Budget 2024-25 में आयकर दरों में बदलाव: जानें नई घोषणायें और विशेषज्ञों की राय

जुलाई 22, 2024 18 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

आयकर स्लैब में बदलाव की उम्मीदें

केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा की जाएगी। इस बजट से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं, खासकर आयकर दरों के मामले में। आर्थिक विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि वर्तमान आयकर स्लैब को और अधिक सरल और आकर्षक बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने चाहिए।

मूल छूट सीमा में वृद्धि

एक प्रमुख अपेक्षा है कि नए आयकर प्रणाली के तहत मूल छूट सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए। यह आम आदमी को बड़ी राहत देगा और उन्हें अधिक बचत करने का अवसर मिलेगा। मौजूदा समय में 3 लाख रुपये की छूट सीमा को बढ़ाना न केवल मध्यम वर्ग के हित में होगा, बल्कि आर्थिक सुधारों में भी सहायक बनेगा।

मानक कटौती सीमा में बढ़ोतरी

मानक कटौती सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की भी मांग विशेषज्ञों ने की है। प्रतिष्ठित वित्तीय संस्था EY के अनुसार, इस कदम से करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी और उनके खर्चे कम होंगे। फिलहाल, मानक कटौती सीमा 50,000 रुपये है, लेकिन इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने से टैक्स पेयर को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट

धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स छूट की सीमा को भी बढ़ाने की मांग की जा रही है। वर्तमान में यह सीमा 25,000 रुपये है, जिसे स्वयं, पत्नी और बच्चों के लिए बढ़ाकर 50,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है। साथ ही, 60 वर्ष से ऊपर के माता-पिता के लिए यह सीमा 1 लाख रुपये करने की भी मांग की जा रही है।

कैपिटल गेन टैक्स की संरचना में बदलाव

कैपिटल गेन टैक्स की संरचना को सरल बनाने की भी आवश्यकता है। वर्तमान में विभिन्न उपकरणों के लिए अलग-अलग टैक्स दरें और होल्डिंग पीरियड हैं, जो आम करदाता के लिए उलझन भरे साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे सरल बनाना आवश्यक है ताकि निवेशकों को लाभ हो और वे निवेश के लिए एक स्थिर और स्पष्ट रास्ता चुन सकें।

वित्त मंत्री की घोषणा की प्रतीक्षा

वित्त मंत्री की घोषणा की प्रतीक्षा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले साल का पूरा बजट होगा। इस बजट से जनता को काफी अपेक्षाएं हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार क्या कुछ नई घोषणाएं करती है और किन पुरानी नीतियों में संशोधन करती है।

सरकार के इस कदम की तारीफ और आलोचना दोनों ही हो सकती है लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह है जनता के हित और उनके भले के लिए उठाए जाने वाले कदम। अंततः यह महत्वपूर्ण होगा कि इस बजट में किए गए निर्णय किस हद तक लोगों के जीवन को सुधारने में सहायक साबित होते हैं।

18 जवाब

Vaneesha Krishnan
Vaneesha Krishnan जुलाई 22, 2024 AT 21:49

बहुत अच्छा इशारह है कि मूल छूट को 5 लाख तक बढ़ाने की बात चल रही है 😊
ऐसे कदम से मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और बचत की इच्छा भी जागेगी।
उम्मीद है कि बजट में ये प्रस्ताव वास्तविकता बनें और सरकार इसकी दिशा में ठोस कदम उठाए।
सबको मिलकर इस सकारात्मक बदलाव का स्वागत करना चाहिए! 🙌

Satya Pal
Satya Pal जुलाई 28, 2024 AT 14:45

आयकर स्लैब को सरलीकरण की जरूरत है, अन्यथा पोपुलशन को डेंट करना पड़ेगा।
मेरे हिसाब से सरकार को मूल छूट को 5 लाख तक ले जाना चाहिए, नहीं तो आर्थिक असमानता बढ़ेगी।
ये सिर्फ एक पॉलिसी नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का सवाल है।

Partho Roy
Partho Roy अगस्त 3, 2024 AT 07:42

सरकार द्वारा प्रस्तावित आयकर छूट में वृद्धि वास्तव में करदाताओं के हित में एक उल्लेखनीय कदम हो सकता है।
यदि मूल छूट को 5 लाख तक बढ़ाया गया तो यह न केवल मध्यम वर्ग को राहत देगा, बल्कि उपभोग में भी इज़ाफा करेगा।
इसके अलावा मानक कटौती को 1 लाख तक ले जाना टैक्स पेयर की बोझिलता को काफी कम कर सकता है।
यह उपाय छोटे व्यापारियों और फ्रीलांसरों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद रहेगा।
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट को 50,000 से 1 लाख तक बढ़ाना भी सामाजिक सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा।
इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को भी अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जिससे उनका वित्तीय दबाव कम होगा।
कैपिटल गेन टैक्स की जटिलता को सरल बनाना निवेशकों के विश्वास को बढ़ाएगा।
विभिन्न एसेट क्लास के लिए एक ही टैक्स दर स्थापित करने से प्रशासनिक लागत भी घटेगी।
इस प्रकार की सरलता छोटे निवेशक वर्ग को भी शेयर बाजार में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगी।
बजट में ये प्रस्ताव आर्थिक वृद्धि के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन उनका व्यवहारिक कार्यान्वयन देखना बाकी है।
सरकार को इन सभी बदलावों को समय सीमा के भीतर स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए।
किसी भी प्रकार की अस्पष्टता से करदाताओं में भ्रम और अनिश्चितता फैल सकती है।
साथ ही, ये सुधार केवल आकड़े नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन में लोगों की आय के वितरण को बेहतर बनाने के लिए होने चाहिए।
यदि इन नीतियों को सही ढंग से लागू किया गया तो_middle_class को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है।
अंत में, यह आवश्यक है कि बजट के बाद भी लगातार निगरानी और समायोजन किया जाए ताकि नीति प्रभावी बनी रहे।

