जब रहमत शाह, बट्समैन अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम ने 231 रन की नाबाद दोहरी शताब्दी बनाई, तो पूरे क्रिकेट प्रेमियों का दिल धड़का। यह ऐतिहासिक परफ़ॉर्मेंस पहला टेस्ट मैचबुलावायो के दौरान क्वीन्स स्पोर्ट्स क्लब में हुआ, जहाँ अफ़ग़ानिस्तान ने 425/2 तक का मजबूती भरा स्कोर बनाते हुए गेम को अपने हाथ में ले लिया।
अफ़ग़ानिस्तान ने टेस्ट क्रिकेट में अपना प्रवेश 14 जून 2018 को भारत के खिलाफ किया था। तब से टीम ने बहुत‑सी बाधाओं को पार कर, अब तक के अपने सबसे बड़े रिकॉर्ड तोड़े हैं। 2021 में हशमतुल्लाह शाहिदी ने 200 नॉट‑आउट का दुर्जेय आंकड़ा बनाया था, जो अब रहमत शाह के 231‑रन के सामने धुंधला हो गया।
पहले दो टास में ज़िंबाब्वे ने 95/2 का विचलन दिखाया था, लेकिन जैसे ही शॉवर ने अपना पहला रॉक‑नॉबॉल फेंका, राहमत ने अपना क़ाबू जमाया। 416 डिलीवरी पर 23 चार और 3 छक्के मारते हुए, उन्होंने पूरे दिन नहीं रुके। इसी दौरान हशमतुल्लाह शाहिदी ने 141 नॉट‑आउट किया, जिससे दोनों के बीच 361‑रन का ऐतिहासिक साझेदारी बना – यह अब अफ़ग़ानिस्तान की टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ी साझेदारी है।
अफ़ग़ानिस्तान के कोच ने कहा, “रहमत का वर्गीकरण अब पूरी टीम को नई दिशा देता है। उनका धैर्य और तकनीकी दक्षता इस पिच पर चमकी।” ज़िंबाब्वे के कप्तान ने भी मार्मिक टिप्पणी की: “अफ़ग़ानिस्तान ने हमसे बेहतर खेल दिखाया, हमें अपनी गेंदबाज़ी को पुनः व्यवस्थित करना होगा।” फैन फोरम पर कई दर्शकों ने लिखी, “रहमत ने तो दिल खोल के खेला, ऐसा दिन देखना मेरे लिए गर्व की बात है।”
यह रिकॉर्ड न केवल अफ़ग़ानिस्तान के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि एशिया‑पैसिफिक में टेस्ट क्रिकेट के संतुलन को भी बदल देगा। ICC रैंकिंग में टीम अब पहले से बेहतर स्थिति में है, और इस जीत से आत्मविश्वास में बड़ी बढ़ोतरी देखी जाएगी। अगले दिन के दूसरे टेस्ट में ज़िंबाब्वे को रिवर्सिंग करने का बड़ा मौका मिलेगा, लेकिन राहमत की फॉर्म अभी भी हाई है, इसलिए बॉलिंग अटैक पर उनका असर देखना दिलचस्प रहेगा।
दूसरे टेस्ट के लिए शेड्यूल 22 अक्टूबर से शुरू होने वाला है, जहाँ दोनों टीमें अपनी रणनीतियों को ताज़ा कर रही हैं। अफ़ग़ानिस्तान का लक्ष्य इस श्रृंखला को 2‑0 से जीतना है, जबकि ज़िंबाब्वे अपने घरेलू मैदान की ताकत को फिर से साबित करना चाहता है। इस बीच, राहमत शाह के अगले मैच में संभावित इंट्रादे‑फ़ॉर्मेट के बारे में चर्चा तेज़ है, और कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह दोहरी शताब्दी उनके करियर के सबसे बड़े मुकामों में से एक होगी।
रहमत की नाबाद 231‑रन की पारी टीम को मानसिक मजबूती देती है। अब बॉलिंग यूनिट को अपनी लाइन और लेंथ पर ज़्यादा ध्यान देना पड़ेगा, क्योंकि बल्लेबाज़ी में अब भरोसा है। इस प्रकार टीम की पूरी रणनीति अधिक आक्रामक हो सकती है।
झांसी कोच ने बताया कि वे अगले ओवर में तेज़ स्पिन और तेज़ पेसिंग का मिश्रण इस्तेमाल करेंगे। उनका लक्ष्य बाउंस‑लेन को लेकर राहमत और शाहिदी को असुविधा में डालना है, ताकि विकेट ले सके।
वर्तमान में टीम टॉप‑5 में है; इस जीत से 15‑20 रैंकिंग पॉइंट्स का इजाफ़ा उम्मीद है, जिससे वे बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड के बीच एक कदम और नजदीक आएंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि उन्होंने आधे‑शॉट्स को हटाकर लंबी लाइन में ड्राइव किया, और तेज़ बॉल्स पर फुल‑टैगिंग की बजाय सौम्य ब्लॉकिंग अपनाई, जिससे उनका ग्राउंडिंग बेहतर हुआ।
अफ़ग़ानिस्तान का फोकस तेज़ पेसिंग और स्पिन के मिश्रण से विकेट लेना रहेगा, जबकि ज़िंबाब्वे बॉलिंग में वैराइटी लाकर दोहरी शताब्दी के बाद की निरंतरता तोड़ने की कोशिश करेगा। दोनों ही टीमें फ़ील्डिंग एरर्स को कम करके मैदान पर दबाव बनाए रखना चाहेंगी।
1 जवाब
वाह रे! राहमत शाह ने 231 रन की धांसू पारी खेली, टीम को नई ऊँचाइयों पर ले गया। अब अफ़ग़ानिस्तान का टेस्ट शिखर स्पष्ट है।