छठ महापर्व: भारत का प्राचीन और भावुक त्योहार, पूजा, रिवाज़ और त्योहार की असली भावना

जब आप छठ महापर्व, भारत का एक प्राचीन सूर्य उपासना त्योहार जो वैदिक काल से जुड़ा हुआ है और जिसमें प्रकृति के प्रति आभार का भाव शामिल है की बात करते हैं, तो आप सिर्फ एक त्योहार के बारे में नहीं, बल्कि एक ऐसी संस्कृति के बारे में बात कर रहे हैं जो समय के साथ बदली नहीं। यह त्योहार केवल बिहार और झारखंड तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे भारत में फैल चुका है, जहाँ लाखों लोग सूर्य देव को अर्पित अपने प्रार्थना और उपवास के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। यह एक ऐसा त्योहार है जहाँ शुद्धता, श्रद्धा और समर्पण की बात होती है, न कि बस रिवाज़ की।

सूर्य देव, वैदिक परंपरा में जीवन का स्रोत और ऊर्जा का प्रतीक, जिनकी पूजा छठ में सबसे केंद्रीय है के प्रति यह आभार का भाव इतना गहरा है कि लोग नदी किनारे घंटों खड़े रहते हैं, बिना पानी के, बिना खाने के, सिर्फ उनकी किरणों को अपने दिलों में भरने के लिए। वैदिक परंपरा, जो छठ के अनुष्ठानों का मूल आधार है, और जिसमें अष्टमी, नवमी और दशमी के दिन विशेष अनुष्ठान शामिल हैं इस त्योहार को राष्ट्रीय स्तर पर अनूठा बनाती है। यहाँ कोई विज्ञापन नहीं, कोई बड़ा डिस्को नहीं, बल्कि शांति, शुद्धता और श्रद्धा का बहाव है। यह त्योहार आपको याद दिलाता है कि प्रकृति के साथ जुड़े रहना कितना ज़रूरी है।

छठ महापर्व के दौरान आप देखेंगे कि कैसे एक गाँव की महिलाएँ रात भर जागकर देवी छठ देवी के लिए ठाठ के साथ भोग तैयार करती हैं, कैसे बच्चे नदी किनारे नाचते हैं, और कैसे एक बूढ़ा आदमी अपने घर के बाहर खड़ा होकर सूरज को नमन करता है। ये सब केवल रिवाज़ नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। इस पेज पर आपको छठ महापर्व से जुड़े असली कहानियाँ, उनकी आध्यात्मिक गहराई, और इस त्योहार को जीने का तरीका मिलेगा। जहाँ आप देखेंगे कि यह त्योहार बस एक दिन का नहीं, बल्कि एक जीवन का अनुभव है।

छठ पर काजल राघवानी और अरविंद अकेला कल्लू ने शुभकामनाएं दीं, वायरल हुईं तस्वीरें
अक्तूबर 28, 2025 Priyadharshini Ananthakumar

छठ पर काजल राघवानी और अरविंद अकेला कल्लू ने शुभकामनाएं दीं, वायरल हुईं तस्वीरें

काजल राघवानी और अरविंद अकेला कल्लू ने छठ पर्व पर अपनी मां और मंदिर की तस्वीरें शेयर कर भावनाओं को छू दिया। उनके गीत और फिल्म 'प्रेम विवाह' का प्रमोशन भी वायरल हुआ।

पढ़ना