जब पटना पाइरेट्स और तमिल थलाइवास ने विवो प्रो कबड्डी सिजन 6भारत में थ्रिल से भरपूर 35‑35 का स्कोर बनाया, तो दर्शकों की धड़कनें भी साथ‑साथ तेज़ हो गईं। यह मैच देर नवंबर‑शुरू दिसंबर 2018 में खेला गया और इस शाम को दोनों पक्षों ने अपनी‑अपनी ताकतें और कमजोरी साफ़ तौर पर दिखा दीं।
मैच के पश्चात तमिल थलाइवास का आदर‑संग्रह थोड़ा टूट गया – दो बार आख़िरी सेकंड में जीत के अवसर मिलने के बावजूद वे अपना हाथ नहीं बढ़ा पाए। इस निराशाजनक हार ने टीम की मनोस्थिति को काफ़ी हिला दिया, लेकिन साथ‑साथ यह भी साबित कर दिया कि वे फिर भी हार नहीं मानने वाले योद्धा हैं।
समझने के लिए जरूरी है कि पटना पाइरेट्स पहले से ही दो‑तीन बार चैंपियन शिप जीत चुकी थीं, जबकि तमिल थलाइवास अपने दूसरे सीज़न में थी। इस सीज़न की शुरुआत 7 अक्टूबर 2018 को हुई और यह 5 जनवरी 2019 को समाप्त हुआ, कुल 138 मैचों के साथ। मैशल स्पोर्ट्स ने लीग का संचालन किया, और सभी खेल भारतीय स्थलों पर आयोजित किए गए।
पहले हाफ में, तमिल थलाइवास ने आक्रमण में पहल की, विशेषकर अजय ठाकुर ने जबरदस्त 16 रैड पॉइंट्स जमा किए। उनका रैड फ़ॉर्मूला वही रहा, जैसा उन्होंने सीज़न की शुरुआत में दिखाया था – तेज़ गति, झटकेदार मोड़ और भरोसेमंद फेंक। दूसरी ओर, पर्दीप नर्वाल ने पत्ना पाइरेट्स के लिए 11 पॉइंट्स बनाए, जिससे उनका 11वाँ "सुपर 10" दर्ज हो गया।
डिफेंस की बात करें तो तमिल थलाइवास के वेटरन मनजीत छिलार ने 5 टैकल पॉइंट्स से टीम को स्थिर किया, जबकि उनके साथी डी‑पर्डाप ने 4 टैकल पॉइंट्स जोड़े। इस मिलीजुली डिफेंस ने टीम को 35 तक पहुँचाने में मदद की।
दूसरे हाफ में दोनों टीमों ने बारी‑बारी से स्कोर बढ़ाया। अहमदाबाद के द एरेना बाय ट्रांसस्टेडिया में पिछले 21 नवंबर को हुए प्रतिद्वंद्विता‑मैच की यादें ताज़ा हुईं, जहाँ पटना ने 45‑27 से बड़ा जीत हासिल की थी। इस बार वे वही जोश नहीं दिखा पाए, लेकिन उनका रैड और टैकल संतुलन फिर भी क़ीमतदार रहा।
इन आँकड़ों से साफ़ होता है कि दोनों पक्षों ने अपनी‑अपनी ताकतें सामने रखी, लेकिन अंतिम क्षणों में तुच्छ चूक़ों ने परिणाम को बंधा दिया।
मैच समाप्त होने के बाद, तमिल थलाइवास के कप्तान ने कहा, "हमें दो बार जीत का मौका मिला, लेकिन हम उन पलों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। अगली बार हम ऐसे मौके को सही उपयोग करेंगे।" दूसरी ओर, पटना पाइरेट्स के कोच ने नोट किया, "ड्रा भी हमारी लगन को दिखाता है। हमें फॉर्म में रहना है और प्लेऑफ़ के लिए जगह बनानी है।" यह भावनात्मक संतुलन दर्शाता है कि दोनों टीमें आगे की राह पर आशावादी हैं।
