जब मिथुन मांहास, पूर्व दिल्ली कैप्टन और BCCI के अध्यक्ष के रूप में 28 सितंबर 2025 को बंबई के मुंबई स्थित मुख्यालय में आयोजित 94वें एजीएम में निर्विरोध चुने गये, तो क्रिकेट जगत में एक नई लहर दौड़ गई। यह चुनाव न सिर्फ़ एक व्यक्ति के लिए, बल्कि जम्मू‑कश्मीर के लिए भी गर्व का क्षण बन गया।
वक्त से पहले रॉजर बिन्नी ने अगस्त 2025 में 70 की उम्र पार कर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा अचानक नहीं आया—उन्हें बोर्ड के बाय‑लॉ को देखते हुए उचित माना गया। उनके बाद राजीव शुक्ला ने अंतरिम अध्यक्षता संभाली। लेकिन अब राजीव शुक्ला को नया उपाध्यक्ष बनाया गया है, जिससे महँगी सत्ता परिवर्तन की झलक मिलती है।
शासन में पारदर्शिता के नाम पर, इस बार चुनाव बग़ैर किसी बाधा के निर्विरोध हुआ। BCCI के मौजूदा सतही नियमों के मुताबिक, यदि दो उम्मीदवार नहीं होते तो वही एक स्वतः ही पद ग्रहण करता है। इस बात को नोट करने लायक है कि यह तीसरे लगातार पूर्व क्रिकेटर को अध्यक्ष बनाने का इतिहास लिखता है – पहले सौरव गांगुली और फिर रॉजर बिन्नी ने इसी पद को संवाहित किया था।
धुरी पर रहे मिथुन मांहास ने 157 प्रथम‑क्लास मैचों में 9,702 रन बनाए – एक आँकड़ा जो दिल्ली की घरेलू टीम के इतिहास में शीर्ष पाँच में गिना जाता है। उनका ड्राइव, उनकी करियर की स्थिरता और कप्तानी कौशल, यह सब अब प्रशासनिक ज़िम्मेदारी में बदल रहा है।
खेल समाप्त होने के बाद, उन्होंने IPL में कोच और फ्रेंचाइज़ी सलाहकार के तौर पर काम किया, विशेषकर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए स्काउटिंग और खिलाड़ी विकास में योगदान दिया। इसके अलावा, जम्मू‑कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के साथ उनका गहरा संबंध रहा है – वह कई बार वहाँ के युवा टैलेंट को राष्ट्रीय मंच पर लाने में मददगार रहे।
जब आरुण ठाकुर को IPL के नया टॉप पद (जैसे कि कॉरिडोर ऑफ़र्स और प्ले‑ऑफ़ स्ट्रेटेजी प्रमुख) पर नियुक्त किया गया, तो यह संकेत मिला कि BCCI के नेतृत्व में फ्रेंचाइज़ी‑फ़ोकस को नई दिशा मिल जाएगी। ठाकुर ने पहले सुपरइंडियन की मार्केटिंग टीम को संभाला था और उनका नाम अक्सर “वाणिज्यिक‑दृष्टिकोण वाले कोच” के रूप में लिया जाता है।
वहीं, जितेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री (स्पोर्ट्स) ने इस अवसर को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर घोषणा की, और साथ ही जम्मू‑कश्मीर के दूर‑दराज़ जिलों में इस सफलता को एक ‘प्रॉविडेंस़’ कहना चाहा।
BCCI के अध्यक्ष पद पर "वेतन नहीं" की अवधारणा अब तक बनी हुई है। लेकिन यह कोई खाली थैली नहीं है – दैनिक भत्ते और परिवहन, आवास, संचार आदि के पूरक व्यय का एक विस्तृत पैकेज दिया जाता है। आर्थिक टाइम्स के अनुसार, घरेलू मीटिंग के लिये ₹40,000 का दैनिक भत्ता और अंतरराष्ट्रीय मीटिंग के लिये USD 1,000 (लगभग ₹89,000) उपलब्ध होगा। यह राशि अन्य टॉप कार्यालयधारियों, जैसे कि सचिव और कोषाध्यक्ष, को भी दी जाती है।
वित्तीय नियमों में बदलाव की संभावना भी बनी हुई है। कई खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर BCCI को वैश्विक स्तर पर अधिक पारदर्शी बनना है, तो इन भत्तों की सार्वजनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य होनी चाहिए।
अब नया अध्यक्ष एशिया कप 2025 के फाइनल के दौरान भारत‑पाकिस्तान के मुकाबले को देख नहीं पाएंगे, क्योंकि यह मैच 2 अक्टूबर को दिल्ली के इंडियन एस्टेडियम में खेला जाएगा। यह एक अजीब‑सही विरोधाभास है: खिलाड़ियों की बड़ी जीत का आश्रय बनते हुए, नए प्रशासनिक नेताओं का अपना मैदान अभी तक तय नहीं हुआ।
