छठ पर काजल राघवानी और अरविंद अकेला कल्लू ने शुभकामनाएं दीं, वायरल हुईं तस्वीरें

अक्तूबर 28, 2025 20 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

शनिवार, 26 अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ लोक आस्था का सबसे भावुक महापर्व छठ। रविवार को भोजपुरी सिनेमा के दो बड़े चेहरे — काजल राघवानी और अरविंद अकेला कल्लू — ने अपने फैंस को शुभकामनाएं देते हुए ऐसी तस्वीरें साझा कीं, जो दिल छू गईं। काजल ने अपने इंस्टाग्राम पर पारंपरिक लहंगा पहने, मंदिर के सामने बैठी हुई एक तस्वीर पोस्ट की, जहां उनके चेहरे पर भक्ति और बचपन की यादों का मिश्रण था। "जय छठी मइयां, सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हों," लिखा उन्होंने। वहीं, कल्लू ने अपनी मां को चूल्हे पर खीर बनाते हुए फोटो शेयर किया — एक ऐसा पल जो सिर्फ एक तस्वीर नहीं, बल्कि एक परिवार की आत्मा था।

छठ की यादें, गीत और भावनाएं

काजल राघवानी ने इस पर्व को सिर्फ एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत यादों का सफर बताया। उनका छठ स्पेशल गीत "छठी माई के पावन परबिया", जिसे उन्होंने यूट्यूब पर रिलीज़ किया था, अब तक 23,000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है। गीत में भोजपुरी लोक संगीत की धुन और मां के प्रति भक्ति का संगम है — एक ऐसा मिश्रण जो गांवों से शहरों तक लोगों को जोड़ रहा है। इससे पहले, उनकी फिल्म "बड़की दीदी-2" का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर आईवीवाई एंटरटेनमेंट के बैनर तले हुआ था, जिसने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया।

अरविंद अकेला कल्लू की तस्वीरें तो दिल को छू गईं। उनकी मां का हाथ जो खीर में चम्मच घुमा रहा था, वह दृश्य ने न सिर्फ एक भोजपुरी परिवार की छठ की तैयारी दिखाई, बल्कि भारत के लाखों घरों की वही छठ की याद ताजा कर दी। "मां के हाथों के प्रसाद की खुशबू और छठी मइया की कृपा, दोनों ही जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद हैं," उन्होंने लिखा। यह बयान उनके गीत "बाझिन तिवई" (2022) के भाव को जीवंत करता है — एक गीत जिसका संगीत रावशन सिंह ने दिया था, बोल पंकज बसुधरी ने लिखे थे, और वीडियो रवि पांडित ने डायरेक्ट किया था। अब उनका नया गाना "रात वाला दरद" जल्द ही रिलीज़ होने वाला है, जिसके लिए फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

"प्रेम विवाह" का प्रमोशन: भावनाएं या बिजनेस?

काजल और कल्लू की तस्वीरें वायरल होने का एक और कारण था — उनकी आने वाली फिल्म "प्रेम विवाह"। दोनों ने चंद्रिका देवी मंदिर में एक साथ तस्वीरें शेयर कीं, जहां वे पति-पत्नी के रूप में दिख रहे थे। कैप्शन में लिखा था: "प्रेम विवाह के बाद मिल गया माता चंद्रिका देवी जी का आशीर्वाद।" इस तस्वीर को देखकर कई फैंस ने सोचा कि शायद ये दोनों असल में शादी कर चुके हैं। लेकिन यह सिर्फ फिल्म का प्रमोशनल गेटअप था — एक बुद्धिमानी भरा ट्रेंड।

काजल का पिछला रिश्ता भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के साथ रहा था, जिसके टूटने से फैंस बहुत दुखी हुए थे। इसलिए, अब जब वह कल्लू के साथ एक धार्मिक स्थान पर पति-पत्नी के रूप में दिख रही हैं, तो यह भावनात्मक असर दोगुना हो जाता है। फिल्म के प्रचार में यह तकनीक अच्छी लगी — भावनाओं को बेचना अब बिजनेस बन गया है।

