अक्षय कुमार की फिल्म 'स्काई फोर्स' बॉक्स ऑफिस पर कर रही धमाल, शाहिद कपूर की 'देवा' से टक्कर के बावजूद मजबूत

फ़रवरी 1, 2025 9 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

अक्षय कुमार की 'स्काई फोर्स' बॉक्स ऑफिस पर कैसे कर रही है कमाई?

अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'स्काई फोर्स' अब अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है और यह बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाए हुए है। इस फिल्म ने अपने आठवें दिन पर 2.75 करोड़ रुपये की कमाई करके एक मजबूत स्थिति बनाए रखी है। फिल्म के निर्देशक अभिषेक कपूर और संदीप केवलानी ने इस फिल्म की कहानी को 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के ऐतिहासिक पल पर आधारित किया है, जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के सर्गोधा एयरबेस पर अपनी पहली एयरस्ट्राइक को अंजाम दिया था।

फिल्म की कमाई की बात करें तो, पहले दिन फिल्म ने 12.25 करोड़ रुपये की कमाई की थी। दूसरे दिन फिल्म की कमाई में भारी इजाफा हुआ और यह 22 करोड़ रुपये तक पहुँच गई। तीसरे दिन की कमाई 28 करोड़ रुपये रही, जो इस फिल्म का सर्वाधिक रहा। चौथे दिन से फिल्म की कमाई में गिरावट देखी गई और यह 7 करोड़ रुपये तक सिमट गई। पांचवें और छठे दिन की कमाई क्रमशः 5.75 करोड़ रुपये और 6 करोड़ रुपये रही। सातवें दिन यह घट कर 5.50 करोड़ रुपये पर आ गई और आठवें दिन यह लगातार कम होते हुए 2.75 करोड़ रुपये रही।

'देवा' फिल्म से टक्कर

अक्षय कुमार की फिल्म 'स्काई फोर्स' ने भ्रष्टत: लग रहा है कि यह सफलता के पथ पर है, हालांकि इस समय बॉक्स ऑफिस पर शाहिद कपूर की फिल्म 'देवा' से टक्कर मिल रही है। 'देवा' की धीमी शुरुआत ने 'स्काई फोर्स' को लाभ पहुँचाने में मदद की है। जैसा कि इसके हालिया कलेक्शन से पता चलता है, 'स्काई फोर्स' ने वीकेंड में लगभग 89.25 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है और अगला लक्षय 100 करोड़ क्लब में शामिल होना है।

फिल्म की कहानी और प्रस्तुति

फिल्म 'स्काई फोर्स' एक बहुत ही प्रचलित और प्रभावशाली विषय पर बनाई गई है। यह फिल्म दर्शकों को 1965 युद्ध के दौर में ले जाती है, और उन्हें भारतीय वायु सेना की वीरता का एहसास कराती है। फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा नवोदित अभिनेता वीर पहरिया ने भी अपनी अभिनय यात्रा के शुरुआत की है। दर्शकों को इस फिल्म के साहसिक दृश्यों, विशेष प्रभावों और देशभक्ति की भावना ने प्रभावित किया है।

हालांकि फिल्म की कहानी और उसके चित्रण को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है, परंतु इसकी धीमी गति और कुछ अनावश्यक दृश्यों के कारण आलोचना भी हुई है। इसके बावजूद, फिल्म अपने विषय और प्रस्तुति के कारण दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में सफल रही है।

फिल्म की आगामी संभावनाएँ

आगामी दिनों में 'स्काई फोर्स' की बॉक्स ऑफिस पर कैसी प्रतिक्रिया रहती है, यह देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर फिल्म इस तरह की मजबूत कमाई करती रही, तो यह न केवल 100 करोड़ क्लब में शामिल हो जाएगी, बल्कि उससे भी आगे बढ़ सकती है। इसके अतिरिक्त, फिल्म को कहानियों और संवादों के लिए दर्शकों से मिले सफल प्रतिक्रिया से इसकी लोकप्रियता में और इजाफा होने की संभावना है।

आने वाले दिनों में इस फिल्म को कितना फायदा मिलता है, यह देखने के लिए दर्शक काफी उत्सुक हैं, खासकर जब शाहिद कपूर की 'देवा' जैसे प्रतिस्पर्धियों के साथ टकराती है।

