ओडिशा बोर्ड ने वर्ष 2024 के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस वर्ष 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में लगभग 9 लाख छात्रों ने भाग लिया था। छात्र अपने परिणाम आधिकारिक वेबसाइट्स bseodisha.ac.in और chseodish.nic.in पर जाकर देख सकते हैं।
10वीं कक्षा की परीक्षाएं 20 फरवरी से 4 मार्च के बीच आयोजित हुई थीं और इस साल, परीक्षाफल अद्भुत रहा है। कुल मिलाकर 96.07% छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जिसमें 95.39% लड़के और 96.73% लड़कियां पास हुई हैं। प्रमुख परीक्षाओं में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
12वीं कक्षा की परीक्षाएं 16 फरवरी से 20 मार्च तक चलीं। इस साल 12वीं कक्षा के परिणामों में अधिक छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कला (आर्ट्स) स्ट्रीम में पास प्रतिशत 80.95% रहा, वाणिज्य (कॉमर्स) स्ट्रीम में 82.27% और विज्ञान (साइंस) स्ट्रीम में 86.93% छात्र पास हुए। जबकि व्यवसायिक (वोकेशनल) स्ट्रीम में 68.2% छात्रों ने सफलता पाई है।
छात्र अपने परिणामों को ऑनलाइन चेक करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट्स का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा:
रिजल्ट डिस्प्ले हो जाने के बाद छात्र इसे डाउनलोड और प्रिंट भी कर सकते हैं। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपने रोल नंबर और पंजीकरण संख्या तैयार रखें या अपने एडमिट कार्ड से इसे प्राप्त करें।
ओडिशा बोर्ड के इस साल के परीक्षा परिणामों में छात्रों ने बढ़िया प्रदर्शन किया है। कुल मिलाकर 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या काफी अच्छी रही है। लड़कियों ने विभिन्न परीक्षाओं में एक बार फिर से लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। यह परिणाम छात्रों की मेहनत और समर्पण का सबूत है और उन्हें भविष्य में और भी सफलता की कामना की जाती है।
12 जवाब
परिणाम तो देखते रहो, असली चीज़ कहीं और है।
बधाई हो सभी को! 🎉 ये परिणाम आपकी मेहनत का प्रमाण हैं। आगे भी उत्साह बनाए रखें, सफलता आपका इंतजार कर रही है। 😊
ओडिशा बोर्ड के इम्तिहान नतीजे तो एक आँकडा हैं पर असल में हमे सोचने की ज़रूरत है कि इस सफलता के पीछे कौन‑सी सामाजिक संरचनाएँ काम कर रही हैं। क्या ये आँकड़े वर्गभेद को छुपाते नहीं? आखिरकार जब लड़कियां अधिक प्रतिशत में पास होती हैं तो इसका मतलब है कि शिक्षा में लैंगिक असमानता धीरे‑धीरे कम हो रही है। पर क्या इससे गरीबी का अँधेरा दूर होता है? हमें यह भी देखना चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच कितनी है, क्योंकि ऑनलाइन रिजल्ट चेक करना अब एक आवश्यकता बन चुका है। यदि तकनीकी सुविधाएँ नहीं हों तो यह सिस्टम ही असमानता को बढ़ा सकता है। इसलिए सिर्फ प्रतिशत नहीं, बल्कि इन आँकड़ों के पीछे की जटिलता को समझना आवश्यक है।
ओडिशा बोर्ड ने इस साल बहुत बड़ा बदलाव किया है। पहले भी परिणाम देखना कठिन था पर अब वेबसाइट पर सब कुछ साफ़ है। छात्रों को केवल रोल नंबर डालना है और रिजल्ट सामने आ जाता है। इस प्रक्रिया में कोई जटिलता नहीं है। वास्तव में यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। विश्व में बहुत से देशों ने पहले ही इस तरह की प्रणाली लागू कर ली है। भारत में भी अब समय के साथ चलना जरूरी हो गया है। ऑनलाइन परिणाम देखने से कागज़ की बचत भी होती है। साथ ही यह पारदर्शिता को बढ़ाता है। जब हर कोई अपनी स्क्रीन पर देख सकता है तो धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है। छात्रों को अब अपनी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है। इस प्रकार के बदलाव से शिक्षा प्रणाली अधिक भरोसेमंद बनती है। यह एक सकारात्मक संकेत है और हमें आगे भी ऐसे सुधारों की उम्मीद रखनी चाहिए। अंत में, सभी को शुभकामनाएँ और आगे भी ऐसी ही प्रगति की आशा है।
