IPL 2026 ऑक्शन में अनकैप्ड खिलाड़ियों ने तोड़े रिकॉर्ड, रासिख दर को रॉयल चैलेंजर्स ने खरीदा ₹6 करोड़ में

दिसंबर 17, 2025 0 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

जेद्दाह में आयोजित IPL 2026 का मेगा ऑक्शनजेद्दाह ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक नया मोड़ दर्ज कर दिया। अनकैप्ड खिलाड़ियों पर इतना भारी खर्च नहीं हुआ था, जितना इस बार हुआ। रासिख सलाम दर, 27 साल के जम्मू-कश्मीर के तेज गेंदबाज, जिन्होंने IPL 2025 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए यॉर्कर्स की बौछार की थी, बन गए इस ऑक्शन के सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी — रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें ₹6 करोड़ में खरीद लिया। ये रकम उनके बेस प्राइस (₹30 लाख) से लगभग 20 गुना ज्यादा है। और ये सिर्फ शुरुआत थी।

बोली में उतरे नामन धीर, अब्दुल समाद और नेहल वधेरा

दूसरे नंबर पर आया नामन धीर, 24 साल के पंजाब के बल्लेबाज, जिन्हें मुंबई इंडियंस ने ₹5.25 करोड़ में खरीदा। उनके लिए बोली में शामिल हुए मुंबई, रॉयल चैलेंजर्स, दिल्ली कैपिटल्स, राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स — आखिरकार मुंबई ने अपना राइट टू मैच कार्ड इस्तेमाल किया। इसी तरह, अब्दुल समाद के लिए लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स के बीच जमकर बोली चली, लेकिन सूर्यवंशी हरिद्वार के फिनिशर को लखनऊ ने ₹4.20 करोड़ में पकड़ लिया। जबकि नेहल वधेरा के लिए पंजाब किंग्स ने ₹4.20 करोड़ दिए, जबकि मुंबई ने उन्हें छोड़ दिया।

एक और चौंकाने वाला नाम — अशुतोष शर्मा, पंजाब के पावर हिटर, जिन्हें दिल्ली कैपिटल्स ने ₹3.80 करोड़ में खरीदा। इससे पहले राजस्थान और रॉयल चैलेंजर्स के बीच बोली चल रही थी। इसी तरह, अभिनव मनोहर, कर्नाटक के ऑलराउंडर, को सूर्यवंशी हरिद्वार ने ₹3.20 करोड़ में खरीदा।

क्यों इतना भारी खर्च? फ्रैंचाइजियों की नई स्ट्रैटेजी

ये सिर्फ एक बोली नहीं, बल्कि एक रणनीति है। पिछले तीन सालों में, फ्रैंचाइजियां अंतरराष्ट्रीय स्टार्स पर निर्भर नहीं रहीं। उन्होंने रांजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के खिलाड़ियों को नजरअंदाज करना बंद कर दिया। मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने अपने टीम्स में डेटा एनालिटिक्स टीमें बनाईं, जो हर राज्य के क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाड़ियों के आंकड़ों को ट्रैक करती हैं।

एक बात साफ है — भारतीय क्रिकेट की गहराई अब बहुत ज्यादा है। पिछले साल अवेश खान को ₹10 करोड़ में खरीदा गया था, लेकिन आज के ऑक्शन में चार खिलाड़ियों की कीमत ₹4 करोड़ से ऊपर चली गई। ये सिर्फ बोली नहीं, ये एक संकेत है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य अब दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के छोटे स्टेडियम्स में बन रहा है।

30 लाख में भी बन गए क्रोड़पति

इतने भारी खर्च के बीच, एक अजीब बात भी हुई — 20 से अधिक अनकैप्ड खिलाड़ियों को उनके बेस प्राइस, यानी ₹30 लाख में खरीद लिया गया। पुखराज मन्न, मयंक दागर, हरविक देसाई, बी.आर. शरथ, सकीब हुसैन और ऐसे ही कई अन्य नाम इस सूची में शामिल हैं। ये खिलाड़ी अभी तक बड़े बाजार में नहीं थे, लेकिन अब वे भी क्रोड़पति हो गए। ये बात बताती है कि अब एक अच्छा दिन, एक अच्छा बल्लेबाजी या गेंदबाजी प्रदर्शन, एक खिलाड़ी के जीवन को बदल सकता है।

