आधार कार्ड एक आधार कार्ड, भारत सरकार द्वारा जारी एक अनूठी 12 अंकों की डिजिटल पहचान है जो हर नागरिक की जन्म, लिंग और निवास की जानकारी को एक अद्वितीय आईडी से जोड़ती है. इसे यूएआईडीएआई आईडी भी कहते हैं, और यह अब भारत में किसी भी सरकारी या निजी सेवा के लिए जरूरी हो गया है।
आजकल आधार कार्ड सिर्फ एक कार्ड नहीं, बल्कि एक आधार सत्यापन, एक डिजिटल प्रक्रिया जिसके जरिए आपकी पहचान को ऑनलाइन वेरिफाई किया जाता है के रूप में काम करता है। इसी वजह से जुलाई 2025 से आईआरसीटीसी ने टैटकल बुकिंग, रेलवे की त्वरित बुकिंग सेवा जो आमतौर पर लास्ट मिनट में टिकट चाहने वालों के लिए होती है के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। अब एजेंट या यात्री दोनों को अपना आधार नंबर डालकर ओटीपी से पहचान वेरिफाई करनी होगी। यह नियम फर्जी बुकिंग और टिकट बूटलेगिंग को रोकने के लिए बनाया गया है।
आधार कार्ड का इस्तेमाल अब बैंक खाता खोलने, लॉटरी जीतने, यहां तक कि बिजली या पानी के बिल जमा करने तक में हो रहा है। यह डिजिटल पहचान आपके लिए किसी भी दस्तावेज़ की जरूरत नहीं छोड़ती। अगर आपने कभी अपना आधार कार्ड अपडेट नहीं किया, तो आप टिकट बुक नहीं कर पाएंगे, बैंक लोन नहीं पा सकेंगे, और न ही सरकारी सब्सिडी प्राप्त कर पाएंगे। यह एक ऐसा टूल है जो आपकी जिंदगी के हर पहलू को जोड़ रहा है।
इसी तरह, अगर आप भारतीय रेलवे के टैटकल टिकट बुक करते हैं, तो आपको आधार सत्यापन के बिना कोई टिकट नहीं मिलेगा। यह नियम न सिर्फ टिकट बुकिंग को बेहतर बना रहा है, बल्कि आपके डेटा को भी सुरक्षित रख रहा है। अगर आपका आधार नंबर गलत है या अपडेट नहीं है, तो आपका टिकट रद्द हो सकता है। यह बात आपको नियमित रूप से अपना आधार अपडेट करने के लिए मजबूर करती है।
यहां आपको आधार कार्ड से जुड़ी सभी बड़ी खबरें मिलेंगी — चाहे वो रेलवे की नई बुकिंग नीति हो, चाहे आधार सत्यापन में आए बदलाव, या फिर यह कि कैसे यह कार्ड आपके जीवन के छोटे-छोटे कामों में दखल दे रहा है। हमने इस टैग के तहत उन सभी लेखों को इकट्ठा किया है जो आपको आधार कार्ड के असली असर को समझने में मदद करेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोटर आईडी के बिना आधार, पैन या राशन कार्ड से वोट डालने की अनुमति। 52.3 लाख वोटर अनुपलब्ध, c-VIGIL ऐप और वेबकास्टिंग से सुरक्षा बढ़ाई गई।
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