रामोजी राव, जिनकी पहचान भारतीय मीडिया और फिल्म उद्योग में एक महान शख्सियत के रूप में स्थापित थी, का हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे हृदय से संबंधित समस्याओं के लिए उपचार करवा रहे थे। रामोजी राव ने न केवल मीडिया जगत में बल्कि फिल्म उद्योग में भी महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनकी जीवनयात्रा हमेशा एक प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।
रामोजी राव ने वर्ष 1996 में रामोजी फिल्म सिटी की स्थापना की थी, जो आज दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी मानी जाती है। यहां पर हर साल हजारों फिल्में शूट की जाती हैं जो भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जाती हैं। रामोजी फिल्म सिटी का नाम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित है। इसके अलावे, उन्होंने मीडिया संस्थानों की भी स्थापना की, जिनमें प्रमुख रूप से ‘ईनाडु’ समाचार पत्र और ‘ईटीवी’ चैनल्स आते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामोजी राव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने उन्हें मीडिया और फिल्म उद्योग में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए याद किया और कहा कि रामोजी राव का जीवन जहां कई लोगों को प्रेरित करता है, वहीं उन्होंने भारतीय मैत्र्य और सृजनशीलता को भी बढ़ावा दिया। मोदी जी ने यह भी कहा कि रामोजी राव का निधन मीडिया और फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ी क्षति है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने भी रामोजी राव के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने रामोजी राव के योगदान को सराहा और कहा कि उनके जाने से प्रदेश के एक महान सपूत का अंत हो गया। मिजोरम के राज्यपाल कम्पम्पाती हरि बाबू ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि रामोजी राव का जीवन कई लोगों के लिए आदर्श था।
रामोजी राव के अंतिम संस्कार के लिए तेलंगाना सरकार ने विशेष निर्देश दिए हैं। रंगा रेड्डी जिले के कलेक्टर और साइबराबाद सीपी को इसकी देखरेख करने की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। अंतिम संस्कार में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी विदाई की जाएगी।
रामोजी राव का जीवन और उनकी यात्रा सच्चे अर्थों में अद्वितीय थीं। उनकी यात्रा न केवल उनकी निजी उपलब्धियों की कहानी है, बल्कि यह भारतीय मीडिया और सिनेमा की भी कहानी है। उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं में आज भी उनके आदर्श, मूल्य और सृजनशीलता के प्रतीक मिलते हैं।
उनकी सत्यनिष्ठा और परिश्रम ने उन्हें एक प्रतिष्ठित नाम बनाया। हम सब इस महान आत्मा के अवदान को सदा स्मरण करेंगे और उनकी विरासत हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।
एक टिप्पणी लिखें