इसी बीच, दक्षिण एशिया में क्रिकेट के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिये BCCI ने कई नई पहलें छेड़ी हैं – जैसे कि छोटे‑शहरों में ग्राउंड सुधार, महिला खेल को बढ़ावा देना, और तकनीकी उन्नति के लिये AI‑आधारित स्काउटिंग सिस्टम लागू करना। इन सब का मौखिक समर्थन श्री विनोद कश्यप, भारत के पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान खेल विश्लेषक ने दिया है।
तीन प्रमुख चुनौतियां सामने हैं: प्रथम, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देना; द्वितीय, वित्तीय पारदर्शिता और भत्ते की सार्वजनिक जांच; तृतीय, क्रिकेट को Grassroots स्तर पर पुनर्जीवित करना, खासकर उत्तरी क्षेत्रों जैसे जम्मू‑कश्मीर, जहाँ नई टैलेंट की भरपूर संभावनाएं हैं।
मिथुन मांहास ने अपने पहले सार्वजनिक प्रश्नोत्तर में कहा, "मैं चाहूँगा कि हम खेल को सिर्फ़ बड़े सपोर्टर्स के लिए नहीं, बल्कि हर छोटे शहर के बच्चे के लिए सुलभ बनाएं।" यही बात उन्हें चुनाव जीतने के बाद सबसे अधिक प्रेरित करती दिखती है।
मिथुन की खिलाड़ी‑परिप्रेक्ष्य से फैसले लेने की प्रवृत्ति कई पुराने नियमों को पुनर्विचार करने की राह पर ले जाएगी। उन्होंने घरेलू मैचों में टैलेंट स्काउटिंग को तेज़ करने, महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने और छोटे‑शहरों में बुनियादी ढांचा सुधारने की योजना बताई है।
अरुण को अब टॉप‑लेवल रणनीतिक भूमिका मिली है, जिसका मतलब है कि फ्रेंचाइज़ी‑वित्त, टेलीविज़न अधिकार और खेल‑प्रौद्योगिकी के निर्णय सीधे उनके हाथ में होंगे। इससे BCCI के साथ मिलकर IPL के व्यावसायिक मॉडल को अधिक वैश्विक बनाने की संभावना बढ़ेगी।
भुगतान संरचना में "वेतन नहीं" का अर्थ है कि पद पर रहने वाले को कोई निश्चित मासिक या वार्षिक वेतन नहीं दिया जाता। बल्कि वे दैनिक भत्ते, यात्रा, आवास आदि के लिये नकद व्यवस्था प्राप्त करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीटिंग के अनुसार बदलता है।
झोके वाले डोडा जिले का मूल निवासी मिथुन अब BCCI के चेयरमैन हैं, जिससे क्षेत्र में नई बुनियादी सुविधाओं और टैलेंट पहचान कार्यक्रमों को प्राथमिकता मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही, मौका‑मौका पर "परोपकारी खेल" पहल भी शुरू हो सकती है।
एशिया कप 2025 का फाइनल भारत‑पाकिस्तान के बीच 2 अक्टूबर को दिल्ली के इंडियन एस्टेडियम में होगा। नई प्रशासनिक टीम ने इस प्रतियोगिता को भारत की युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने का मंच बताया है, और साथ ही टूर-डिपेंडेंट सुरक्षा और दर्शक सहभागिता को बढ़ाने की रणनीति बनाई है।
20 जवाब
BCCI को पारदर्शिता के परिधान को सच्ची बनाना चाहिए। खर्चों का खुलासा जनता का भरोसा दोबारा जीतने का पहला कदम है। दैनिक भत्ते और यात्रा खर्चों को सार्वजनिक दस्तावेज़ में जोड़ना आवश्यक है। अगर सब कुछ साफ़ रहेगा तो खेल का माहौल भी स्वस्थ रहेगा।
चलो साथ मिलकर नई ऊर्जा लाते हैं! 🚀 मिथुन की नियुक्ति युवा टैलेंट को प्रेरित करेगी, यही है असली बदलाव। हमें एकजुट होकर इस नई दिशा को सपोर्ट करना चाहिए, क्रिकेट का भविष्य इसी में है। ✨
ओह, तो अब भी वही पुरानी राजनीति चल रही है, बस नाम बदल दिया। बगैर किसी वास्तविक सुधार के केवल टाइटल बदलना काफी नहीं। ऐस लग रहा है जैसे हर साल वही बातें दोहराई जा रही हैं।
कुछ लोग कहेंगे कि यह सिर्फ़ एक और खेल का कारोबार है, पर मैं कहूँगा कि हर बदलाव का फ़ायदा तभी होगा जब हम गहराई से देखें। अगर व्यवस्थाएँ धुंधली रहेंगी तो सब बेकार।