ऑक्शन जेद्दाह में, पर दिमाग भारत में

ये ऑक्शन दूसरे साल लगातार भारत के बाहर हुआ। पिछले साल दुबई में हुआ था, इस साल जेद्दाह। लेकिन ये नहीं कि फ्रैंचाइजियों का ध्यान विदेशों की ओर गया। बल्कि, उनकी नजर भारत के 38 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के क्रिकेट एसोसिएशन पर है। एक बार जब एक खिलाड़ी को ऑक्शन में खरीद लिया जाता है, तो उसके लिए एक नया रास्ता खुल जाता है — न सिर्फ आर्थिक तौर पर, बल्कि सामाजिक तौर पर भी।

अगला कदम: भारतीय टीम के लिए नया स्रोत

ये ट्रेंड अब राष्ट्रीय टीम के लिए भी महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम के लिए अनकैप्ड खिलाड़ियों का चयन बहुत कम हुआ है। लेकिन अब, जब रांजी ट्रॉफी के एक बल्लेबाज को ₹5 करोड़ मिल रहा है, तो बीसीसीआई के लिए उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल करना जरूरी हो जाता है। अगर ये ट्रेंड जारी रहा, तो अगले 2-3 साल में भारतीय टीम में आधे से अधिक खिलाड़ी अनकैप्ड खिलाड़ियों से आएंगे।

क्या ये ट्रेंड टिकेगा?

कुछ विश्लेषक मानते हैं कि ये बोली एक अस्थायी उत्साह है। लेकिन अगर आप देखें, तो पिछले तीन सालों में अनकैप्ड खिलाड़ियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। अब तक का रिकॉर्ड रखने वाले संजू समसन, यशस्वी जैसवाल, अर्शदीप सिंह और युजवेंद्र चहल की कीमतें ₹18 करोड़ थीं। लेकिन आज, एक ऐसा खिलाड़ी जिसने कभी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला, उसकी कीमत ₹6 करोड़ हो गई। ये कोई गलती नहीं, ये एक बदलाव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

IPL 2026 में अनकैप्ड खिलाड़ियों को इतना महंगा क्यों खरीदा जा रहा है?

फ्रैंचाइजियां अब अंतरराष्ट्रीय स्टार्स पर निर्भर नहीं रहना चाहतीं। रांजी ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में निकले खिलाड़ियों का प्रदर्शन इतना अच्छा है कि वे आसानी से टीम के लिए अहम बन जाते हैं। डेटा एनालिटिक्स के जरिए अब उनकी संभावनाओं का आकलन भी बहुत सटीक हो गया है।

क्या ये बढ़ती कीमतें भारतीय टीम के लिए फायदेमंद होंगी?

बिल्कुल। जब एक राज्य के खिलाड़ी को ₹5 करोड़ मिल जाता है, तो उसके लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना एक अपेक्षित कदम बन जाता है। बीसीसीआई के लिए अब ये एक नया टैलेंट पाइपलाइन बन गया है, जहां राष्ट्रीय टीम के लिए चयन बेहतर तरीके से हो सकता है।

IPL ऑक्शन जेद्दाह में क्यों हुआ?

इसका मुख्य कारण वित्तीय और व्यापारिक रणनीति है। सऊदी अरब ने खेलों में निवेश बढ़ाने का फैसला किया है, और IPL जैसे बड़े इवेंट्स के लिए इसका एक बड़ा बाजार है। ये ऑक्शन भारतीय क्रिकेट की दुनिया में एक नए युग का संकेत है।

क्या अब भारतीय खिलाड़ियों की कीमतें विदेशी खिलाड़ियों से ज्यादा हो जाएंगी?

अभी तक नहीं, लेकिन ये दिशा स्पष्ट है। अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों की कीमतें अब विदेशी खिलाड़ियों के बराबर हो रही हैं। अगले ऑक्शन में कोई भारतीय अनकैप्ड खिलाड़ी ₹10 करोड़ से ऊपर जा सकता है — ये अब संभव है।

₹30 लाख में खरीदे गए खिलाड़ियों के लिए क्या अवसर हैं?

₹30 लाख एक बड़ी रकम है — ज्यादातर खिलाड़ियों के लिए ये जीवन बदल देने वाली है। अब उनके पास ट्रेनिंग, कोचिंग और अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए संसाधन हैं। इनमें से कई खिलाड़ी अगले साल टीम के लिए खेल सकते हैं, और अगर वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उनकी कीमत अगले साल दोगुनी हो सकती है।

क्या ये बदलाव छोटे राज्यों के लिए अच्छा है?

बहुत अच्छा। अब जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, मणिपुर या अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को भी ऑक्शन में देखा जा रहा है। ये उन राज्यों के लिए प्रेरणा है कि अगर एक खिलाड़ी अच्छा खेलता है, तो उसे भारत के सबसे बड़े खेल में जगह मिल सकती है।