सम्पूर्ण सिजन में कुल 12 टीमें भागीं, और ज़ोन‑बी में प्रतिस्पर्धा बहुत तीव्र रही। तीन टाई में से यह एक था, जो इस बात का इशारा देता है कि अब जीत‑हार के अंतर बहुत छोटे‑छोटे रहस्य बन गए हैं। अंततः बेंगलुरु बुल्स ने फाइनल में गुजरात फॉर्च्यून जायंट्स को हराकर अपना पहला खिताब जीता। उनके स्टार पवन सैहरावत ने 271 पॉइंट्स से सीजन के टॉप स्कोरर का खिताब जीता, जबकि नितेश कुमार ने 100 टैकल पॉइंट्स से सर्वाधिक टैकलर बनकर इतिहास रचा।
अगले महीनों में दोनों टीमों को प्लेऑफ़ की जगह के लिए लड़ना पड़ेगा। यदि पटना पाइरेट्स अपनी आक्रमण शक्ति को लगातार बनाए रखे और डिफेंस में थोड़ा सुधार करे, तो वे शीर्ष‑तीन में जगह बना सकते हैं। वहीं तमिल थलाइवास को अपनी निरंतरता से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की जरूरत है – विशेषकर आख़िरी मिनट में निर्णय‑क्षमता। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों टीमों के प्रमुख खिलाड़ी इस फ़ॉर्म को बनाए रखें तो अगली बार की टकराव फिर से रोमांचक हो सकती है।
ड्रा ने सोशल मीडिया पर हॉट टॉपिक बना दिया। कई फ़ैंस ने मंच पर दोनों टीमों के बेहतरीन खेल को सराहा और इस मैच को ‘सबसे रोमांचक’ कहा। इस पर चर्चा ने दोनों टीमों की फ़ॉलोअर संख्या में 10‑12% की बढ़ोतरी की, जिससे आगे के मैचों के विज्ञापन दाम भी बढ़े।
नहीं, इस मैच में कोई विशेष नियम परिवर्तन नहीं हुआ। लेकिन रेफ़री ने टैकल में दो‑तीन बार ‘कोरनिंग टकराव’ को हाईलाईट किया, जिससे खिलाड़ियों की रणनीति पर असर पड़ा।
बेंगलुरु बुल्स और दि हाइब्रिड बिंदु से बाहर होते हुए भी, पटना पाइरेट्स, तमिल थलाइवास और बेंगलुरु बुल्स के बीच की टकराव को सबसे अधिक देखा जाना चाहिए। इन टीमों के प्रमुख खिलाड़ी इस सीज़न में लगातार हाई स्कोर कर रहे हैं।
अजय ने 16 पॉइंट्स के साथ फिर से साबित किया कि वह टीम के लिए भरोसेमंद ‘रैडिंग लेजेंड’ हैं। इस प्रदर्शन ने उन्हें सीजन‑टॉप रैडर्स की लिस्ट में शीर्ष‑तीन में रख दिया, जिससे उनकी मार्केट वैल्यू बढ़ेगी।
यह उनका 11वाँ सुपर 10 था, जो दर्शाता है कि वह निरंतर दबाव में भी अपनी औसत से बेहतर स्कोर कर रहे हैं। सुपर 10 सीधे तौर पर टीम की जीत की संभावनाओं को बढ़ाता है, इसलिए यह आंकड़ा कोचिंग स्टाफ के लिये इनाम जैसा है।
2 जवाब
मैच के आँकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि पटना पाइरेट्स और तमिल थलाइवास दोनों ने बराबर शक्ति दिखायी।
बिलकुल सही कहा, इस ड्रा से दोनों टीमों की मेहनत साफ़ दिखती है। हमें इस ऊर्जा को आगे भी बनाए रखना चाहिए, कोई भी हमला या डिफेंस में ढील नहीं देनी चाहिए। आगे के प्लेऑफ़ में यही देखना है।