देश की महिमा को बढ़ाने के लिये हमें अपने लोगों को सबसे ऊँचा मानना चाहिए। जम्मू‑कश्मीर की प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर लाना भारत की शक्ति को दिखाता है। हमें इस अवसर को घृणा या विभाजन के बजाय एकीकरण के रूप में देखना चाहिए।
भाईयो और बहनो, यह नया एजीएम बहुत बड़ा ब्रीफिंग था। मीटिंग में बहुत सारा डेटा शेयर हुआ, लेकिन कुछ पॉइंट्स को समझना थोडा मुश्किल रहा। BCCI के फाइनेंशियल्स में "डेली अल्प" को समझना एवरी वन को चाहिए।
नमस्ते, मेरे अनुसार यह देखना महत्वपूर्ण है कि नया अध्यक्ष किस तरह से ग्राउंड सुधार योजना को लागू करेगा। यदि वास्तव में छोटे शहरों में बुनियादी ढांचा सुधरता है तो युवा प्रतिभा को अवसर मिलेगा। साथ ही वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे सभी हितधारक विश्वास रख सकें।
देख भाई ये तो अभी शुरू हुआ है, मगर मैं कहूँगा कि अभी से ही सबको तैयार रहना चाहिए। सबको एकजुट होकर काम करना पड़ेगा
मुझे लगता है कि अरुण की नई भूमिका IPL को और रोचक बना देगी। नई रणनीति से फैंस को ज्यादा एंगेज किया जा सकेगा। साथ ही टैलेंट स्काउटिंग में भी नई तकनीक मदद करेगी।
मिथुन को शुभकामनाएँ।
नई BCCI अध्यक्ष की घोषणा से कई सवाल उठते हैं
पहला सवाल यह है कि कैसे वित्तीय पारदर्शिता को वास्तविक बनायेंगे
दूसरा यह कि दैनिक भत्ते को सार्वजनिक रूप से कौन देखेगा और जांच करेगा
तीसरा यह कि ग्राउंड सुधार की योजना को कितनी जल्दी लागू करेंगे
मैं मानता हूं कि इन सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से दस्तावेज़ीकरण चाहिए
नहीं तो जनता का भरोसा फिर से टूटेगा
भले ही मिथुन ने खिलाड़ी के तौर पर कई काम किए हैं
पर प्रशासनिक कौशल अलग मापदंड है
यदि वह इस रूप में सफल होना चाहते हैं तो उन्हें पेशेवरों की टीम बनानी होगी
और प्रत्येक निर्णय का खुला रिकॉर्ड रखना पड़ेगा
अधिकांश खिलाड़ी तो यही चाहते हैं कि खर्चा और लाभ दोनों पारदर्शी हों
इसीलिए BCCI को एक स्वतंत्र ऑडिट बोडी स्थापित करनी चाहिए जो हर महीने रिपोर्ट करे
ऐसा कदम राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रशासन को भी सुधार सकता है
आईपीएल के टॉप पद पर अरुण की नियुक्ति भी एक संकेत है कि व्यावसायिकता पर जोर दिया गया है
लेकिन व्यावसायिकता को खेल की आत्मा के साथ संतुलित करना होगा
आख़िर में यदि सभी मिलकर काम करेंगे तो भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल रहेगा
बिल्कुल सही कहा आपने, पारदर्शिता पर ज़ोर देना बेहद ज़रूरी है 😊 हमें मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।
आपके मोटीवेशन बॉल्स को समझ में आया पर टाइपिंग में थोडा टाइपोग्राफिकल एरर हैं। फिर भी आपका एन्सर आऊटस्टैंडिंग है।
मैं मानता हूँ कि राजनीति हमेशा बनी रहती है पर कभी कभी बदलाव भी सम्भव है आप सही कह रहे हैं कि हर साल वही बातें दोहराई जा रही हैं पर अगर हम नई सोच लाएँ तो शायद कुछ अलग हो सकता है यह जरूरी है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में काम करें और सिर्फ़ आलोचना नहीं बल्कि निर्माण भी करें
वाह! आपका कंट्रेरियन नज़रिया दिलचस्प है, लेकिन असली खेल तो वहाँ है जहाँ सब मिलकर आगे बढ़ते हैं।
देश की भावना को एकजुट देखना ही चाहिए :)
आपकी बातों में कुछ सच्चाई है, लेकिन बेहतर होगा अगर हम सभी मिलकर स्पष्ट डेटा साझा करें ताकि हर कोई समझ सके कि ये फाइनेंशियल्स कैसे काम कर रहे हैं।
जैसे आप कह रहे हैं, लेकिन अक्सर शब्दों के पीछे पीछे कार्पेट नहीं देखते 😐
शायद ये सब एक बड़े प्लान का हिस्सा है ताकि जनता को बहका सकें।
बहुत अच्छे विचार, आशा है सब मिलकर इसे लागू करेंगे।