आजकल हर परिवार बिजली खर्च पर ध्यान दे रहा है, लेकिन अक्सर लोग सौर ऊर्जा के बारे में उलझन में रहते हैं। सोलर पीवी (फोटोवोल्टेइक) मॉड्यूल दरअसल सूर्य की रोशनी को सीधे बिजली में बदलने वाला पैनल होता है। इसे छत या खुले जगह पर लगाकर आप दिन भर की धूप से ऊर्जा पकड़ते हैं और रात‑जोरों के लिए बैटरियों में स्टोर कर लेते हैं। इस तरीके से न सिर्फ बिल घटता है, बल्कि पर्यावरण भी बचता है।
बाजार में तीन बड़े वर्गीकरण मिलते हैं – मोनोक्रीस्टलीयन (Mono), पॉलीक्रिस्टलीयन (Poly) और थिन‑फिल्म। मोनो पैनल सबसे ज्यादा दक्षता देते हैं, यानी कम जगह में ज्यादा बिजली बनती है। अगर आपके पास बड़ी छत है तो पोलि पैनल सस्ता विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसकी कीमत कम होती है लेकिन दक्षता थोड़ा घटती है। थिन‑फिल्म पैनल लाइटवेट और फ्लेक्सिबिलिटी वाले होते हैं, इसलिए छोटे घर या इंटीरियर डेकोर के लिए ठीक रहते हैं।
एक बार प्रकार तय हो जाए तो आपको वाटेज देखना चाहिए – 250W से 400W तक का सामान्य रेंज है। आपके घर की जरूरत और बजट के हिसाब से आप कई पैनलों को जोड़ कर एक सिस्टम बना सकते हैं। याद रखें, बड़ी क्षमता का मतलब हमेशा बेहतर नहीं; सही दिशा (दक्षिण) और बिना छाया वाले स्थान पर लगाना ज़रूरी है।
सबसे पहला कदम है पेशेवर इंस्टॉलर को हायर करना। वे साइट सर्वे करके पैनलों के लिए सबसे उपयुक्त एंगल (आमतौर पर 15°‑30°) तय करेंगे। खुद करने वाले लोग अक्सर छत की मजबूती या वायरिंग की सुरक्षा भूल जाते हैं, जिससे भविष्य में समस्याएँ बन सकती हैं। इंस्टॉलेशन के बाद, सोलर इन्भर्टर को ठीक से कनेक्ट करना ज़रूरी है; यह पैनलों द्वारा उत्पन्न डीसी (DC) को एसी (AC) में बदलता है जो आपके घर की इलेक्ट्रिकल सिस्टम में चलेगा।
रख‑रखाव बहुत आसान है – साल में दो बार धूल और पक्षियों के गंदे कचरे को साफ करें, खासकर बारिश के बाद। अगर पैनलों पर कोई दरार या नुकसान दिखे तो तुरंत बदलवाएं, क्योंकि छोटी सी खामी भी उत्पादन घटा सकती है। बैटरियां (यदि उपयोग में हों) को 6‑12 महीने में एक बार जाँचें और आवश्यकतानुसार फ़्लस सॉल्यूशन से टर्मिनल साफ करें।
अंत में, सरकारी सब्सिडी और नेट मीटरिंग का फायदा उठाएं। कई राज्यों में शुरुआती निवेश पर रियायत मिलती है और रात के समय आप ग्रिड को बिजली बेच भी सकते हैं। ये बोनस आपके ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) को जल्दी से कम कर देते हैं, जिससे सोलर पैनल लगवाना एक समझदार वित्तीय फैसला बन जाता है।
तो अब देर किस बात की? अपनी छत पर थोड़ा धूप पकड़कर बिजली बिल घटाइए और हर महीने बची हुई राशि को अपने पसंदीदा कामों में इस्तेमाल करें। सोलर पीवी मॉड्यूल सिर्फ ऊर्जा का स्रोत नहीं, बल्कि आपका भविष्य सुरक्षित रखने वाला कदम है।
Waaree Energies, जो भारत की सबसे बड़ी सौर पीवी मॉड्यूल निर्माता कंपनी है, ने अपने आईपीओ की घोषणा की है जिससे उन्हें 4,321.44 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। आईपीओ 21 अक्टूबर, 2024 को खुलने वाला है। इसके लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम करीब 90% तक बढ़ने का संकेत देता है, जिससे निवेशकों में बड़ा उत्साह है। कंपनी ओडिशा में 6 GW उत्पादन सुविधा के विकास के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगी।
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