जब असिफ खान अफ्रदी, 25 दिसंबर 1986 के निवासी पेशवर की बात आती है, तो उनका घरेलू रिकॉर्ड लंबा है। बायां‑हाथ बैटिंग ऑल‑राउंडर, स्लो लेफ़्ट‑आर्म ऑर्थोडॉक्स बोलर, और 2008‑09 सत्र से लेकर 2024‑25 तक 57 फर्स्ट‑क्लास मैचों में 1,630 रनों और 198 विकेट की उपलब्धि, इसे देखते ही बनता है कि वह क्यों चर्चा में है।
असिफ का जन्म पेशवर, पाकिस्तान में हुआ था। घोर उत्साह के साथ उसने अपने सफ़र की शुरुआत स्थानीय टूर्नामेंटों से की, और जल्दी ही फ़ेडरली एडमिनिस्टरड ट्राइबल एरियाज़ (FATA) की टीम में जगह बना ली। 2017‑18 और 2018‑19 क़ायद‑ए‑अज़ाम ट्रॉफी में वह सात मैचों में क्रमशः 30‑30 विकेट लेकर लीडिंग विकेट‑टेकर बन गया। दो सीज़नों में कुल 60 विकेट, और औसत 24‑25, यानी वह उस दौर का बेस्ट बॉॉलर था।
बल्लेबाज़ी में भी असिफ ने कम नहीं किया। फर्स्ट‑क्लास में 94 इन्किंग्स में 1,630 रनों का परफ़ॉर्मेंस, 19.40 का औसत, और एक शतक व आठ अर्धशतक, यह साबित करता है कि वह केवल बॉलर नहीं, बल्कि सभी‑राउंडर है। लिस्ट ए में 63 मैचों में 720 रन और 83 विकेट, जबकि टी‑20 में 77 मैचों में 496 रन और 72 विकेट का ताज़ा आँकड़ा यहाँ तक कि तेज़ स्ट्राइक‑रेट (132.27) को भी दर्शाता है।
जनवरी 2021 में ख़्वाबेर पख्तूनख्वा की टीम में चयन के बाद, असिफ ने 2020‑21 पाकिस्तान कप के फाइनल में पाँच विकेट लेकर मैच‑मैन ऑफ द मैच के तौर पर खुद को साबित किया। यही प्रदर्शन उसे मार्च 2022 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा ऑडिए और टी‑20 इंटरनेशनल दोनों स्क्वाड में बुलाने का कारण बना। 35 साल व 3 महीने की उम्र में अंतरराष्ट्रीय चयन, अक्सर युवा सितारों के लिए नहीं, बल्कि अनुभवी खिलाड़ियों के लिए एक ‘देर रात’ का सपना माना जाता है। लेकिन असिफ की कहानी इस बात को बदलने की कोशिश करती दिखती थी।
जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ श्रृंखला की घोषणा हुई, तो मीडिया में ‘भारी उम्र में डेब्यू’ की चर्चा बढ़ गई। असिफ ने खुद कहा, “मैंने अपनी सारी जिंदगी इस मौके का इंतज़ार किया है, उम्र सिर्फ़ एक संख्या है।” इस आत्मविश्वास ने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
लेकिन सच्चाई में एक अड़चन आई। 7 फरवरी 2023 को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने असिफ को दो साल की प्रतिबंधित सजा सुनाई, जिसमें एक साल सस्पेंडेड था। यह सजा तब लागू हुई जब वह नेशनल ट्वेंटी20 कप में दोबार भ्रष्टाचार को रिपोर्ट न करने का दोष स्वीकार कर चुका था। PCB के एंटी‑करप्शन कोड के अनुसार, कोई भी खिलाड़ी को किसी भी ‘भ्रष्ट रणनीति’ का प्रस्ताव मिलने पर तुरंत रिपोर्ट करना अनिवार्य है। असिफ ने इस दायित्व को पूरा नहीं किया, और इसलिए उसे बैन किया गया।
सजायुक्त अवधि सितंबर 2022 से शुरू हुई, जिसका मतलब है कि अगर सभी शर्तें पूरी हों तो वह सितंबर 2024 में फिर से खेल सकेगा। एक साल सस्पेंडेड होने का कारण यह बताया गया कि उसने जांच में सहयोग किया और खेद जताया। फिर भी, इस बैन ने उसके अंतरराष्ट्रीय डेब्यू को पूरी तरह रोक दिया।
अब सवाल यह है – सितंबर 2024 में 37 साल की उम्र में वह किस स्तर पर लौटेगा? क्रिकेट विशेषज्ञ हास्कर अली का कहना है, “अगर वह फॉर्म में रहता है और फिट रहता है, तो पेकिंग फ़ॉर्मेट में इस उम्र में भी ओपनर या फ़ाइनल ओवर में योगदान दे सकता है, पर टेस्ट क्रिकट में चुनौती बड़ी होगी।” दूसरी ओर, ज़ैनब ख़ान, जो PCB की एंटी‑करप्शन कमेटी में हैं, का मानना है कि इस केस ने सभी खिलाड़ियों को चेतावनी दी है: “भविष्य में कोई भी खिलाड़ी इस तरह की लापरवाही नहीं करेगा।”
यदि असिफ अपनी फॉर्म को पुनः स्थापित कर लेता है, तो वह मल्टी‑टास्किंग ऑल‑राउंडर के रूप में फिर से सफ़र शुरू कर सकता है। मुल्तान सुल्तान्स के कोच ने पहले ही कहा है कि वह टीम के साथ प्रशिक्षण सत्र में भाग लेगा, जिससे चयन प्रक्रिया में उसकी स्थिति मजबूत हो सकती है। लेकिन यह सब तभी संभव होगा जब निजी फिटनेस और मानसिक तैयारियों पर ध्यान दिया जाए।