Ahmad Dala
Ahmad Dala अगस्त 9, 2024 AT 00:38

आपकी बात में गहराई है, परन्तु वास्तविक आंकड़े बिना इस प्रस्ताव को पूरी तरह समर्थन देना जल्दबाज़ी होगी।
शासन को विस्तृत मैक्रोइकोनॉमिक मॉडल के आधार पर ये निर्णय लेना चाहिए।

RajAditya Das
RajAditya Das अगस्त 14, 2024 AT 17:35

बिलकुल, छूट बढ़नी चाहिए 😏

Harshil Gupta
Harshil Gupta अगस्त 20, 2024 AT 10:31

यदि छूट सीमा में वास्तविक बढ़ोतरी की जाती है तो यह आय वितरण में संतुलन लाएगी।
परन्तु यह भी देखना होगा कि राजस्व में कितना अंतर आएगा और वह कैसे पूरा किया जाएगा।
संतुलन बनाना नीति निर्माण का मूल मंत्र होना चाहिए।
आशा है कि विशेषज्ञों की सलाह को भी स्थिरता से लागू किया जाएगा।

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey अगस्त 26, 2024 AT 03:28

ध्यान दें, राजस्व घाटा केवल टैक्स दरों से नहीं, व्यय में कटौती से भी घटाया जा सकता है 😂
सरकार को खर्चों को भी प्राउटली रिव्यू करना चाहिए।

Simi Singh
Simi Singh अगस्त 31, 2024 AT 20:24

उन्हें नहीं पता कि इस बजट के पीछे बड़े वित्तीय समूहों के हाथ हैं, जो सबको टैक्स में फँसाने की योजना बनाते हैं।
सावधान रहें, ये सिर्फ कागज पर बातें नहीं, बल्कि शक्ति खेल है।

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar सितंबर 6, 2024 AT 13:21

बजट में लोगों की मदद नहीं दिख रही, सोचते हैं ही नहीं।
मन ही मन रोना चाहता है।

Ganesh kumar Pramanik
Ganesh kumar Pramanik सितंबर 12, 2024 AT 06:17

भाई, तुम भी तो समझो कि छोटे‑छोटे टैक्स राहत से ही जनता खुश होती है, बड़े वादा नहीं।
चलो, देखते हैं असली फैसले क्या आते हैं।

Abhishek maurya
Abhishek maurya सितंबर 17, 2024 AT 23:13

बजट की घोषणाओं में अक्सर सुंदर शब्द होते हैं, परंतु जमीन पर उनके प्रभाव को मापना कठिन होता है।
रहने दो, जब तक वास्तविक आंकड़े सामने नहीं आते, इन सब बातों को सिर्फ हवा में उड़ते शॉर्टकट समझा जा सकता है।

Sri Prasanna
Sri Prasanna सितंबर 23, 2024 AT 16:10

सच में ऐसा नहीं होगा कि छूट बढ़ाने से सभी को फायदा होगा क्योंकि इससे राजस्व में गिरावट आएगी और फिर से टैक्स बढ़ेगा

Sumitra Nair
Sumitra Nair सितंबर 29, 2024 AT 09:06

आदरणीय पाठकों, बजट के इस महान मंच पर जब मूल छूट सीमा को पाँच लाख तक ले जाने की प्रस्तावना की गई, तो मन में आशा की लहर दौड़ गई।
जैसे सृष्टि के जन्म में प्रथम प्रकाश का उभार हो, वैसी ही खुशी हमें इस परिवर्तन से महसूस हुई।
विचार करना पड़ेगा कि क्या यह कदम वास्तविक परिवर्तन लाएगा या केवल शब्दों का जाल रहेगा।
आइए, इस पर गहन विचार-विमर्श करें और भविष्य की दिशा तय करें। 😊

Ashish Pundir
Ashish Pundir अक्तूबर 5, 2024 AT 02:03

देखें ये कदम केवल दिखावटी है

gaurav rawat
gaurav rawat अक्तूबर 10, 2024 AT 18:59

मुझे लगता है कि अगर सरकार ने वैसा किया जैसा कहा, तो आम लोगों को सच में राहत मिलेगी 😃
पर सबको साथ मिलकर इस बदलाव को लागू करना होगा।

Vakiya dinesh Bharvad
Vakiya dinesh Bharvad अक्तूबर 16, 2024 AT 11:56

हां, मिलजुल कर ही बदलाव संभव है :)

Aryan Chouhan
Aryan Chouhan अक्तूबर 22, 2024 AT 04:52

budget ke baare mein jyaada hype hai lekin asli fayda dekhe bina kuchh bhi nahi bol sakte

Tsering Bhutia
Tsering Bhutia अक्तूबर 27, 2024 AT 21:49

बिल्कुल सही कहा, लेकिन चलो उम्मीद रखें कि इस बजट से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए।

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