भोजपुरी सिनेमा का छठ का रंग

भोजपुरी सिनेमा का छठ का रंग

काजल और कल्लू के अलावा, भोजपुरी सिनेमा के दूसरे बड़े नाम भी इस बार छठ पर आए। बसीर अली, जो बिग बॉस 19 के फेम हैं, ने लिखा: "प्रार्थना, आभार और सूर्य की रोशनी के साथ छठ की शुभकामनाएं।" वहीं, मनोज तिवारी और पवन सिंह ने अपने-अपने छठ गीत रिलीज़ किए — जिन्हें यूट्यूब पर रिलीज़ होते ही लाखों व्यूज़ मिले। पवन सिंह के गीत पर फैंस ने रील्स बनाईं, जबकि मनोज तिवारी ने अपने वीडियो में लिखा: "सूर्य देव और छठी मइया की कृपा से सबके जीवन में उजाला बना रहे।"

अक्षरा सिंह ने तो अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़कर परिवार के साथ छठ मनाई। उनका गीत "छठी मैया" भी वायरल हुआ। यह सब बताता है कि छठ अब सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं — यह भोजपुरी सांस्कृतिक पहचान का एक अहम हिस्सा बन गया है। गाने, तस्वीरें, वीडियोज़ — सब कुछ इस त्योहार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।

क्या यह बस एक त्योहार है?

क्या यह बस एक त्योहार है?

छठ का असली रूप तो बहुत सादा है — सूर्य देव को नमन, पानी में दीप जलाना, बिना नमक का भोजन, और बूढ़े लोगों को आशीर्वाद देना। लेकिन आज, इस त्योहार को एक अलग तरह से देखा जा रहा है। सिनेमा और सोशल मीडिया ने इसे एक जनसंचार का औजार बना दिया है। जब काजल और कल्लू अपनी मां की तस्वीर शेयर करते हैं, तो वे सिर्फ छठ नहीं, बल्कि एक परिवार की गहराई भी दिखा रहे हैं। जब अक्षरा शूटिंग छोड़कर घर आती हैं, तो वे एक स्टार की जगह एक बेटी के रूप में दिख रही हैं।

यही बात है जो इस छठ को अलग बनाती है — यह न केवल धर्म का त्योहार है, बल्कि एक भावनात्मक रिकॉर्डिंग है। जिस तरह से भोजपुरी संस्कृति अपने गीतों, तस्वीरों और लोक कथाओं के जरिए अपनी पहचान बना रही है, उसी तरह छठ भी अब एक सांस्कृतिक ब्रांड बन गया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

काजल राघवानी और अरविंद अकेला कल्लू वास्तव में शादीशुदा हैं?

नहीं, वे वास्तव में शादीशुदा नहीं हैं। उनकी तस्वीरें उनकी आने वाली फिल्म 'प्रेम विवाह' के प्रचार के लिए ली गई थीं। इन तस्वीरों को देखकर कई फैंस ने गलत धारणा बना ली, लेकिन दोनों कलाकारों ने कभी भी शादी की घोषणा नहीं की है।

छठ पर भोजपुरी सितारों के गीत क्यों इतने लोकप्रिय हैं?

भोजपुरी गीत इस त्योहार के साथ गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव रखते हैं। ये गीत सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि घरेलू भावनाओं, मां के प्रति भक्ति और ग्रामीण जीवन की यादों को दर्शाते हैं। इसलिए ये गीत यूट्यूब पर लाखों व्यूज़ पा रहे हैं — क्योंकि ये लोगों के दिल की धड़कन को छू रहे हैं।

काजल राघवानी का छठ गीत कितने व्यूज़ प्राप्त कर चुका है?

