24 अक्टूबर को बेसर की घास पर खेला गया पहला ODI, भारत महिला टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला किया। 44.3 ओवर में 227/10 का लक्ष्य बनाया, जो शुरुआती घाव जैसा नहीं लेकिन रख-रखाव के लिए पर्याप्त था। यास्तिका भाटिया ने सुंदर सीमा मारते हुए पूरक रन जोड़े, जबकि शीर्ष क्रम के बाकी खिलाड़ी भी जरूरत के हिसाब से रन बनाते रहे।
भारत महिला क्रिकेट की जीत का सच्चा कारण बाद में दिखा – तेज़ गेंदबाज़ी और तीव्र फ़ील्डिंग। डीप्ती शर्मा ने अपने ऑल‑राउंडर काबिलियत से मैच में प्रमुख भूमिका निभाई, जबकि राधा यादव ने तीन विकेट लेकर न्यूज़ीलैंड की लकीरें तोड़ दीं। उसकी धीमी गति वाली बॉल, 69 किमी के आसपास, उड़ान में बदलती हुई बटर्स की तरह न्यूज़ीलैंड के बैटरों को उलझा देती थी।
नई ज़ीलैंड के बाद के ओवर में, जब वे लक्ष्य के करीब पहुँचने की कोशिश कर रहे थे, तब राधा यादव ने मोली पेनफ़ोल्ड को एक सुंदर फ़्लाइट बॉल से झुलसाया। बॉल को मध्य‑लेग चैनल में गिराते हुए पेनफ़ोल्ड ने गलत लाइन पर शॉट खेला और अपने ही विकेट पर लटकी। यह मोड़ मैच की दिशा को साफ‑साफ बदल गया।
मैच का अंतिम झटका एक रोमांचक रन‑आउट में आया। न्यूज़ीलैंड की आखिरी बैटर, इडेन कार्सन, ने कवर‑पॉइंट की ओर एक हाई फुल‑टॉस मारकर सिंगल की कोशिश की। मेली केर ने दौड़ने को कहा, पर कार्सन की गति धीमी रही। उसी दौरान दयालन हेमेंटल ने तेज़ फील्डिंग का जलवा दिखाते हुए बॉल को कवर में पकड़कर बॉलर के एंड तक फेंका।
बॉल को राधा यादव ने गले में पकड़ नहीं पाई, लेकिन बॉल फेंकते ही बाउंस होकर सीधे विकेट पर जा पड़ी। टेलीविज़न उल्टर ने रिव्यू दिया और पुष्टि की कि कार्सन जब बॉल स्टम्प्स को छू रही थी, तो वह अपने क्रीज से बाहर थी। इस तरह टीम ने 59 रन की बड़ी जीत अपने हाथों में ले ली।
न्यूज़ीलैंड टीम, जो T20 में हाल ही में चैंपियन रही, ODI फॉर्मेट में अपनी लय खोजने में असमर्थ रही। साझेदारी बनाने में कठिनाई और लगातार दबाव ने उन्हें लक्ष्य तक पहुँचने से रोका। दूसरी ओर, भारत महिला टीम ने दिखा दिया कि कैसे एक मध्यम स्कोर को दृढ़ गेंदबाज़ी और फील्डिंग से सुरक्षित किया जा सकता है। यह जीत उन्हें शेष दो मैचों में भी भरोसा देगी।
11 जवाब
भाईयो और बहनो, इस जीत में तो सारा मज़ा राधा की बॉल में था, वो 69 किमी की बटर जैसा फ़्लाइट देके न्यूज़ी को घाना बना दिया, फील्डिंग में दयालन की धाकड़ रफ़्तार ने तो जैसे रॉकेट लॉन्च कर दी, ऐसे मैच देखके दिल धड़कता है!