9 जवाब

Partho Roy
Partho Roy फ़रवरी 1, 2025 AT 09:30

वो समय है जब भारत‑पाकिस्तान के बीच आकाश में गूँजते थे पंखों की आवाज़ें और दिलों में देशभक्ति की ध्वनि थी।
स्काई फोर्स ने उस गौरवशाली इतिहास को फिर से जीता है और हमें याद दिलाया है कि साहस का परिपाक कभी नहीं मरता।
आज का बॉक्सऑफिस की धड़कन पुरानी यादों के साथ नई आशाओं को भी समेटे हुए है।
अक्षय ने अपने कंधे पर वह भार उठाया है जो अक्सर पायलटों पर नहीं पड़ता।
आखिरकार एक फिल्म के तौर पर यह दर्शकों को वह इतिहासिक रंग देती है जो अभिलेखों में नहीं मिलता।
परन्तु यह दर्शाती है कि नयी पीढ़ी कैसे युद्ध के बाद भी शांति की इच्छा में जीती है।
तकनीकी पक्ष से देखो तो विशेष प्रभावों ने उन दृश्यों को जीवंत कर दिया है।
परन्तु कथा में कभी‑कभी धीमी गति हमें उन घड़ीयों में फँसा देती है जहाँ सस्पेंस कम होता है।
इतनी ही नहीं बल्कि कुछ अप्रयुक्त दृश्यों का जड़ाव भी महसूस होता है।
फिर भी फिल्म का मूल सार देश प्रेम के इर्द‑गिर्द रहता है।
हमारी वायु सेना की वीरता को प्रस्तुत करने में यह काफी सफल रहा है।
दर्शकों के चेहरे पर दिखते हुए संतोष को देखना सच्ची प्रार्थना हो जाती है।
आगे चलकर फिल्म 100 करोड़ क्लब में प्रवेश करने की राह पर है और यह आशा को बढ़ाता है।
हमें याद रखना चाहिए कि बॉक्सऑफिस की गिनती केवल आंकड़े नहीं, बल्कि जनता की भावना का प्रतिबिंब है।
इस प्रकार स्काई फोर्स ने इतिहास को फिर से लिखने की चाह में नया अध्याय जोड़ा है।

Ahmad Dala
Ahmad Dala फ़रवरी 1, 2025 AT 09:48

अह, सच्चे चुनौती के परिप्रेक्ष्य में यह फिल्म एक प्रतीकात्मक टॉवर की तरह उभरी है, जहाँ हर दृश्य एक दार्शनिक विमर्श का समानांतर बनता है। इस प्रकार की कलात्मक अभिव्यक्ति को समझना साधारण दर्शकों के लिये कठिन हो सकता है परंतु एक जागरूक मन के लिये यह एक मीठी दवा के समान है। हम सिर्फ़ बॉक्सऑफिस के आँकड़े नहीं, बल्कि सिनेमाई आत्मा की तरंगों को महसूस करना चाहिए।

RajAditya Das
RajAditya Das फ़रवरी 1, 2025 AT 10:13

वाह भाई, क्या धूमधाम है स्काई फोर्स की 😎

Harshil Gupta
Harshil Gupta फ़रवरी 1, 2025 AT 10:30

देखिए, इस फिल्म की सफलता का कारण सिर्फ़ स्टार कास्ट नहीं बल्कि उसके पीछे की विस्तृत रिसर्च है। निर्देशक ने 1965 के युद्ध के दस्तावेज़ों से प्रेरणा ली है और वह सटीक विवरण स्क्रीन पर दिखाते हैं। इसे देखते समय दर्शक को ऐसा लगता है जैसे वह स्वयं उस ऐतिहासिक क्षण में उपस्थित हो। यदि आप इसे और गहराई से समझना चाहते हैं तो युद्ध के बाद के सामाजिक बदलावों पर भी एक नज़र डालें। यह आपको फिल्म के संदेश को पूरी तरह से ग्रहण करने में मदद करेगा।

