मुंबई में बच्चों को बंधक बनाकर रोहित आर्या की मौत, जेजे अस्पताल में शव

अक्तूबर 31, 2025 14 टिप्पणि Priyadharshini Ananthakumar

अक्टूबर 30, 2025 को दोपहर 1:45 बजे, मुंबई के पोवाई के राज स्टूडियो में एक वेब सीरीज की ऑडिशन के दौरान 17 बच्चे और 2 वयस्कों को बंधक बनाया गया। इसके पीछे था रोहित आर्या, पुणे के कर्वेनगर के आमेय अपार्टमेंट के रहने वाले 30-35 वर्षीय व्यक्ति। उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला था, जिसमें उसने कहा था — ‘अगर मेरी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो पूरी इमारत जला दूंगा और सबको मार डालूंगा।’ और फिर वह वादा पूरा करने लगा।

ऑडिशन से बंधक लेने तक का सफर

रोहित ने बच्चों को आमंत्रित किया था — एक नए वेब सीरीज के लिए ऑडिशन। शुरू में वह बहुत शांत रहा। उसने बच्चों को खाना-पीना दिया, उनसे बातें कीं। लेकिन फिर अचानक उसने सबको एक कमरे में भेज दिया और माता-पिता को बाहर रख दिया। यहीं से आपदा शुरू हुई। पुलिस को जब खबर मिली, तो उसने तुरंत एक विशेष टीम तैनात की।

बाथरूम से घुसकर बचाव ऑपरेशन

मुंबई पुलिस के कमांडो ने एक अनोखी रणनीति अपनाई। उन्होंने राज स्टूडियो में बाथरूम के रास्ते से घुसने का फैसला किया — जिसकी जानकारी पुलिस को इमारत के आंतरिक डिजाइन के आधार पर मिली थी। जैसे ही कमांडो अंदर घुसे, रोहित ने पहले ही गोली चला दी। तुरंत प्रतिक्रिया में पुलिस ने जवाबी गोलीबारी की। एक गोली रोहित के शरीर में घुस गई। उसे तुरंत जेजे अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी मौत अस्पताल में ही हो गई।

क्या था उसका मोटिव?

रोहित के वीडियो में एक बात साफ थी — वह एक न्याय की मांग कर रहा था। उसने कहा कि उसने ‘मही शाला सुंदर शाला’ नामक एक शिक्षा परियोजना बनाई थी, जिसे महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने अपनाया, लेकिन उसे कोई भी भुगतान नहीं किया। उसका दावा था कि उसका कॉन्सेप्ट राज्य सरकार ने चोरी कर लिया। लेकिन शिक्षा विभाग ने जवाब दिया — ‘रोहित की कंपनी को पूरा भुगतान किया गया था। उसके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का मामला भी दर्ज है — जैसे स्कूलों से अवैध शुल्क वसूलना।’

यही असंतोष उसे एक भयानक कारनामा के लिए प्रेरित कर गया। उसने अपने वीडियो में कहा — ‘अगर मैं जीवित रहूंगा, तो मैं यही करूंगा। अगर मैं मर गया, तो कोई और करेगा। लेकिन यह होगा।’ अब यह वादा एक भयानक सच बन गया।

स्थल से बरामद सामान और कानूनी कार्रवाई

राज स्टूडियो से पुलिस ने कई खतरनाक वस्तुएं बरामद कीं — एक पिस्टल, पेट्रोल, जलने योग्य रबड़ का घोल, लाइटर, एक एयरगन और कुछ रासायनिक पदार्थ। पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस के अधीन पोवाई पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 109(1), 140 और 287 के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद जांच को क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया गया। सभी सामान फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए।

शव का संस्कार और अगले कदम

रोहित का शव जेजे अस्पताल पहुंचा। यहां पहले उसके शरीर के एक्स-रे लिए गए। अगले दिन सुबह 10 बजे पोस्टमॉर्टम के लिए तैयारी की गई। उसके बाद उसका शव उसके परिवार को सौंपा जाएगा। उसकी पत्नी अंजलि आर्या और माता-पिता — ए.आर. हरवलकर और उनकी पत्नी — जिनका घर पुणे के स्वरंगली अपार्टमेंट में है, अभी तक इस घटना के बारे में बाहर नहीं आए हैं।

एक व्यक्ति का टूटना, एक शहर का दर्द

यह घटना बस एक व्यक्ति के बुद्धि के टूटने की कहानी नहीं है। यह एक ऐसे व्यवस्था की कहानी है, जहां एक निष्क्रिय शिक्षा परियोजना के लिए एक व्यक्ति को बर्बाद कर दिया गया। उसने स्कूलों में अपना कॉन्सेप्ट लगाया, लेकिन जब उसे भुगतान नहीं मिला, तो उसने अपने असहनशीलता को बच्चों के खिलाफ बदल दिया।

क्या यह सिर्फ रोहित की गलती थी? या यह एक ऐसी व्यवस्था का अंतिम परिणाम था, जहां छोटे नवाचारकों को बर्बाद कर दिया जाता है? उसके वीडियो में एक बात स्पष्ट थी — उसने नहीं कहा ‘मैं मर रहा हूं’, बल्कि कहा — ‘मैं निराश हो रहा हूं।’

अगले कदम क्या होंगे?

