टाटा स्टील लिमिटेड (NSE: टाटा स्टील लिमिटेड) का शेयर मूल्य 21 नवंबर, 2025 को ₹168 पर बंद हुआ — पिछले दिन की तुलना में -2.59% की गिरावट के साथ। यह गिरावट केवल एक दिन की बात नहीं, बल्कि निवेशकों के बीच एक गहरी अनिश्चितता का संकेत है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने अपने अर्धवार्षिक रिजल्ट्स के साथ ही यूरोप में एक बड़ा अधिग्रहण घोषित किया था, और अब निवेशकों को समझना हो रहा है कि ये दोनों घटनाएँ क्या बताती हैं।
14 नवंबर को टाटा स्टील आईजे (TSIJ) ने डच कंपनी LAG Velsen B.V. के अधिग्रहण की घोषणा की — यह कंपनी यूरोप में तीन स्टील प्लांट्स चलाती है, जिनकी क्षमता 770 मेगावाट है। इस लेन-देन की कीमत ₹1,160 करोड़ (€140 मिलियन) तक हो सकती है, और इसे 1 जनवरी, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह टाटा स्टील के लिए यूरोपीय बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का सबसे बड़ा कदम है। लेकिन निवेशकों को चिंता है: क्या यह अधिग्रहण कंपनी के डेट लेवल को बढ़ाएगा? क्या यूरोपीय ऊर्जा लागतें और श्रम नियम इसे लाभदायक बनाएंगे?
इसी बीच, 21 नवंबर को मुंबई में इंडिया एक्सचेंज 2025 के दौरान JM Financial के साथ एक निवेशक बैठक तय की गई है। यह बैठक सिर्फ रिजल्ट्स की व्याख्या के लिए नहीं, बल्कि अधिग्रहण के बाद के रणनीतिक रुख को समझाने के लिए है। निवेशकों का सवाल है — क्या टाटा स्टील अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए बन रही है, या घरेलू चुनौतियों को भूल रही है?
सितंबर 2025 के तिमाही के लिए, टाटा स्टील लिमिटेड ने ₹35,28,967 लाख की कुल आय और ₹4,06,013 लाख का शुद्ध लाभ दर्ज किया। यह ₹3,59,099 लाख के पिछले साल के लाभ की तुलना में 13% की बढ़ोतरी है। ईपीएस ₹3.25 रहा — पिछले तिमाही के ₹2.88 से बेहतर। लेकिन बाजार ने इसे जश्न नहीं मनाया। क्यों?
कारण एक अलग जगह छिपा है: कीमत अनुपात। कंपनी का एडजस्टेड पी/ई अनुपात 49.20 है, जबकि आम उद्योग औसत 18-20 के आसपास है। इसका मतलब है — बाजार अभी टाटा स्टील को एक ग्रोथ स्टॉक की तरह देख रहा है, भले ही उसकी वास्तविक लाभ वृद्धि एक औसत उद्योग के स्तर पर ही है। यही कारण है कि ₹173 से ₹168 तक की गिरावट हुई। निवेशकों को लग रहा है कि शेयर की कीमत अब इसके वास्तविक मूल्य से ऊपर है।
टाटा स्टील का 52 सप्ताह का उच्चतम मूल्य ₹186.94 (29 अक्टूबर, 2025) रहा — जो अभी केवल एक महीने पहले का रिकॉर्ड था। लेकिन इसका निम्नतम ₹122.62 (13 जनवरी, 2025) था। यानी पिछले 10 महीनों में शेयर ने 52% का उछाल दिखाया। लेकिन यह उछाल अब अपने आप में एक खतरे का संकेत बन गया है।
अगर आप देखें तो 14 नवंबर को शेयर ₹177.52 तक गया था। अगले दिन ₹184 तक चढ़ा। लेकिन अधिग्रहण की खबर के बाद से यह तेजी रुक गई। अब शेयर ₹168 पर है। यह एक विशेष बात है: बाजार ने अच्छे रिजल्ट्स को अनदेखा कर दिया — और बस एक बड़े खर्चे की आशंका से डर गया।
एक ओर वे निवेशक हैं जो कहते हैं — “यह अधिग्रहण भविष्य के लिए एक बहुत बड़ा निवेश है। यूरोप में स्थानीय उत्पादन अब ग्लोबल सप्लाई चेन के लिए जरूरी है।” वे याद दिलाते हैं कि 2023 में भी टाटा स्टील ने एक छोटा अधिग्रहण किया था, और उसके बाद लाभ 18 महीनों में 40% बढ़ गया।
