नरायण जगदेesan की धक्के‑भरी फील्डिंग ने KKR को GT पर जीत दिलाई

सितंबर 26, 2025 0 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

एक धक्के‑भरी फील्डिंग की कहानी

अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में 13वें IPL 2023 मैच के दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने गुजरात टाइटन्स (GT) को हराने का सफर शुरू किया। पाँचवें ओवर में GT के विकेट‑कीपर‑बेट्समैन विड़्डिमन साहा ने सूर्यन नारिन की डिलीवरी को स्विप करने की कोशिश की। केवल 17 गेंदों पर 17 रन बनाते हुए साहा ने टॉप‑एज से गेंद को ऊपर की ओर उड़ते देखा, जहाँ वह लगभग अनिश्चित क्षेत्र में जा पहुँची।

मिड‑विकेट पर खड़े नरायण जगदेesan ने तुरंत स्थिति का आभास लिया। उन्होंने पीछे की ओर तेज़ी से दौड़ लगाई और लगभग 25 मीटर (लगभग 28 यार्ड) की दूरी को कवर किया। जब गेंद धीरे‑धीरे नीचे गिर रही थी, तो उन्होंने पूरी ताकत के साथ दो हाथ फैला कर कंधे के पीछे से एक बेहतरीन डाइव किया, जिससे वह गेंद को सुरक्षित रूप से पकड़ सके। इस आश्चर्यजनक Narayan Jagadeesan की लहराती फील्डिंग ने पूरे स्टेडियम को खड़ा कर दिया।

मैच पर प्रभाव और सोशल मीडिया का फेरा

मैच पर प्रभाव और सोशल मीडिया का फेरा

साहा के आउट होने से GT ने 79/1 की अच्छी स्थिति खो दी। शुबमन गिल 30 रन पर स्थिर थे और साई सुधर्सन 20 रन (14 गेंद) पर अचल थे, पर फिर भी KKR को एक ताजा मौका मिला। आगे चलकर KKR ने लगातार दबाव बनाया और अंततः जीत दर्ज की, जिससे defending champions GT को हराना संभव हुआ।

जुड़े हुए दर्शकों ने इस कैच को तुरंत अपने स्मार्टफ़ोन में रिकॉर्ड किया। टिकटॉक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर इस क्लिप को मिनटों में लाखों बार शेयर किया गया। कई फ्रेंचाइज़ विशेषज्ञों ने इसे इस सीजन की शीर्ष फील्डिंग में से एक बताया। IPL की आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडलों ने भी इस कैच को हाइलाइट किया और इसे ‘सर्वश्रेष्ठ कैच 2023’ के नाम से टैग किया।

  • जगदेesan की इस मैच में पहली पारी थी, फिर भी उन्होंने मैदान पर तुरंत अपनी छाप छोड़ी।
  • गेंद की गति लगभग 130 किमी/घंटा अनुमानित थी, फिर भी वे पीछे की ओर उसी तीव्रता से दौड़े।
  • कैच के बाद KKR ने मैच में 8 विकेट और 30 रन अतिरिक्त हासिल किए।
  • विरोधी टीम GT के कोच ने इस फील्डिंग को "आधुनिक क्रिकेट की नई मानक" कहा।

यह घटना केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है; यह दर्शाती है कि IPL में फील्डिंग का महत्व कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है। तेज़ दौड़, प्रतिफल देते हुए डाइव और पूरी टीम की ऊर्जा अब मैच की दिशा तय कर सकती है। नरायण के इस दिखावे ने यह साबित कर दिया कि युवा खिलाड़ी भी बड़े मंच पर चमक सकते हैं, बशर्ते उनका मनोबल और तैयारी विश्वस्तरीय हो।

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