ज़्यादातर किरदारों के पास अपनी गहरी बैकस्टोरी है। परन्तु उन बैकस्टोरी को बताने का तरीका अक्सर लम्बा और बेकार लगता है। एडवांस्ड टेक्नीक और साउंड डिज़ाइन को देखते हुए, प्रोडक्शन वैल्यू अच्छा है। फिर भी, मार्केटिंग की बेडौल थैली से बहुत अधिक उम्मीदें जगा लीं, जो अंत में निराशा में बदली।

Partho Roy
Partho Roy जुलाई 13, 2024 AT 07:43

हर एक सीन का एक अपना इको है, और कभी‑कभी वह इको बहुत लंबा खिंच जाता है। मैं सोचता हूँ कि निर्देशक ने गहरी बातों को ऊपर से हल्का बनाकर पेश किया है, जिससे दर्शकों को थोड़ा झटका मिल सके। लेकिन अक्सर यह हल्कापन कहानी को फिजूल बनाता है और दर्शक को बोर कर देता है। फिर भी, संगीत और ध्वनि प्रभाव बहुत शानदार हैं, जो सस्पेंस को जीवित रखते हैं। किरदारों की जटिलताओं को समझने में थोड़ा समय लग सकता है, पर एक बार समझ आया तो मज़ा आ जाता है। इस तरह की फिल्में अक्सर हमें हमारे भीतर के डर से रूबरू कराती हैं, जो कि एक सकारात्मक पहलू है।

Ahmad Dala
Ahmad Dala जुलाई 13, 2024 AT 09:23

फिल्म की आध्यात्मिक गहराई को समझना आसान नहीं, पर यह एक कलात्मक प्रयोग जैसा लगता है। इसमें कुछ दृश्य इतने रंगीन और जीवंत हैं कि मन में चमक उठती है। हालांकि, कभी‑कभी कहानी का प्रवाह जैसे रेत में पानी की तरह फिसल जाता है। कुल मिलाकर, इसमें दोधारी तलवार की तरह अच्छाई और बुराई दोनों ही मौजूद हैं।

RajAditya Das
RajAditya Das जुलाई 13, 2024 AT 11:03

बिलकुल, थोड़ा अधिक स्पष्टता चाहिए 😐

Harshil Gupta
Harshil Gupta जुलाई 13, 2024 AT 12:43

यदि आप इस फिल्म को एक बार देख चुके हैं और अभी भी सोच रहे हैं कि क्या यह काम आई, तो मैं सुझाव दूँगा कि आप किरदारों के बैकस्टोरी पर ध्यान दें। उन छोटे‑छोटे संकेतों को पकड़ना, कहानी को पूरी तरह समझने में मदद करेगा। साथ ही, साउंड डिज़ाइन पर एक बार फिर गौर करना वाकई में फायदेमंद रहेगा, क्योंकि वह कई बार भावनात्मक पलों को बढ़ा देता है। अगर आप डरावनी फिल्में पसंद करते हैं, तो ये छोटे‑छोटे तनाव के पल काफी काम आएँगे। अंत में, मार्केटिंग के अतिरंजित विज्ञापनों को एक तरफ रखकर, फिल्म के असली तत्व को सराहना चाहिए।

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey जुलाई 13, 2024 AT 14:23

हम्म, मार्केटिंग का हिस्सा तो ठीक है, पर असली मुद्दा कहानी की जटिलता ही है। कई बार निर्देशक ने बहुत सारे प्लेटफ़ॉर्म डाल दिए, जिससे सैद्धांतिक रहस्य गड़बड़ हो जाता है। इसलिए, दर्शकों को एंगेज रखने के लिए और सशक्त वैकल्पिक विचारों की जरूरत है। :)

Simi Singh
Simi Singh जुलाई 13, 2024 AT 16:03

मैं यह मानता हूँ कि ‘Longlegs’ की असफलता का मुख्य कारण सिर्फ़ फ़िल्म नहीं, बल्कि एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। लाइटिंग, साउंड, और यहां तक कि पोस्ट‑प्रोडक्शन सारे कदम एक गुप्त समूह द्वारा कंट्रोल किए गए हैं, जो जनता को भ्रमित करने के लिए इस फिल्म को बज़वर्ड बनाते हैं। इसको देखते हुए, हमें इस तरह की फ़िल्मों से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि वे अक्सर गुप्त संदेशों को छुपाते हैं।

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar जुलाई 13, 2024 AT 17:43

यह सब बहुत ज़्यादा है।

Ganesh kumar Pramanik
Ganesh kumar Pramanik जुलाई 13, 2024 AT 19:23

शायद हम सब को थोड़ा बैलेंस्ड दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, जहाँ हम फ़िल्म के एस्थेटिक पहलू को सराहें और साथ ही उस पर अति‑विचार न करें। टाइपिंग में छोटी‑छोटी गलतियों को नजरअंदाज करते हुए, मैं कहूँगा कि फिल्म में कई कलात्मक प्रयास नज़र आते हैं, जो दर्शकों को एक नई सोच देने की कोशिश करते हैं। अगर हम इसको एक एन्गेजिंग थ्रिलर के रूप में देखें, तो इसे ख़राब कहना सही नहीं होगा।

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