काजल राघवानी का छठ स्पेशल गीत 'छठी माई के पावन परबिया' यूट्यूब पर 23,000 से अधिक बार देखा जा चुका है। यह संख्या भोजपुरी गीतों के लिए बहुत ऊंची मानी जाती है, खासकर जब इसे एक अकेले कलाकार की ओर से रिलीज़ किया गया हो।

अरविंद अकेला कल्लू के नए गाने का नाम क्या है?

अरविंद अकेला कल्लू के नए गाने का नाम 'रात वाला दरद' है, जो जल्द ही रिलीज़ होने वाला है। इसके अलावा, उन्होंने पिछले कुछ दिनों में 'टिकुलिया' नामक गाना भी रिलीज़ किया है, जो फैंस के बीच अच्छा प्रतिक्रिया ले रहा है।

छठ के दौरान भोजपुरी सिनेमा के कलाकार क्यों अपनी फिल्मों की शूटिंग छोड़ देते हैं?

छठ को भोजपुरी संस्कृति में एक अत्यंत गहरा धार्मिक और पारिवारिक त्योहार माना जाता है। कलाकार अपनी शूटिंग छोड़कर घर आते हैं, क्योंकि यह एक सांस्कृतिक जिम्मेदारी है। अक्षरा सिंह जैसे कलाकारों ने इसे एक नियम बना दिया है — यह उनकी पहचान का हिस्सा बन गया है।

छठ के लिए सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करना क्या नया है?

पुराने समय में छठ की तस्वीरें घर के अंदर ही रहती थीं। आज, सोशल मीडिया ने इसे एक जनसंचार का औजार बना दिया है। जब सितारे अपनी मां की तस्वीर शेयर करते हैं, तो वे न केवल अपनी भक्ति दिखाते हैं, बल्कि एक नई पीढ़ी को भी इस त्योहार की महत्ता समझाते हैं।

20 जवाब

Saachi Sharma
Saachi Sharma अक्तूबर 28, 2025 AT 11:25

बस एक तस्वीर दिखाकर भक्ति का नाटक कर रहे हैं। असली छठ तो गांव में नदी किनारे बैठकर दीप जलाने में है, न कि इंस्टाग्राम पर।

Rupesh Nandha
Rupesh Nandha अक्तूबर 30, 2025 AT 10:44

इस तरह के प्रचार के पीछे, एक गहरी सांस्कृतिक वास्तविकता छिपी है: जब आधुनिकता और परंपरा टकराती हैं, तो भावनाएँ ही अकेले सेतु बन जाती हैं। काजल की तस्वीरें, कल्लू की खीर, अक्षरा का घर लौटना - ये सब एक ही जीवन की अलग-अलग धुनें हैं।

हम जिसे 'प्रमोशन' कहते हैं, वह शायद वास्तव में एक नई पीढ़ी के लिए परंपरा का नया अर्थ है।

जब एक बेटी शूटिंग छोड़कर घर आती है, तो वह केवल अपनी माँ के लिए नहीं, बल्कि एक संस्कृति के लिए आती है।

यह अब बिजनेस नहीं, बल्कि भावनात्मक विरासत का संरक्षण है।

हम इसे बेचने का नाम देते हैं, लेकिन दिल जानता है - ये सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, एक याद है।

हर चम्मच घुमाता हाथ, हर दीप जलाती आँख, हर गीत जिसमें माँ का नाम है - ये सब एक ही आत्मा की धड़कन हैं।

हम इसे ट्रेंड कहकर बेचते हैं, लेकिन ये वास्तव में एक जीवन का अध्याय है।

जब आप एक अनजान व्यक्ति की तस्वीर देखकर आँखें भर आती हैं, तो यह बताता है कि हम सब कुछ एक ही गांव के बच्चे हैं।

छठ अब एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आवाज है - जो शहरों में भी गांव की याद दिलाती है।

इसलिए, जो इसे प्रमोशन कहते हैं, वे शायद उस गहराई को नहीं देख पा रहे, जो इस त्योहार के दिल में बसती है।

