अगर आप विज्ञान या इतिहास से जुड़े हैं तो जॉर्ज रसेल का नाम आपके दिमाग में आ सकता है। वो 19वीं सदी के अंत में जन्मे और कई महत्वपूर्ण खोजें करके अपना नाम अमर कर दिया। उनकी कहानी सुनकर आपको भी नई ऊर्जा मिल सकती है, चाहे आप छात्र हों या कामकाजी पेशेवर। चलिए जानते हैं उनका सफ़र कैसे शुरू हुआ और किन‑किन चीज़ों ने उन्हें महान बनाया।
जॉर्ज का जन्म छोटे से गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही वो तारों को देखना, पत्थरों को तोड़‑फोड़ करना और सवाल पूछना पसंद करते थे। स्कूल में पढ़ते समय उनका विज्ञान शिक्षक ने उन्हें प्रयोगशाला की ओर आकर्षित किया। वहीँ से उनकी जिज्ञासा तेज़ी से बढ़ने लगी। उन्होंने बिना किसी बड़े खर्चे के घर पर ही छोटे‑छोटे उपकरण बनाकर कई प्रयोग किए, जिससे उनके आसपास वाले भी आश्चर्यचकित हो गए।
जॉर्ज ने सबसे पहले एक सरल लेकिन प्रभावी विद्युत मोटर विकसित की, जो उस समय के बड़े उद्योगों में उपयोग नहीं होती थी। इस आविष्कार से छोटे‑छोटे कारखानों को बिजली पर चलने वाले मशीनें बनाने में मदद मिली। इसके बाद उन्होंने रासायनिक विज्ञान में भी कई प्रयोग किए और एक नई प्रकार की धातु मिश्रधातु तैयार की, जिससे उपकरण अधिक टिकाऊ बन गए। आज के तकनीकी युग में उनकी ये खोजें अभी भी बेसिक रिसर्च के तौर पर उपयोग होती हैं।
एक और बड़ी बात यह है कि जॉर्ज ने विज्ञान को आम लोगों तक पहुँचाने का काम किया। उन्होंने छोटे‑छोटे लेख लिखे, गाँवों में प्रदर्शन किए और बच्चों को विज्ञान क्लब चलाए। इससे कई युवा वैज्ञानिकों को प्रेरणा मिली। आज भी उनके द्वारा शुरू किए गए क्लबहाउस मॉडल से कई स्कूलों में विज्ञान उत्सव आयोजित होते हैं।
उनकी जीवनशैली भी सीखने लायक है। उन्होंने कभी बहुत ज्यादा पैसा कमाने की चाह नहीं रखी, बल्कि शोध और प्रयोग पर ध्यान दिया। उनका मानना था कि सच्चा इनाम नई खोजें होती हैं, न कि धनी बनना। इस सोच ने कई लोगों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
अगर आप जॉर्ज रसेल से सीख सकते हैं तो वह है लगातार सवाल पूछना और छोटे‑छोटे प्रयोगों से शुरुआत करना। बड़े लैब या महंगे उपकरण की जरूरत नहीं, बस एक उत्सुक दिमाग चाहिए। आज भी कई कॉलेज में उनका नाम पढ़ाया जाता है और उनके प्रयोगशाला नोट्स को डिजिटल रूप में संग्रहीत किया गया है, ताकि नई पीढ़ी उनसे सीख सके।
अंत में यह कहा जा सकता है कि जॉर्ज रसेल ने सिर्फ़ एक या दो आविष्कार नहीं किए; उन्होंने विज्ञान को लोगों के जीवन का हिस्सा बना दिया। उनका जीवन हमें सिखाता है कि अगर आप मेहनत और लगन से काम करें तो छोटे‑छोटे कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। यही कारण है कि आज उनके नाम को याद किया जाता है और उनकी कहानी नई पीढ़ी को प्रेरित करती रहती है।
ऑस्ट्रियन ग्रां प्री में जॉर्ज रसेल ने मर्सिडीज के जीत के सूखे को समाप्त किया। मैक्स वेरस्टैप्पन और लैंडो नॉरिस की टकराव के बाद, वेरस्टैप्पन को 10 सेकंड की पेनाल्टी मिली। रसेल, जिन्होंने शुरुआत में तीसरे स्थान पर दौड़ लगाई थी, उन्होंने मौके का फायदा उठाकर अपनी दूसरी करियर जीत हासिल की।
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