इसे संक्षेप में देखें तो असिफ खान अफ्रदी का सफ़र एक अद्भुत ड्रामा है – घरेलू मंच पर छुपे सितारे, देर से अंतरराष्ट्रीय चयन, फिर भ्रष्टाचार के आरोप में बैन। अब सवाल यह नहीं कि उन्होंने क्या खोया, बल्कि यह है कि वह कैसे वापस आएँगे। इस संघर्ष में एक बात साफ़ है – खेल में नियमों का सम्मान जरूरी है, और अगर नियम तोड़ते हैं तो कीमत चुकानी पड़ेगी। असिफ का केस इस बात का प्रोटोटाइप बन गया है कि इतना टैलेंट और मेहनत भी कभी‑कभी नियमों के साथ टकरा जाता है। आगे का रास्ता अभी लिखा जाना बाकी है।
बैन की अवधि 7 फरवरी 2023 से दो साल है, लेकिन एक साल सस्पेंडेड है। इसलिए प्रभावी सज़ा सितंबर 2022 से शुरू हुई, और असिफ सितंबर 2024 में फिर से खेल सकते हैं।
नहीं। उन्हें मार्च 2022 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ODI और T20I स्क्वाड में बुलाया गया था, पर बैन के कारण वह आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेल पाए।
2017‑18 और 2018‑19 क़ायद‑ए‑अज़ाम ट्रॉफी में क्रमशः सात मैचों में 30‑30 विकेट लेना, और 2020‑21 पाकिस्तान कप फाइनल में पाँच विकेट लेकर मैच‑मैन ऑफ द मैच बनना, उसकी प्रमुख उपलब्धियां हैं।
PCB के एंटी‑करप्शन कोड के अनुसार, रिपोर्ट न करने पर खिलाड़ी को दो साल की सज़ा मिल सकती है, जिसमें एक साल सस्पेंडेड हो सकता है अगर वह सहयोगी हो और अपराध स्वीकार करे।
उनके पास मुल्तान सुल्तान्स, ख़्वाबेर पख्तूनख्वा और FATA की घरेलू टीमों में स्थान है। अगर वह फॉर्म में आते हैं, तो राष्ट्रीय चयनकर्ता बोर्ड पर फिर से विचार कर सकते हैं।
4 जवाब
ओह, असिफ् की कहानी भी अब एक सतही बुकलेट बन गई है, क्या ज़रूरत है? 🙃
भारत की मिट्टी में पले-बढ़े खिलाड़ी हमेशा राष्ट्रीय गर्व के प्रतीक होते हैं।
असिफ खान अफ्रदी की कहानी में जहाँ विलंब है, वहीं साहस भी है।
उसके घरेलू रिकॉर्ड को देखते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर देखना हमारा कर्तव्य है।
भ्रष्टाचार के दावे केवल उन लोगों की फिक्र है जो अपनी असफलताओं से बचना चाहते हैं।
यदि वह दो साल की सजा पर भरोसा नहीं करता तो कोई भरोसा नहीं कर सकता।
PCB का कठोर कदम युवा पीढ़ी को चेतावनी देता है कि नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं।
यह हमें याद दिलाता है कि खेल सिर्फ कौशल नहीं, बल्कि नैतिकता भी है।
असिफ का पुनरागमन हमारी टीम को संतुलन देगा क्योंकि उसकी बॉलिंग और बैटिंग दोनों ही मूल्यवान हैं।
उसके उम्र का आंकड़ा केवल एक संख्या है, ऊर्जा और फिटनेस यही असली मापदण्ड है।
यदि वह कड़ी मेहनत जारी रखे तो वह 2025 तक भी शीर्षस्थ रह सकता है।
हमारी जनता को चाहिए कि वह ऐसे खिलाड़ी को समर्थन दे, न कि उन्हें बैन की कहानियों में फंसाने दे।
जब तक वह अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं देता, कोई भी चयनकर्ता उसके बारे में दो राय नहीं रख सकता।
क्रिकेट बोर्ड को चाहिए कि वह पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए, ताकि सभी को समान मौका मिले।
असिफ के केस ने दिखाया कि प्रणाली में भी सुधार की जरूरत है।
अंत में, हमें याद रखना चाहिए कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
आपकी तीव्र भाषा में तथ्य का अभाव दिखता है; असिफ के आँकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि वह एक मूल्यवान खिलाड़ी है।
हम सबको असिफ की मेहनत से सीख लेना चाहिए। उसकी दृढ़ता और बहु‑आयामी कौशल हमारी टीम के लिए प्रेरणा है। अगर वह सही मानसिकता के साथ तैयार हो, तो हमारा भरोसा है कि वह फिर से उभरेगा। चलिए उसके पुनरागमन का समर्थन करते हैं!
देश के युवा खिलाड़ियों को भी इस उदाहरण से मार्गदर्शन मिलना चाहिए।