वास्तव में, इस बार के आँकड़े न केवल संख्या में बल्कि गुणवत्ता में भी एक उल्लेखनीय उन्नति दर्शाते हैं। 96.07% का उत्तीर्ण प्रतिशत यह संकेत देता है कि शैक्षणिक नीतियों में कुछ सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। विशेष रूप से लड़कियों की सफलता को देखकर यह कहा जा सकता है कि लैंगिक अंतर धीरे‑धीरे मिट रहा है, जो सामाजिक प्रगति का एक सुंदर संकेत है। विज्ञान, वाणिज्य और कला में अलग‑अलग प्रतिशत दर्शाते हैं कि विभिन्न स्ट्रीम में छात्रों की तैयारी में संतुलन बना है। जबकि व्यावसायिक स्ट्रीम में कुछ चुनौतीपूर्ण आँकड़े दिखाते हैं, यह सिर्फ एक दिशा‑सुझाव है कि उस क्षेत्र में अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता है। इस प्रकार, परिणाम न केवल छात्रों के व्यक्तिगत प्रयास का प्रतिबिंब हैं, बल्कि शैक्षणिक संरचना की व्यापक तस्वीर भी पेश करते हैं।
बिलकुल सही कहा आपने 😊 परिणाम देख कर तो दिल खुशी से भर गया 😄
भाइयों और बहनों, यदि आप अभी भी अपने परिणाम नहीं देख पाए हैं तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
1. आधिकारिक वेबसाइट bseodisha.ac.in या chseodish.nic.in पर जाएँ।
2. ‘Result’ लिंक पर क्लिक करें।
3. अपना रोल नंबर, पंजीकरण संख्या और सुरक्षा पिन दर्ज करें।
4. ‘Submit’ पर क्लिक करें।
परिणाम दिखने के बाद आप इसे डाउनलोड और प्रिंट भी कर सकते हैं। अगर कोई कठिनाई हो तो स्कूल के अधिकारी से मदद ले सकते हैं। शुभकामनाएँ!
अभी तक आप लोग ये बेसिक स्टेप्स नहीं समझे? इस प्रक्रिया में कोई जटिलता नहीं है, बस कुछ मिनट लगते हैं। अगर फिर भी कठिन लग रहा है तो अपने मोबाइल पर डेटा ठीक से चल रहा है या नहीं, ये देख लें।
क्या आपको नहीं लगता कि इन सभी ऑनलाइन सिस्टम का पीछे कोई बड़ी साजिश है? कई बार डेटा चोरी हो जाता है और फिर हमें अनजाने में किसी बड़े एलिट ग्रुप के नियंत्रण में डाल दिया जाता है। इस तरह की डिजिटल प्रोसेसिंग वास्तव में हमारी निजता को खतरे में डालती है। हमें सावधान रहना चाहिए और इस सब को सवालों के साथ देखना चाहिए।
बहुत अच्छा काम है!
समुदाय के सभी सदस्यों को बधाई! इस तरह के परिणाम दिखाते हैं कि मेहनत का फल अवश्य मिलता है। यदि कोई अभी भी पीछे है तो हम सब मिलकर उसे गाइड कर सकते हैं, ताकि हर कोई अपनी क्षमता तक पहुँच सके। चलिए एकजुट होकर आगे बढ़ते हैं।
ओडिशा बोर्ड के इस साल के रिजल्ट वास्तव में कई पहलुओं से विश्लेषण योग्य हैं। सबसे पहले, 96.07% का उत्तीर्ण प्रतिशत यह संकेत देता है कि शैक्षणिक संस्थानों ने छात्रों की तैयारी में पर्याप्त सहयोग प्रदान किया है। दूसरी ओर, लड़कियों का पास प्रतिशत 96.73% होना यह दर्शाता है कि लैंगिक समानता की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, जो सामाजिक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। विज्ञान स्ट्रीम के 86.93% पास प्रतिशत को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यहां पर छात्रों ने कठिन विषयों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि व्यावसायिक स्ट्रीम में 68.2% का प्रतिशत यह बताता है कि आगे और अधिक समर्थन की आवश्यकता है। इस प्रकार के आँकड़े न केवल अकादमिक प्रगति को मापते हैं, बल्कि शैक्षणिक नीतियों के प्रभाव को भी प्रतिबिंबित करते हैं। इसलिए, हमें इन परिणामों को सिर्फ अंक के रूप में नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक कदम के रूप में देखना चाहिए।