हर निवेशक के लिए आईपीओ का समय अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है, विशेषकर जब बात किसी बड़ी कंपनी की हो, जैसे कि हुंडई। हुंडई का आईपीओ अभी बाजार में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) में बड़ी बढ़ोतरी दर्शाती है कि बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है। पहले यह जीएमपी 45 रुपये प्रति शेयर था, लेकिन अब यह 73 रुपये प्रति शेयर तक पहुँच गया है। यह बढ़ोतरी निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत देती है और इसके अच्छे लिस्टिंग प्रदर्शन की आशा को प्रबल करती है।
जैसा कि हमने देखा, यह आईपीओ 15 से 17 अक्टूबर तक खुला था, और इसकी कीमत बैंड 1,865 से 1,960 रुपये प्रति शेयर थी। इसके बावजूद, खुदरा निवेशकों की शुरुआती प्रतिक्रिया थोड़ी सर्द थी। यह संभवतः उच्च मूल्यांकन और त्योहारों के दौरान ऑटो उद्योग में मांग की कमी के कारण था। लेकिन जैसे ही आईपीओ का अंतिम दिन नजदीक आया, यह संस्थागत निवेशकों के कारण दो गुना से भी अधिक सब्सक्राइब हो गया।
संस्थागत निवेशक बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर तब जब बाजार में थोड़ी सी धीमी गति हो। आईपीओ के अंतिम दिनों में संस्थागत निवेशकों के हस्तक्षेप ने बाजार की धारणा को बदल दिया और इस आईपीओ को बेहतर प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। इसने यह साबित कर दिया कि जब एक अच्छी कंपनी बाजार में आती है, तो उसकी संभावनाओं को कोई नहीं नकार सकता, भले ही शुरुआती प्रतिक्रिया कैसी भी रही हो।
आवंटन स्थिति की बात करें, तो इसे 18 अक्टूबर को अंतिम रूप दिया गया था। सभी सफल बोलीदारों को उनके फंड के डेबिट या आईपीओ के नियंत्रण को रद्द करने के अलर्ट के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं, जो 21 अक्टूबर तक पूरी होनी चाहिए। अब निवेशक उत्सुकता से 22 अक्टूबर को बीएसई और एनएसई में इसके लिस्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।
हुंडई का यह आईपीओ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक ऐसे समय पर आया है जब ऑटोमोबाइल उद्योग खुद को चुनौती देने वाला महसूस कर रहा है। विभिन्न त्योहारों और बाजार की अन्य घटनाओं के चलते कंपनियों को जरूरत होती है कि वे निवेशकों को विश्वास का संकेत दें। हुंडई, अपने शानदार प्रदर्शन के माध्यम से, न केवल अपने निवेशकों को बल्कि पूरे बाजार को प्रेरित कर रही है।
जब बाजार की अनिश्चितताओं के बावजूद कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो यह निवेशकों के लिए एक विशेष आशावादी समय होता है। हुंडई आईपीओ की सफलता अन्य कंपनियों के लिए मार्गदर्शक बन सकती है कि वे बाजार की धारणाओं के खिलाफ जाकर अपने अस्तित्व को पुनर्गठित करें।
आने वाले समय में, निवेशकों को उम्मीद होगी कि हुंडई का प्रदर्शन शेयर बाजार में भी जारी रहेगा, और इसकी ग्रे मार्केट में वृद्धि इसी ओर संकेत करती है। बीएसई और एनएसई में इसकी लिस्टिंग क्या रंग लाएगी, इसका इंतजार अब सबको है।
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