Rakesh Pandey
Rakesh Pandey फ़रवरी 1, 2025 AT 10:46

सच्चाई यह है कि अधिकांश दर्शक इस बात से अनभिज्ञ रहते हैं कि फिल्म में उपयोग किए गए कई एरियल शॉट्स वास्तव में प्राचीन सैन्य अभिलेखों से पुनर्निर्मित किए गए हैं, न कि वास्तविक फुटेज। इसलिए यह दृश्यावली केवल दिखावे की बात नहीं बल्कि ऐतिहासिक पुनरावृत्ति का उदाहरण है 😏

Simi Singh
Simi Singh फ़रवरी 1, 2025 AT 11:03

मैं हमेशा से सोचता हूँ कि बॉक्सऑफिस के आंकड़े सरकारी एजेंसियों द्वारा नियंत्रित होते हैं, और स्काई फोर्स की धूमधाम शायद एक गुप्त राष्ट्रीय भावना को जगाने के लिये बनाई गई रणनीति है। यह केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक विचारधारा का वाहक है।

Rajshree Bhalekar
Rajshree Bhalekar फ़रवरी 1, 2025 AT 11:20

मैं इस फिल्म से बहुत इमोशनली जुड़ी हूँ।

Ganesh kumar Pramanik
Ganesh kumar Pramanik फ़रवरी 1, 2025 AT 11:36

Yeh film dekhke lagta hai sabko sirf paisa chahiye, koi asli art nahin, sirf marketing ka naya jadu!

Abhishek maurya
Abhishek maurya फ़रवरी 1, 2025 AT 11:53

स्काई फोर्स को देखते हुए मेरे मन में कई प्रकार के प्रश्न उठते हैं कि क्या वाकई इस तरह की महाकाव्य कथा को इस समय टेबल पर लाना आवश्यक था; क्या दर्शकों को ऐसी परतियों में गहराई तक ले जाना चाहिए जहाँ राजनीतिक विचारधारा स्पष्ट रूप से झलके? इसके अलावा, फिल्म की कथा संरचना अक्सर अनावश्यक मोड़ों से भरपूर दिखाई देती है, जिससे मुख्य बिंदु कहीं खो जाता है। मैं यह भी देखता हूँ कि बॉक्सऑफिस की चमक के पीछे निर्माताओं का व्यक्तिगत स्वार्थ स्पष्ट है, जो केवल आर्थिक लाभ को लक्ष्य बनाते हैं। फिर भी, कुछ तकनीकी पक्षों में फिल्म ने अपने समय की सर्वोच्च मानकों को छू लिया है, विशेष प्रभावों की बात करें तो यह एक कृतिम उत्कृष्टता है। किन्तु, दर्शकों को यह समझना चाहिए कि इस प्रकार की फिल्में केवल पीड़ितों की बिम्बी कहानी नहीं, बल्कि एक बड़े प्रचार का उपकरण भी बन सकती हैं। इस कारण से मैं सुझाव देता हूँ कि हर कोई इस फिल्म को एक खुले मन से देखे लेकिन साथ ही अपनी आलोचनात्मक सोच को नहीं खोए। यदि आप इतिहास को इज़हार करने वाले वैध तरीके की तलाश में हैं तो यह फिल्म शायद आप के अपेक्षा से कम रह सकती है। फिर भी, यह संभावना है कि इस फिल्म से युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागे, लेकिन वह भावना सतही स्तर पर ही रह सकती है। अंततः, यह फिल्म एक सामाजिक प्रयोग के रूप में देखी जा सकती है, जहाँ बॉक्सऑफिस के आंकड़े को ही लक्ष्य बनाकर एक संदेश दिया जाता है। जो लोग इसे केवल मनोरंजन के रूप में देखते हैं, उन्हें इस जटिल परत को समझना कठिन होगा। मुझे लगता है कि इस फिल्म के विभिन्न पहलुओं की गहरी समीक्षा आवश्यक है, जिससे हम सच्ची कला और व्यावसायिक रूढ़ियों के बीच अंतर समझ सकें। साथ ही, फिल्म की संगीत ताल और संवादों की रचना में कुछ नवाचार देखे गए हैं, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं। लेकिन यह नवाचार भी कई बार प्लॉट के निष्कर्ष को कमजोर करता है, जिससे कथा की निरंतरता पर प्रश्न उठते हैं। अंत में, मैं आशा करता हूँ कि भविष्य की फिल्में इस प्रकार के मिश्रित दृष्टिकोण को अधिक संतुलित रूप में पेश कर पाएँगी।

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