दूसरी ओर, विश्लेषक जो अभी तक इस लेनदेन को नहीं मानते, उनका कहना है: “यूरोप में बिजली की कीमतें अभी भी अत्यधिक हैं। लॉर्ड नियम और श्रम अधिकार अभी भी बहुत कठोर हैं। यह अधिग्रहण लाभदायक होगा, लेकिन शायद 2027 तक नहीं।”
एक निवेशक जिन्होंने हमें बताया — “मैंने टाटा स्टील के शेयर ₹155 पर खरीदे थे। मैं अभी नहीं बेचूंगा। लेकिन मैं अब ₹175 पर नहीं खरीदूंगा।”
अगले 45 दिनों में कुछ बड़े निर्णय लिए जाएंगे। पहला — LAG Velsen का अधिग्रहण पूरा होगा। दूसरा — दिसंबर में आने वाली तिमाही रिजल्ट्स में यूरोपीय इकाई के लाभ या नुकसान दिखेंगे। तीसरा — निवेशकों के लिए अगली कॉनकॉल दिसंबर के अंत में होगी, जिसमें टाटा स्टील के सीईओ ने एक संकेत दिया है कि वे “कैपिटल एलोकेशन पर एक नई रणनीति” बताएंगे।
इसके अलावा, एनएफटी 50 में शामिल होने के बावजूद, टाटा स्टील की दैनिक अस्थिरता 1.72% है — जो इस वर्ष के अन्य बड़े स्टॉक्स की तुलना में काफी अधिक है। यह भी बताता है कि बाजार अभी इसके बारे में अनिश्चित है।
टाटा स्टील के शेयर मूल्य में गिरावट का मुख्य कारण यूरोपीय अधिग्रहण की लागत के बारे में निवेशकों की चिंता है। जबकि कंपनी का लाभ बढ़ा है, लेकिन एडजस्टेड पी/ई अनुपात 49.20 है, जो उद्योग औसत से काफी अधिक है। निवेशकों को लग रहा है कि शेयर की कीमत अभी अतिरिक्त है, और अधिग्रहण से डेट बढ़ने की आशंका ने बिक्री को बढ़ावा दिया है।
LAG Velsen B.V. यूरोप में तीन स्टील प्लांट्स चलाती है, जिनकी कुल क्षमता 770 मेगावाट है। इस अधिग्रहण से टाटा स्टील को यूरोपीय बाजार में स्थानीय उत्पादन का लाभ मिलेगा — जो व्यापार बाधाओं और लॉगिस्टिक लागतों को कम करेगा। यह भविष्य में यूरोपीय ग्राहकों के लिए एक अहम रणनीति है, लेकिन अभी तक इसका लाभ नहीं दिखा है।
टाटा स्टील का लाभ असली है — सितंबर 2025 के तिमाही में ₹4,06,013 लाख का लाभ पिछले साल के ₹3,59,099 लाख से 13% अधिक है। लेकिन यह बढ़ोतरी उद्योग के औसत से कम है। जबकि अन्य स्टील कंपनियाँ 20-25% लाभ वृद्धि दे रही हैं, टाटा स्टील की वृद्धि सामान्य है। इसलिए बाजार ने इसे ‘अच्छा’ नहीं, बल्कि ‘अपेक्षित’ माना।
जेएम फाइनेंशियल की बैठक में टाटा स्टील के प्रबंधन अधिग्रहण के बाद की रणनीति साझा करेंगे — विशेष रूप से कैपिटल एलोकेशन, डेट मैनेजमेंट और यूरोपीय ऑपरेशन्स के लिए फंडिंग। यह बैठक निवेशकों के लिए एक अहम मोड़ होगी, क्योंकि इसके बाद बाजार का रुख स्पष्ट हो जाएगा — क्या यह एक लंबी अवधि की रणनीति है या एक जोखिम भरा बड़ा निवेश।
अभी खरीदने के लिए बहुत जल्दी है। शेयर ₹168 पर है, लेकिन अगर अधिग्रहण के बाद लाभ नहीं बढ़े तो यह ₹155 तक गिर सकता है। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो ₹150-155 के रेंज में खरीदना सुरक्षित होगा। इससे पहले दिसंबर के रिजल्ट्स और जेएम फाइनेंशियल की बैठक का इंतजार करें।
अगर यूरोपीय अधिग्रहण सफल होता है और लाभ अगले दो वर्षों में बढ़ता है, तो शेयर ₹190-200 तक जा सकता है। लेकिन अगर यूरोपीय ऑपरेशन्स में नुकसान हुआ, तो ₹140 तक गिरने की संभावना है। यह एक दोहरी रास्ता वाली स्थिति है — जिसमें निवेशकों को अगले 6 महीने बहुत सावधान रहना होगा।
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