समस्त संसार के लोग नए साल का स्वागत धूमधाम से करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह उनके जीवन में नई उम्मीदें और संभावनाओं का सृजन करेगा। न्यू ईयर की पूर्व संध्या में उमंग और उत्सव का माहौल रहता है। लेकिन, जो लोग ज्योतिष में विश्वास करते हैं, उनके लिए नया साल 2025 कुछ विशेष वजह से अधिक उत्सुकता लेकर आ गया है। नए वर्ष की शुरुआत बुधवार से हो रही है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह दिन अनेक शुभ योगों को धारण कर रहा है।
जैसे ही घड़ी की सुई बारह बजे, वर्ष 2025 कुम्भकालीन सूर्य उदय के साथ आरंभ होगा। इस साल पहले दिन पर 'हर्षण योग', 'व्याघात योग' और 'उत्तराषाढ़ा नक्षत्र' जैसे शुभ योग उपस्थित हैं। यह सब योग मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। नए साल के पहले दिन का लग्न कन्या रहेगा जिसकी अधिपति बुध ग्रह है। यह गणेश जी का विशेष दिन है और यह संकेत करता है कि इस साल सभी राशियों पर उनकी विशेष कृपा रहेगी। श्रद्धालु लोग इस दिन गणेश जी की पूजा कर सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं कि नया साल उनके लिए मंगलकारी साबित हो।
वर्ष 2025 का मूलांक है नौ, जिसे मंगल ग्रह का अंक माना जाता है। मंगल को ऊर्जा, जीवन शक्ति, उत्साह और निर्णयात्मकता का ग्रह माना जाता है। यही नहीं, 2025 का साल कृषि के क्षेत्र में विकास और खेतिहरों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। केवल इतना ही नहीं, रत्न, वस्त्र, वाहन और निर्माण क्षेत्रों में भी बड़ा विकास होगा। उद्योगों में प्रगति और नवाचारों का दौर अलग ढंग से दिखाई देगा।
उपरोक्त घटनाओं के संकेतक हैं कि भारत वर्ष को इस वर्ष में निर्णायक कदम उठाकर बड़ी परियोजनाओं को फलित करने का अवसर मिलेगा। ऐसा माना जाता है कि आर्थिक विकास की दृष्टि से यह समय अनुकूल होगा। विशेषकर शेयर बाजार में बाजार में तेजी की संभावना बताई जा रही है। ज्योतिषीय आंकलनों के अनुसार इस वर्ष राजनीतिक क्षेत्र में कुछ हलचल बढ़ सकती है, राजनीतिक विमर्श में भी गहमागहमी रहेगी, जिससे कई नए बदलाव देखने को मिलेंगे।
नए साल के पहले दिन की रोचकता इस बात में भी है कि इस दिन 'अमृत सिद्धि योग' और 'सर्वार्थ सिद्धि योग' की उपस्थिति होगी। ये दोनों योग मानव जीवन में विशेष प्रकार के सकारात्मक प्रभाव प्रदान कर सकते हैं। इनके तहत किये गए कार्य अच्छे परिणाम देने वाले होते हैं। महत्वपूर्ण घरेलू या व्यावसायिक परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए यह सही समय बताया जा रहा है।
यह आरंभिक काल चरण भारत के लिए आशाजनक है। चूंकि यह योग विशेष जातक के जीवन में अनिश्चितता, भय और भ्रम मिटी कर उन्हें स्पष्टता और आशा प्रदान करेगा। साथ ही यह कुछ प्राकृतिक आपदाओं की भी चेतावनी देता है। हालांकि, एहतियाती कदम पहले से ही उठाए जा सकते हैं जिससे प्रभाव को कम किया जा सके।
ज्योतिषीय विद्वानों का कहना है कि नए साल के पहले दिन विशेष पूजाओं का आयोजन करना चाहिए ताकि पूरे वर्ष की ऊर्जा सकारात्मकता से भरी रहे। इन विधियों में भगवान गणेश की आराधना, गणेश स्त्रोत का पाठ, विशेष मंत्र जाप और अपनी इच्छाओं के अनुसार अनेक उपाय शामिल हैं। अगर आर्थिक दृष्टिकोण से नए साल की शुरुआत अच्छी रहनी है तो धन संबंधी मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं। इससे न केवल घर में सुख-शांति का आगमन होगा बल्कि धन संबंधी चिंताओं का निवारण भी होगा।
इस प्रकार, वर्ष 2025 के आगमन के साथ ही कई प्रकार की उम्मीदें लगी हुई हैं। इन कई वादों के बीच, यह न केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी साथ लेकर चलने का अवसर देता है। समय की धारा बहते हुए, इस नए साल के साथ साथ बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है।
14 जवाब