पहला ODI खेलने का अवसर हमेशा ही अनोखा माहौल लाता है, विशेषकर जब यह बेसर जैसी तेज़ घास पर हो। भारत टीम ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फ़ैसला किया, जो रणनीतिक रूप से समझदारी भरा कदम था। 227 रन का लक्ष्य औसत माना जा सकता है, परन्तु इसका मतलब यह नहीं कि टीम को इसे आसान समझना चाहिए। यास्तिका भाटिया ने शुरुआती ओवर में अच्छी सीमा मारकर टीम को स्थिर किया, जो अंत में महत्वपूर्ण साबित हुआ। डिप्टी शर्मा की ऑल‑राउंडर क्षमताएँ इस मैच में स्पष्ट रूप से निकलीं, क्योंकि उन्होंने न केवल अंडरलाइन बनाए बल्कि कुछ महत्वपूर्ण फ़ील्डिंग भी की। राधा यादव की धीमी गति वाली लेकिन सटीक बॉल ने न्यूज़ीलैंड की बैटिंग लाइन‑अप को पूरी तरह से भ्रमित कर दिया। उनकी 69 किमी प्रति घंटे की बॉल को बटर की तरह उड़ता देखना दर्शकों के लिए एक दृश्यात्मक आनंद था। तीन विकेट लीं, जिनमें मोली पेनफ़ोल्ड की आउट भी शामिल थी, जिसने मैच के मोड़ को और भी स्पष्ट कर दिया। दयानंद हेमेंटल की तेज़ फील्डिंग ने रन‑आउट को संभव बनाया, जो अक्सर मैच का निर्णायक कारक बन जाता है। कवर‑पॉइंट पर हुई तेज़ फेंक और बाउंस‑बॉल का सही टाइमिंग उस क्षण को यादगार बन गया। टेलीविज़न रिव्यू ने भी इस फ़ैसले को प्रमाणित किया, जिससे दर्शकों को मैच की सच्ची भावना समझ आई। न्यूज़ीलैंड ने T20 में चैंपियनशिप जीती थी, परंतु इस ODI में उनका लयबद्ध खेल नहीं दिखा। उनकी साझेदारी बनाने की कठिनाई और लगातार दबाव ने उन्हें लक्ष्य तक पहुँचने से रोक दिया। वहीं, भारत महिला टीम ने दिखाया कि कैसे एक मध्यम स्कोर को दृढ़ गेंदबाज़ी और फील्डिंग से सुरक्षित किया जा सकता है। इस जीत के बाद टीम का मनोबल बढ़ेगा और शेष दो मैचों में भी यह आत्मविश्वास बरकरार रहेगा।
वास्तव में यह जीत सिर्फ गेंदबाज़ी की नहीं बल्कि टीम की व्यवस्था की भी है
यह उपलब्धि न केवल खेल के मैदान में दृढ़ संकल्प को प्रतिबिंबित करती है, बल्कि राष्ट्रीय गर्व के भाव को भी सुदृढ़ करती है। 🌟🏏
स्पिन ने मैच का रुख बदला.
राधा की बॉल वाकई में बेस्ट थी, टीम को बहुत हिम्मत दी 🙌💪
भारत की लड़कियों ने फिर से दिखाया कि असली गेमर क्या होता है :)
मैच में फील्डिंग तो किलर थी, बाकी तो सब ठीक था
राधा यादव के तीन विकेट ने टारगेट को 59 रनों से नीचे दबा दिया, औसत 8.3 रन प्रति ओवर के साथ टीम ने नियंत्रण पाया।
सिंफनी के बजाय स्ट्राइक आउट, यही तो जीत की सिम्फनी है।
यह जीत हमारे महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि सही रणनीति और कड़ी मेहनत से छोटी स्कोर भी सुरक्षित की जा सकती है। युवा खिलाड़ियों को इस से प्रेरणा लेनी चाहिए। टीम ने टीमवर्क तथा फील्डिंग में जो दिखाया वह सराहनीय है। भविष्य की प्रतियोगिताओं में यह आत्मविश्वास बड़ा फायदा देगा।