Sagar Solanki
Sagar Solanki अक्तूबर 31, 2025 AT 06:18

ये सब एक बड़ा कॉन्सिर्पिरेसी है। फिल्म प्रमोशन के नाम पर सोशल मीडिया को बांधकर रखा गया है।

काजल और कल्लू के बीच शादी का अफवाह फैलाने का उद्देश्य - ट्रेंड बनाना, न कि भक्ति।

अगर ये सच में भक्ति थी, तो वे चंद्रिका देवी के मंदिर में अकेले क्यों नहीं गए? फिल्म के प्रोमो के लिए एक साथ आए हैं - ये तो बहुत साफ है।

यूट्यूब पर गीतों के व्यूज़ भी बॉट्स से बढ़ाए गए हैं।

बसीर अली का बिग बॉस फेम होना इसे और भी ज्यादा संदिग्ध बना रहा है।

ये सब एक धार्मिक नाटक है - जिसका उद्देश्य है: लोगों को भावनात्मक रूप से फंसाना, ताकि वे फिल्म देखें।

इस तरह की गतिविधियाँ धर्म को बेचने के लिए बनाई गई हैं।

यह तो अब धर्म नहीं, बल्कि एक ब्रांडिंग स्ट्रेटेजी है।

मैं इसे नहीं बर्दाश्त कर सकता।

Siddharth Madan
Siddharth Madan नवंबर 1, 2025 AT 22:03

मुझे लगता है ये बहुत खूबसूरत है।

माँ के हाथों की खीर, छठ की पूजा, गांव की यादें - ये सब दिल को छू जाता है।

फिल्म का प्रमोशन हो या न हो, ये भावनाएँ असली हैं।

मैं भी अपनी माँ के साथ छठ मनाता हूँ।

उनके हाथों की खुशबू अभी भी याद है।

कोई भी इसे बेचने का नाम न दे।

ये तो हमारी जड़ें हैं।

Nathan Roberson
Nathan Roberson नवंबर 1, 2025 AT 22:47

मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि ये तस्वीरें देखकर मुझे अपने गाँव की याद आ गई।

माँ के साथ छठ की तैयारी, नदी किनारे बैठकर दीप जलाना - ये सब अभी भी मेरे दिल में है।

