राष्टरिय जनशक्ति: भारत की ताकत को समझें

जब हम ‘राष्टरिय जनशक्ति’ का जिक्र करते हैं, तो सिर्फ सेना या हथियार नहीं, बल्कि पूरा देश—इकॉनमी, तकनीक, कृषि और लोग शामिल होते हैं। इस पेज पर आपको वही मिलेंगे जो रोज़मर्रा की खबरों में छुपे हुए असली संकेत देते हैं कि भारत कितनी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

रक्षा और सुरक्षा – मुख्य धुरी

भारत ने हाल के महीनों में कई बड़े कदम उठाए हैं। चीन‑भारत सीमा पर नया संवाद, माइक्रो‑ड्रोन तकनीक का अपनाना और एआई‑आधारित सिच्युएशन सेंटर बनवाना—all ये चीजें राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत कर रही हैं। अगर आप सोचते थे कि रक्षा सिर्फ बड़े टैंक या मिसाइल तक सीमित है, तो अब देखें कैसे छोटे‑छोटे इंटेलिजेंट सिस्टम पूरे देश की सीमा पर नजर रख रहे हैं।

फारूक अब्दुल्ला जैसे राजनेता के बयानों ने भी इस बात को उजागर किया कि पाकिस्तान‑कश्मीर मुद्दा सॉल्व नहीं हुआ तो जनशक्ति कमजोर रह जाएगी। इसलिए सरकार न सिर्फ कूटनीति, बल्कि साइबर सुरक्षा और इनफ़्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस कर रही है—जैसे 5G नेटवर्क का तेज़ी से रोल‑आउट और AI‑ड्रिवन डेटा एनालिटिक्स।

आर्थिक ताकत – पैसा भी शक्ति है

एक मजबूत अर्थव्यवस्था बिना कोई सेना नहीं चलती। माइक्रोसॉफ्ट की AI तकनीक ने छोटे किसानों को मौसम का सही अनुमान देने में मदद की, जिससे फसल के नुकसान कम हुए और आय बढ़ी। इसी तरह ‘न्यूट्रल’ इको‑फ्रेंडली प्लान्स से बड़ी कंपनियां निवेश कर रही हैं, तो रोजगार भी पैदा हो रहा है।

भारी ट्रेड डील जैसे भारत‑यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट ने 90% प्रोडक्ट पर टैक्स हटा दिया, जिससे एक्सपोर्टर्स को नया उत्साह मिला। ऐसी खबरें सीधे जनशक्ति में इजाफ़ा करती हैं—क्योंकि जब लोग आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं, तो वे राष्ट्रीय सुरक्षा में भी योगदान देते हैं।

यदि आप जानना चाहते हैं कि कौन‑सी तकनीकी इनोवेशन हमारे देश को आगे ले जा रही है, तो इस टैग पेज पर हर पोस्ट आपको आसान भाषा में समझाएगा—जैसे AI‑आधारित ड्रोन से लेकर बायोटेक फॉर्मूला तक। अब देर न करें, पढ़िए और अपने ज्ञान को अपडेट कीजिए, ताकि आप भी जनशक्ति के बदलावों का हिस्सा बन सकें।

अनुरा कुमार डिसानायके: श्रीलंका के नए वामपंथी राष्ट्रपति कौन हैं?
सितंबर 24, 2024 Priyadharshini Ananthakumar

अनुरा कुमार डिसानायके: श्रीलंका के नए वामपंथी राष्ट्रपति कौन हैं?

अनुरा कुमार डिसानायके, 55 वर्षीय मार्क्सवादी नेता, श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले चुके हैं। उनकी जीत ने श्रीलंका की राजनीतिक तस्वीर में बड़ा बदलाव लाया है। डिसानायके राष्ट्रीय जनशक्ति (एनपीपी) गठबंधन का नेतृत्व करते हैं, जिसमें जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) शामिल है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ और गरीब समर्थक नीतियों पर जोर दिया है।

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