वयनाड, केरल का एक ऐसा जिला जहाँ जंगल, आदिवासी समुदाय और प्राकृतिक संसाधन एक साथ जीवित हैं. यह भारत का एकमात्र ऐसा जिला है जहाँ जंगलों का क्षेत्रफल आबादी से ज्यादा है, और यही इसे अनोखा बनाता है। यहाँ की आदिवासी समुदाय जैसे पूंडी, वयनाड के घने जंगलों में रहने वाला एक प्रमुख आदिवासी समूह जिसकी संस्कृति और जीवनशैली अभी भी अपरिवर्तित है, मुन्ना, एक छोटा आदिवासी समूह जो वयनाड के ऊँचे पहाड़ों पर रहता है और जंगली फलों और जड़ी-बूटियों पर निर्भर है, और वन्यजीव, वयनाड के घने जंगलों में रहने वाले हाथी, बाघ, और दुर्लभ पक्षी जिनकी संख्या बढ़ रही है इस जिले की पहचान हैं। यहाँ की जमीन पर बारिश बहुत ज्यादा होती है, जिसकी वजह से यहाँ के जंगल बहुत घने हैं, और इन्हीं जंगलों में आज भी कई ऐसी चीजें छिपी हैं जिनके बारे में बाहर वाले लोगों को अभी तक पता नहीं है।
वयनाड के बारे में जब बात होती है, तो लोग आमतौर पर उसके पर्यटन और नदियों के बारे में सोचते हैं। लेकिन इसके अंदर छिपी है एक बड़ी कहानी — आदिवासी समुदायों की जिंदगी, जंगलों की रक्षा, और उन लोगों की लड़ाई जो अपनी जमीन और संस्कृति बचाने के लिए लड़ रहे हैं। यहाँ के लोग बिना बिजली के भी जी रहे हैं, बिना इंटरनेट के भी बातें कर रहे हैं, और बिना बाहरी दुनिया के अपनी परंपराओं को जी रहे हैं। इसी वजह से वयनाड की खबरें आम खबरों से अलग होती हैं। यहाँ की खबरें न सिर्फ घटनाओं की होती हैं, बल्कि जीवन की होती हैं।
इस जिले में आज बहुत कुछ हो रहा है — कुछ अच्छा, कुछ खतरनाक। जंगलों में हाथियों की आबादी बढ़ रही है, लेकिन उनके और आदिवासियों के बीच टकराव भी बढ़ रहा है। कुछ नए पर्यटन परियोजनाएँ शुरू हुई हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रही हैं, लेकिन इनकी वजह से जमीन और पानी पर दबाव बढ़ रहा है। कुछ स्थानीय समूह अपनी भाषा और संगीत को बचाने के लिए आवाज़ उठा रहे हैं, जबकि कुछ नए नियम इन समुदायों के लिए चुनौती बन रहे हैं।
यहाँ के लोग अक्सर दुनिया के बाहर भूल जाए जाते हैं। लेकिन जब आप इन खबरों को पढ़ते हैं, तो आप देखेंगे कि वयनाड सिर्फ एक जगह नहीं है — यह एक जीवित संस्कृति है, जो अभी भी अपने आप को बचा रही है। नीचे दी गई खबरें इसी जीवन की असली कहानियाँ हैं — जिनमें आपको वयनाड की आवाज़ सुनाई देगी।
भारतीय मौसम विभाग ने वयनाड, मलप्पुरम, कोझिकोड और कन्नूर में 2 दिसंबर को लाल चेतावनी जारी की है, जिसमें 200 मिमी से अधिक बारिश की भविष्यवाणी है। बाढ़ और भूस्खलन के खतरे के कारण आपातकालीन तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
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