चुनाव आयोग: भारत के चुनावों का नियम और निगरानी का केंद्र

भारत के लोकतंत्र की रीढ़ है चुनाव आयोग, भारत सरकार का एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय जो राष्ट्रीय और राज्य स्तर के चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित करता है. यह निकाय मतदान की तैयारी से लेकर नतीजों की घोषणा तक की पूरी प्रक्रिया पर नज़र रखता है। चुनाव आयोग के बिना, भारत का विशाल निर्वाचन तंत्र — जिसमें हर चौथे वर्ष लगभग 90 करोड़ मतदाता शामिल होते हैं — असंभव होता। इसकी जिम्मेदारी सिर्फ वोट डालने का इंतज़ाम करना नहीं, बल्कि चुनावी धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव को रोकना भी है।

चुनाव आयोग के साथ जुड़े कई अन्य तत्व भी इस प्रणाली को चलाते हैं। मतदान, एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें हर नागरिक को अपने प्रतिनिधि का चयन करने का अधिकार होता है, इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज भारत में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और VVPAT (वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) का इस्तेमाल इसे और भी सुरक्षित बना रहा है। इसके अलावा, निर्वाचन प्रक्रिया, चुनाव आयोग द्वारा तय किए गए नियमों और अनुसूची का समूह है जो उम्मीदवारों, दलों और चुनावी आयोजकों के लिए एक नियम की किताब बनती है। यह प्रक्रिया न केवल वोटिंग के दिन तक सीमित रहती, बल्कि उम्मीदवारों की नामांकन, चुनावी खर्च, प्रचार और चुनावी वादे तक को नियंत्रित करती है।

चुनाव आयोग अक्सर बड़े राजनीतिक फैसलों के बीच खड़ा रहता है — जैसे कि चुनाव तिथि तय करना, चुनावी आयोग के नियमों को अपडेट करना, या फिर किसी राजनीतिक दल के खिलाफ कार्रवाई करना। यह आयोग कभी किसी पार्टी का नहीं, बल्कि हर एक मतदाता का होता है। इसलिए जब भी कोई चुनाव होता है, चुनाव आयोग की निष्पक्षता सबसे बड़ी चिंता बन जाती है। और इसीलिए आज भी इसकी निगरानी में हर वोट की गिनती, हर वोटिंग बूथ की लाइव रिपोर्ट, और हर शिकायत का जवाब जरूरी है।

इस पेज पर आपको चुनाव आयोग से जुड़ी हर ताज़ा खबर मिलेगी — चाहे वो नए नियमों की घोषणा हो, चुनावी निगरानी की रिपोर्ट हो, या फिर किसी बड़े चुनाव के बाद उठे सवाल। यहाँ आप देखेंगे कि कैसे चुनाव आयोग एक छोटे गाँव के बूथ से लेकर बड़े शहरों तक के निर्वाचन को नियंत्रित करता है। आपको पता चलेगा कि कौन से नियम बदले, किसके खिलाफ कार्रवाई हुई, और किस तरह के वोटिंग तकनीक अपनाए जा रहे हैं। ये सब खबरें आपको बताएंगी कि भारत का लोकतंत्र कैसे चल रहा है — और कैसे आपका हर वोट इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वोटर आईडी के बिना वोट डालने के लिए 12 मान्य दस्तावेज
नवंबर 3, 2025 Priyadharshini Ananthakumar

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: वोटर आईडी के बिना वोट डालने के लिए 12 मान्य दस्तावेज

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वोटर आईडी के बिना आधार, पैन या राशन कार्ड से वोट डालने की अनुमति। 52.3 लाख वोटर अनुपलब्ध, c-VIGIL ऐप और वेबकास्टिंग से सुरक्षा बढ़ाई गई।

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