आजकल हर कोई इंटरनेट पर कुछ न कुछ करता है – सोशल मीडिया, शॉपिंग, बैंकिंग। इसी वजह से साइबर हमले भी बढ़ रहे हैं. इस पेज में आपको सबसे ताज़ा खबरें, आसान टिप्स और विशेषज्ञों की राय मिलेगी, ताकि आप ऑनलाइन सुरक्षित रह सकें.
हाल ही में PlayStation नेटवर्क का बड़ा आउटेज हुआ था. कई दिन तक गेम सर्वर बंद रहे और फिर पता चला कि कुछ हॅकर्स ने सिस्टम में घुसपैठ की कोशिश की थी. इस घटना से दिखता है कि बड़े प्लेटफ़ॉर्म भी कमजोर हो सकते हैं, इसलिए व्यक्तिगत सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
दूसरी बड़ी खबर में सरकार ने नया डेटा प्रोटेक्शन नियम जारी किया है. अब कंपनियों को आपके व्यक्तिगत जानकारी को एन्क्रिप्ट करके स्टोर करना होगा और बिना अनुमति के शेयर नहीं कर पाएंगे. यह कदम आम उपयोगकर्ता की सुरक्षा को बढ़ाएगा.
1. पासवर्ड मजबूत रखें: केवल अक्षर और अंक नहीं, बड़े‑छोटे अक्षर, विशेष चिन्ह मिलाकर पासवर्ड बनाएं। हर साइट के लिए अलग पासवर्ड इस्तेमाल करें.
2. दो‑स्तरीय पहचान (2FA) लगाएँ: अगर आपके खाते में 2FA है तो हॅकर को केवल पासवर्ड से नहीं, बल्कि आपका मोबाइल भी चाहिए होगा.
3. सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें: ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स के नए वर्ज़न अक्सर सुरक्षा पैच लेकर आते हैं. इन्हें अनदेखा न करें.
4. संदेहजनक लिंक नहीं क्लिक करें: अगर ईमेल या मैसेज में अजीब लिंक है, तो उस पर क्लिक करने से पहले सावधान रहें. फिशिंग हमले अक्सर ऐसे ही होते हैं.
5. डेटा बैकअप रखें: महत्वपूर्ण फ़ाइलें क्लाउड या बाहरी ड्राइव में सहेजें. ransomware आकर आपके डेटा को एन्क्रिप्ट कर सकता है, लेकिन बैकअप होने से आप आसानी से रीस्टोर कर सकते हैं.
इन सरल कदमों को अपनाकर आप अपनी ऑनलाइन पहचान को काफी हद तक सुरक्षित रख सकते हैं.
अगर आप साइबर सुरक्षा में गहरी जानकारी चाहते हैं तो इस टैग के अंतर्गत प्रकाशित लेख पढ़ें. यहाँ पर हम नई तकनीकों, हैकिंग टूल्स की कार्यप्रणाली और सरकारी नीतियों का विस्तृत विश्लेषण देते हैं.
साइबर सुरक्षा एक चलती रहने वाली प्रक्रिया है. रोज़ नए खतरे आते रहते हैं, इसलिए सतर्क रहना ज़रूरी है. हमारे लेख नियमित रूप से अपडेट होते रहते हैं – तो पेज को बुकमार्क करें और नई जानकारी के लिए वापस आते रहें.
चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस ने एक नए साइबर सुरक्षा कानून को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा करना है। यह कानून 1 जनवरी 2025 से लागू होगा और इसमें डेटा गोपनीयता उपाय, साइबर सुरक्षा मानकों में वृद्धि, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की निगरानी के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं।
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