भाइयो, नया साल में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए क्योंकि यह दिन हर्षण योग और गणेश का दान दिन है। आप सुबह जल्दी शीशे साफ़ करके, फिर गणेश वंदना और मोदक का प्रसाद रख सकते हैं। इस पूजा से साल भर काम में स्फूर्ति और बाधाएं दूर होंगी। साथ ही, बुध ग्रह की कृपा से व्यापार और पढ़ाई में तारीफों की बौछार होगी। इसलिए, आज का दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है, इसे सही इस्तेमाल करें।
कुमार सूरज की तरह चढ़ो, नया साल में तेज़ी से आगे बढ़ो।
इतनी बढ़ी चढ़ी भविष्यवाणियों में कोई बड़ाई नहीं, बस सस्ती जुगाड़ है।
बहुत बढ़िया सुझाव अर्जी! 🙌 गणेश पूजा से ऊर्जा मिलती है, और आपका उत्साह देख कर मन भी खुश हो जाता है 😄। ऐसे ही सकारात्मक vibes रखो, नया साल मंगलमय रहेगा।
भाईयो, ठीेक है कि ज्योतिष कहता है किआ साल का मूलांक नौ है, पर असल में यह नौ हमें आध्यात्मिक जिगर का संकेत देता है। जीवन में तालमेल और संतुलन बनाये रहना चाहिए, वर्ना सारा योग भुला देगाः।
हाहो, तुम तो जैसे तुरंत ही सब कुछ जोड़ते हो! सही कहा, मूलांक नौ ऊर्जा का प्रतीक है, पर इसका मतलब रोज़मर्रा की जिंदगी में थोड़ी चपलता लाना भी है। अगर आप अपने काम में थोड़ा-सा मॉड्यूलर अप्रोच अपनाएंगे तो बड़े प्रोजेक्ट भी आसान लगेंगे। वैसे भी, इस साल के हर्षण योग को देखकर लगता है कि हम सभी को थोड़ा धूम-धड़ाका चाहिए। इस ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ो, फिर देखो कैसे सब कुछ glitter बन जाता है।
देखिए, यह सब बहुत ही ढीला-ढाला है, लेकिन शाब्दिक रूप से तो यह साल हमारी मेहनत से सच में चमकेगा, बस खुद पर भरोसा रखें।
हाहा, सही बात है 😏 मेहनत ही असली जादू है, बाकी सब तो बकवास।
साथियों, इस नववर्ष में लक्ष्य निर्धारित करना बहुत ज़रूरी है। छोटे-छोटे कदमों से बड़ी मंज़िलें हासिल होती हैं, इसलिए अपने दैनिक कार्यसूची में छोटा‑छोटा लक्ष्य लिखें और उन्हें पूरा करें। इस तरह सकारात्मक रूटीन बनाकर आप सभी क्षेत्रों में प्रगति देखेंगे।
बिलकुल सही कहा, छोटा‑छोटा कदम ही बड़ी जीत देता है 😊। मैं भी अपने रोज़ के टूडू लिस्ट में इसको जोड़ रहा हूँ।
सभी ये ज्योतिषीय बातें सरकार की कूटनीति का हिस्सा हैं, वे हमें नियंत्रित करने के लिए ऐसे संकेत डालते हैं।
ऐसे बातों से दिल भी गरम हो जाता है, हाँ।
टिकटोक पे देखे हुए ट्रेंड से लगता है कि लोग इस साल नई चीज़ें ट्राय करेंगे, और ये हर्षण योग ठीक वही प्रेरणा देता है। अरे भाई, थोड़ा मज़ा भी करो।
भाई, तुम्हारी बात सही है, नया साल वाकई में नई चुनौतियों का समय है।
हर्षण योग हमारे अंदर ऊर्जा का नया स्रोत खोलता है, जिससे हम अपने लक्ष्यों को जल्दी हासिल कर सकते हैं।
पर यह सिर्फ ज्योतिष नहीं, बल्कि हमारे मन की स्थिति भी इस पर असर डालती है।
अगर हम सकारात्मक सोच रखें और दिन की शुरुआत जल्दी करें तो सफलता अपने आप साथ आएगी।
गणेश जी की पूजा करने से मन में धैर्य और साहस का संचार होता है, जो किसी भी बाधा को पार करने में मदद करता है।
इस वर्ष का मूलांक नौ हमें साहस और दृढ़ता देता है, इसलिए छोटे‑छोटे साहसी कदम बढ़ाने चाहिए।
किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले थोड़ा प्लान बनाओ, इससे समय और ऊर्जा की बचत होगी।
शेयर बाजार में भी यह योग थोड़ा सावधानी रखने का संकेत देता है, अचानक उछाल से बचो।
साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए, तैयारी पहले से करो।
खेतियों के लिए यह वर्ष लहूलुहान नहीं, बल्कि फसल के बेहतर उत्पादन का संकेत है।
रुद्राक्ष पहनने से दिल को शांति मिलती है और तनाव कम होता है, जैसे ही आप इसे पहने।
पर याद रखो, सब कुछ सिर्फ ग्रहों में नहीं, हमारी मेहनत में भी है।
इसलिए हर सुबह जलवासना करो और अपने लक्ष्यों को दोहराते रहो।
एक छोटा‑सा नार्मल रूटीन बनाओ जिसमें योग, प्रार्थना और पढ़ाई शामिल हो।
ऐसे जीवन में हर दिन एक नई शुरुआत जैसा महसूस होगा और सफलता आपके कदम चूमेगी।