अगर इन तारों ने इसे दिखाया, तो शुक्रिया।

ये बस एक अच्छा अवसर था।

Thomas Mathew
Thomas Mathew नवंबर 2, 2025 AT 11:29

ये सब बहुत बड़ा ड्रामा है 😒

काजल का गीत 23k व्यूज़? अरे भाई, ये तो एक छोटे से गाँव के लिए बहुत है।

मैंने देखा है जब कोई गाना वायरल होता है तो उसके पीछे 10000 फेक व्यूज़ होते हैं।

और ये लोग इतने भावुक क्यों हो रहे हैं? ये तो बस फिल्म का प्रचार है।

अब तो छठ भी ब्रांडिंग का हिस्सा बन गया है।

बस एक बार जब मैंने अपनी माँ को छठ पर खीर बनाते देखा था - तब वाकई दिल छू गया था।

अब तो हर कोई अपनी माँ की तस्वीर डाल रहा है।

इसका मतलब ये नहीं कि वो असली हैं।

बस एक ट्रेंड।

Monika Chrząstek
Monika Chrząstek नवंबर 2, 2025 AT 22:07

ये तस्वीरें देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा 😊

मैं भी अपनी नानी के साथ छठ मनाती हूँ

उनके हाथों की खीर की खुशबू अभी भी याद है

मुझे लगता है ये सब बहुत खूबसूरत है

काजल और कल्लू ने बहुत अच्छा किया

मैं उनके नए गाने का इंतजार कर रही हूँ

लगता है ये त्योहार अब भी जिंदा है

Vitthal Sharma
Vitthal Sharma नवंबर 4, 2025 AT 06:04

अच्छा किया।

chandra aja
chandra aja नवंबर 5, 2025 AT 21:23

ये सब एक राजनीतिक गेम है।

काजल और कल्लू दोनों के फैंस अलग-अलग पार्टी के हैं।

इन तस्वीरों का मकसद है - दोनों ग्रुप्स को जोड़ना।

फिल्म का नाम 'प्रेम विवाह' - ये तो बहुत साफ है।

इसके बाद एक बड़ा नेटवर्क बनेगा।

ये सब एक बड़ा इंटरनेट ऑपरेशन है।

बस इंस्टाग्राम पर तस्वीरें डाल दीं, और लोग फंस गए।

कोई नहीं जानता कि ये सब किसके लिए है।

मैं इसे एक फेक नेशनलिस्ट ट्रेंड कहूंगा।

Sutirtha Bagchi
Sutirtha Bagchi नवंबर 6, 2025 AT 13:54

अरे भाई, ये तो बहुत बेकार है! इतना धमाका क्यों? छठ तो बस एक दीप जलाना है! इंस्टाग्राम पर इतना ड्रामा क्यों? तुम लोगों को अपनी माँ के लिए दीप जलाने की जगह फोटो खींचने का टाइम है? बस रुक जाओ! असली भक्ति तो दिल में होती है! 🤦‍♀️

Abhishek Deshpande
Abhishek Deshpande नवंबर 8, 2025 AT 00:11

यहाँ बहुत सारे लोग इसे भावनात्मक बता रहे हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे एक बड़ा बिजनेस मॉडल है? काजल राघवानी के गीत के व्यूज़, कल्लू के गीत के लिंक्स, फिल्म के ट्रेलर के लिए इस्तेमाल हो रहा है - ये सब एक अत्यधिक गणनात्मक रणनीति है।

आपको लगता है कि आप भावुक हैं, लेकिन आपके भाव एक एल्गोरिदम द्वारा नियंत्रित हो रहे हैं।

हर एक तस्वीर, हर एक गीत, हर एक रील - ये सब एक डिजिटल ब्रांडिंग अभियान का हिस्सा है।

और आप, जो इसे भक्ति कह रहे हैं - आप उसके शिकार हैं।

ये एक भावनात्मक बाजार है।

और आप उसके ग्राहक हैं।

vikram yadav
vikram yadav नवंबर 8, 2025 AT 10:20

छठ भोजपुरी संस्कृति का दिल है।

ये तस्वीरें, गीत, वीडियो - सब कुछ इसे जीवित रख रहे हैं।

मैं दक्षिण भारत से हूँ, लेकिन मैंने अपनी माँ के साथ छठ मनाया।

काजल का गीत सुनकर मेरी आँखें भर आईं।

ये बस एक त्योहार नहीं - ये एक जुड़ाव है।

हर घर में एक छठ है।

हर गाँव में एक दीप है।

हर बेटी के लिए एक माँ है।

इसे बेचने का नाम मत दो।

ये तो हमारी जड़ें हैं।

Tamanna Tanni
Tamanna Tanni नवंबर 9, 2025 AT 01:31

ये सब बहुत सुंदर है

मुझे अपनी बहन की याद आ गई

वो हमेशा छठ पर खीर बनाती थी

अब वो नहीं है

लेकिन इन तस्वीरों ने उसे वापस ला दिया

धन्यवाद

Rosy Forte
Rosy Forte नवंबर 10, 2025 AT 16:26

यहाँ जो भावनात्मक नाटक हो रहा है, वह एक तरह की सांस्कृतिक अपराधिता है।

एक धार्मिक अवसर को व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयोग करना - यह न केवल अशिष्ट है, बल्कि एक अनैतिक अपहरण है।

काजल राघवानी के गीत के 23,000 व्यूज़? यह एक बहुत ही सीमित लोकप्रियता है, जो एक व्यापक सांस्कृतिक विरासत को बर्बाद कर रही है।

छठ की असली गहराई क्या है? यह एक अव्यक्त अनुभव है - जिसे इंस्टाग्राम पर फोटो अपलोड करके नहीं बताया जा सकता।

