सेक्सुअल अब्यूज का मतलब है जब कोई व्यक्ति आपका शारीरिक या मानसिक अधिकार तोड़कर आपको अनुचित सेक्सुयल व्यवहार कराता है। यह बच्चो, किशोरों या वयस्कों में हो सकता है, और इसका असर ज़िन्दगी भर रह जाता है। अक्सर लोग इसे अनदेखा करते हैं क्योंकि शर्म या डर होते हैं, लेकिन सही जानकारी से आप खुद को और अपने आसपास के लोगों को बचा सकते हैं।
अगर कोई बच्चा अचानक डर‑भरा, चुपचाप रहने लगता है या स्कूल में ध्यान नहीं देता, तो यह एक चेतावनी हो सकती है। वयस्कों में अक्सर अजीब व्यवहार, नींद की समस्या या लगातार आत्मविश्वास घटते दिखते हैं। शारीरिक लक्षण जैसे अनजाने घाव या दर्द भी संकेत दे सकते हैं। इन सब पर नजर रखें और अगर कुछ असामान्य लगे तो बात करने से हिचकिचाएँ नहीं।
भारत में सेक्सुअल अब्यूज के खिलाफ कई कानून मौजूद हैं – जैसे पीड़ित संरक्षण अधिनियम, महिलाओं के खिलाफ अपराध (पीसीआर) एक्ट और बाल शोषण रोकथाम एक्ट। अगर आप या आपका कोई परिचित इसका शिकार है तो तुरंत 100 पर कॉल करें या नज़दीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएँ। साथ ही नॅशनल हेल्पलाइन 181 (बाल सुरक्षा) या महिला हेल्पलाइन 1091 का उपयोग कर सकते हैं।
रिपोर्ट करने के बाद, डॉक्टर से मेडिकल जांच करवाना जरूरी है क्योंकि यह साक्ष्य के रूप में काम आता है। आप भरोसेमंद वकील की सलाह भी ले सकते हैं ताकि केस सही तरीके से आगे बढ़े। याद रखें, समय पर कार्रवाई करने से कई मामलों में आरोपी को जल्दी पकड़ा जा सकता है।
प्रीवेंशन के लिए घर और स्कूल दोनों जगह शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चों को उनके शरीर के हिस्सों के नाम सिखाएँ और बताएं कि कौन‑सी चीज़ निजी है। अगर कोई अजनबी या परिचित अनपेक्षित तरीके से नज़दीकी हो तो ‘नहीं’ कहना ठीक है – इसे अस्वीकार कहा जाता है। माता‑पिता को भी बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर अब बहुत शोषण होते हैं।
समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं, सेमिनार या पोस्टर लगाए जा सकते हैं। कई NGOs मुफ्त काउंसलिंग और सपोर्ट ग्रुप भी चलाते हैं – जैसे बाल सुरक्षा फाउंडेशन और महिला अधिकार संघ। अगर आप खुद मदद करना चाहते हैं तो इन संगठनों में स्वयंसेवक बन सकते हैं या दान कर सकते हैं।
अंत में, यह समझना ज़रूरी है कि सेक्सुअल अब्यूज सिर्फ़ पीड़ित की गलती नहीं होती। पूरे समाज को मिलकर इस समस्या को रोकने के लिए काम करना चाहिए। अगर आप किसी ऐसे केस से जुड़े हैं तो मदद माँगने में कोई बुराई नहीं, बल्कि यही पहला कदम है सुरक्षित रहने का।
प्रज्वल रेवन्ना, जो कि कर्नाटक के हसन से जेडीएस सांसद हैं और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं, पर कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है। वे 31 मई को भारत लौट रहे हैं। कर्नाटक के गृह मंत्री ने घोषणा की है कि रेवन्ना के हवाईअड्डे पर उतरते ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इस मामले में विशेष जांच टीम भी तैनात की गई है।
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