जब बात आती है टाटा स्टील, भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की टॉप 10 स्टील कंपनियों में से एक, जो देश के औद्योगिक ढांचे की रीढ़ है — तो ये सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक इकोसिस्टम है। ये कंपनी न सिर्फ स्टील बेचती है, बल्कि लाखों लोगों की नौकरी देती है, सड़कों, पुलों, रेलवे और घरों के निर्माण में हिस्सा डालती है। इसकी बड़ी भागीदारी टाटा समूह के अंदर है, जिसके तहत टाटा कैपिटल, टाटा समूह की वित्तीय सेवाओं की प्रमुख इकाई, जिसने 2023 में 15,511 करोड़ रुपये का भारत का सबसे बड़ा IPO लॉन्च किया जैसी बड़ी चीजें भी आती हैं। ये दोनों — टाटा स्टील और टाटा कैपिटल — एक ही परिवार की दो अलग शाखाएं हैं, लेकिन बाजार में एक दूसरे के ऊपर गहरा असर डालती हैं।
जब टाटा कैपिटल ने अपना IPO लॉन्च किया, तो LIC जैसे बड़े निवेशकों ने 4,641 करोड़ रुपये का भरोसा दिखाया। ये सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि भारतीय बाजार के विश्वास का संकेत था। और जब आप टाटा स्टील की बात करते हैं, तो आपको याद आता है कि ये कंपनी देश के लगभग 25% स्टील का उत्पादन करती है। ये स्टील दिल्ली के मेट्रो के लिए है, मुंबई के समुद्री पुल के लिए है, और बिहार या राजस्थान के गाँवों में बन रहे घरों के लिए भी है। इसके बाद आता है बाजार का रिएक्शन — जब शेयर बाजार में टाटा स्टील के शेयर ऊपर जाते हैं, तो पूरा स्टील सेक्टर हिल जाता है। ये एक ऐसा संकेत है जिसे निवेशक और आम आदमी दोनों ध्यान से देखते हैं।
आप इस पेज पर ऐसी ही खबरें पाएंगे — जहाँ टाटा स्टील के बारे में आने वाली हर बड़ी खबर, चाहे वो उत्पादन बढ़ाने की हो, या फिर नए ग्राहकों के साथ डील की हो, या फिर शेयर बाजार में उसका रुख — सबकुछ एक साथ इकट्ठा है। आपको यहाँ न सिर्फ टाटा स्टील के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि ये भी समझ में आएगा कि ये कंपनी भारत के आर्थिक दृश्य में कैसे बदलाव ला रही है। जब आप यहाँ से निकलेंगे, तो आपको ये समझ में आ जाएगा कि एक स्टील कंपनी क्यों इतनी महत्वपूर्ण है।
टाटा स्टील का शेयर ₹168 पर गिरा, जबकि कंपनी ने यूरोप में LAG Velsen B.V. के लिए ₹1,160 करोड़ का अधिग्रहण घोषित किया और सितंबर 2025 के तिमाही में ₹4,06,013 लाख का लाभ कमाया।
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