ये तो एक डिजिटल विकृति है।

आप जो कहते हैं कि यह भावनात्मक रिकॉर्डिंग है - यह तो एक भावनात्मक व्यापार है।

और आप सब उसके शिकार हैं।

Yogesh Dhakne
Yogesh Dhakne नवंबर 11, 2025 AT 06:48

अच्छा लगा।

मैं भी छठ पर घर जाता हूँ।

माँ के साथ खीर बनाना मेरा पसंदीदा पल है।

फिल्म का प्रमोशन हो या न हो - ये तो असली है।

सिर्फ इतना कहना है - धन्यवाद।

kuldeep pandey
kuldeep pandey नवंबर 12, 2025 AT 19:05

ये सब बहुत नकली है।

काजल ने जो तस्वीर डाली - वो तो एक बहुत अच्छी फोटोग्राफी है।

लेकिन असली छठ में कोई फोटोग्राफर नहीं होता।

अरविंद की माँ की तस्वीर? शायद उसकी बहन ने ली होगी।

और फिल्म का प्रमोशन? बहुत साफ है।

ये तो एक भावनात्मक धोखा है।

मैं इसे बहुत बुरा लगता है।

क्योंकि असली भक्ति तो अकेले नदी किनारे होती है - बिना कैमरे के।

और ये लोग इसे बेच रहे हैं।

मैं रो रही हूँ।

Hannah John
Hannah John नवंबर 13, 2025 AT 06:49

ये सब एक बड़ा जाल है

छठ के नाम पर एक बड़ा ब्रांडिंग कैंपेन चल रहा है

और हम सब उसके शिकार हैं

अगर ये असली भक्ति होती तो फिल्म का नाम क्यों डाला जा रहा है

काजल और कल्लू के बीच क्या है? कोई नहीं जानता

लेकिन ये तस्वीरें देखकर लोग फंस गए

मैंने एक बार छठ पर दीप जलाया था

कोई फोटो नहीं ली

कोई इंस्टाग्राम पोस्ट नहीं किया

लेकिन उस दिन की याद अभी भी जिंदा है

ये सब तो बस एक शो है

dhananjay pagere
dhananjay pagere नवंबर 13, 2025 AT 23:02

काजल की तस्वीरें बहुत अच्छी हैं 😍

लेकिन ये सब बिजनेस है

हर कोई अपनी माँ की तस्वीर डाल रहा है

लेकिन क्या उन्होंने असली छठ मनाई?

मैंने एक बार देखा - एक लड़की ने छठ पर दीप जलाया

और तुरंत फोन निकालकर रील बना दी

ये तो भक्ति नहीं, बल्कि फैमिंग है

मैं इसे नहीं समझ पा रहा

Shrikant Kakhandaki
Shrikant Kakhandaki नवंबर 14, 2025 AT 22:45

ये सब एक बड़ा फेक है

काजल और कल्लू के बीच शादी का अफवाह फैलाने के लिए ये तस्वीरें बनाई गई हैं

और फिल्म का नाम 'प्रेम विवाह' - ये तो बहुत साफ है

मैंने देखा है कि इन तस्वीरों के बाद उनकी फिल्म के ट्रेलर के व्यूज़ बढ़ गए

ये तो एक बड़ा इंटरनेट फ्रॉड है

मैं इसे बहुत बुरा लगता है

और अब लोग ये भी सोचने लगे हैं कि शायद वे असली में शादीशुदा हैं

ये तो बहुत बुरा है

bharat varu
bharat varu नवंबर 16, 2025 AT 00:24

ये सब बहुत अच्छा है!

छठ एक बहुत खूबसूरत त्योहार है

और काजल और कल्लू ने इसे बहुत अच्छे से दिखाया

मैं भी अपने घर पर छठ मनाता हूँ

माँ के साथ खीर बनाना मेरा पसंदीदा है

फिल्म का प्रमोशन हो या न हो - ये तो असली है

बहुत बहुत धन्यवाद!

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