हर साल 29 जुलाई को दुनिया भर में ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस’ मनाया जाता है. ये तारीख सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि बाघों की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने का अवसर है। अगर आप भी जंगलों के इस राजसी शेर जैसा प्राणी बचाना चाहते हैं तो नीचे दी गई जानकारी आपके काम आएगी.
बाघ भारत की राष्ट्रीय पशु पहचान है, लेकिन उनके रहने वाले क्षेत्र लगातार घट रहे हैं. 2023 के आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 2,967 बाघ बचे हैं, जबकि 1970‑80 के दशक में उनकी संख्या 40,000 तक थी। कम जंगल, अवैध शिकार और मानव-वन्यजीव टकराव ही मुख्य कारण हैं.
बाघ केवल शिकार नहीं करते; वे इकोसिस्टम का संतुलन बनाये रखने में मदद करते हैं. हिरण‑भेड़ियों की संख्या नियंत्रित रख कर वे घास के मैदानों को स्वस्थ रखते हैं, जिससे किसान भी लाभान्वित होते हैं। इसलिए बाघ बचाने से पूरे पर्यावरण को फायदा होता है.
सरकार ने कई बड़े प्रोजेक्ट चलाए हैं – ‘प्रायड टाइगर’ योजना, नयी रिजर्वेशन एरिया की घोषणा और वन्यजीव अपराधों पर सख्त सजा. साथ ही स्थानीय समुदायों को भागीदारी देने के लिए ‘ट्रैफिक‑लेस एरिया’ जैसे मॉडल बनाये गये हैं जहाँ गाँव वाले सीधे बाघ संरक्षण में मदद करते हैं.
यदि आप अपने इलाके में किसी रेज़र्व या टाइगर प्रोजेक्ट से जुड़े हों, तो स्वयंसेवक बनना, फंडिंग इवेंट आयोजित करना या केवल सोशल मीडिया पर जानकारी फैलाना भी बड़ा योगदान है. छोटे‑छोटे कदम जैसे प्लास्टिक कम इस्तेमाल करना, जंगलों के पास कचरा न छोड़ना आदि से भी बाघों की सुरक्षा में मदद मिलती है.
हर साल इस दिन कई कार्यक्रम होते हैं: टाइगर रेज़र्व में विशेष सफर, स्कूल‑कॉलेज में जागरूकता कैंप और ऑनलाइन वेबिनार. नवोत्पल समाचार पर आप इन इवेंट्स की ताज़ा अपडेट रोज देख सकते हैं. अगर आपके पास कोई स्थानीय खबर या फोटो है तो हमें भेजें; हम उसे प्रमुखता से दिखाएंगे.
संक्षेप में, अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि बाघों को बचाने के लिए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी याद दिलाता है. आप चाहे छात्र हों, किसान या ऑफिस का कर्मचारी – छोटी‑सी कार्रवाई बड़े बदलाव की राह बनाती है. इस 29 जुलाई को अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाघ संरक्षण पर बात करें, सोशल मीडिया पे #बाघदिवस शेयर करें और अगर मौका मिले तो रेज़र्व में एक दिन बिताएँ.
आपकी रुचि और समर्थन से ही ये राजसी प्राणी आने वाली पीढ़ियों को देखने को मिलेगा. नवोत्पल समाचार आपके साथ है, हर कदम पर।
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को बाघों की घटती आबादी और संरक्षण की जरूरत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में बनाया गया था, जहां विश्व नेताओं ने बाघों के संकट पर चर्चा की थी। इसे बाघों की संख्या को 2022 तक दोगुना करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
पढ़ना