महाराष्ट्र सरकार ने अब एक विशेष टीम बनाई है, जो देखेगी कि क्या कोई अन्य निवेशक या नवाचारक ऐसे ही अन्याय का शिकार हुआ है। शिक्षा विभाग को अब अपनी अनुदान वितरण प्रक्रिया की समीक्षा करनी होगी। और बच्चों के माता-पिता — जिन्हें एक दिन के लिए अपने बच्चों को खोने का डर झेलना पड़ा — उन्हें मानसिक सहायता की जरूरत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रोहित आर्या क्यों बच्चों को बंधक बनाने लगा?

रोहित ने दावा किया कि उसने ‘मही शाला सुंदर शाला’ नामक शिक्षा परियोजना बनाई थी, जिसे पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने अपनाया, लेकिन उसे कोई भुगतान नहीं किया। उसे लगा कि उसका विचार चोरी किया गया। इस असहनशीलता और वित्तीय निराशा ने उसे एक भयानक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

पुलिस ने बच्चों को बचाने के लिए क्या रणनीति अपनाई?

मुंबई पुलिस के कमांडो ने राज स्टूडियो के बाथरूम के रास्ते से घुसकर ऑपरेशन शुरू किया। यह रणनीति इसलिए चुनी गई क्योंकि इमारत के आंतरिक डिजाइन में यह सबसे कम चेतावनी वाला रास्ता था। जैसे ही कमांडो अंदर गए, रोहित ने गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।

पुलिस ने कौन-से सामान बरामद किए?

पुलिस ने राज स्टूडियो से एक पिस्टल, पेट्रोल, जलने योग्य रबड़ का घोल, लाइटर, एयरगन और कुछ रासायनिक पदार्थ बरामद किए। इन सभी को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। इन वस्तुओं के आधार पर यह तय होगा कि क्या रोहित के पास आग लगाने का इरादा था।

शिक्षा विभाग का रोहित के खिलाफ क्या आरोप है?

शिक्षा विभाग का कहना है कि रोहित की कंपनी को पूरा भुगतान किया गया था। लेकिन उसके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का मामला दर्ज है — जैसे स्कूलों से अवैध शुल्क वसूलना। यह आरोप उसके दावे को और जटिल बनाता है।

रोहित के मृत्यु के बाद क्या होगा?

रोहित का शव जेजे अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद उसके परिवार को सौंपा जाएगा। उसके खिलाफ कानूनी मामले बंद हो जाएंगे, लेकिन जांच जारी रहेगी — विशेषकर उसके सोशल मीडिया एकाउंट, वित्तीय लेन-देन और उसके संपर्कों की जांच। यह जांच यह तय करने में मदद करेगी कि क्या कोई और भी उसके साथ शामिल था।

इस घटना से शिक्षा विभाग को क्या सबक मिला?

इस घटना ने शिक्षा विभाग को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे छोटे नवाचारकों को समर्थन दिया जाए। अब विभाग एक नई नीति बनाने पर विचार कर रहा है, जिसमें निवेशकों के लिए एक त्वरित निराकरण निकाय शामिल होगा — ताकि कोई और इतना निराश न हो जाए।

14 जवाब

krishna poudel
krishna poudel नवंबर 1, 2025 AT 19:19

ये सब तो बस एक आदमी का टूटना नहीं, बल्कि पूरी सिस्टम का फेल होना है। जब एक आदमी के पास कोई सपोर्ट नहीं, कोई मार्गदर्शन नहीं, तो वो अपने दर्द को बच्चों के खिलाफ निकाल देता है। ये रोहित की गलती नहीं, ये हमारी गलती है।

Anila Kathi
Anila Kathi नवंबर 2, 2025 AT 14:44

बस एक बात समझ आ रही है - जब दिमाग टूट जाए, तो बच्चे भी बलि के लिए आ जाते हैं 😔 ये कोई अपराध नहीं, ये एक समाज का अंतिम चीख है।

vasanth kumar
vasanth kumar नवंबर 3, 2025 AT 23:51

मुंबई के इस शहर में लाखों ऐसे लोग हैं जिनके सपने बस एक ऑडिशन या एक ईमेल के लिए इंतजार करते हैं। रोहित ने बस उसी चीज को एक बहुत बड़े अंदाज में दिखा दिया।

Andalib Ansari
Andalib Ansari नवंबर 5, 2025 AT 14:57

इस घटना के पीछे एक सवाल है - क्या हमने कभी सोचा कि एक नवाचारी को जब उसका विचार चोरी हो जाए, तो वो कितना अकेला महसूस करता है? उसने जो कहा - ‘मैं निराश हो रहा हूं’ - ये बात इतनी गहरी है कि इसे सुनकर दिल टूट जाता है।

Pooja Shree.k
Pooja Shree.k नवंबर 7, 2025 AT 01:37

ये बहुत बुरी बात है। बच्चे तो बहुत निर्दोष हैं। और ये जो हुआ वो बहुत दुखद है। कोई भी ऐसा नहीं करना चाहिए।

Vasudev Singh
Vasudev Singh नवंबर 8, 2025 AT 11:59

देखो, ये बस एक आदमी की कहानी नहीं है, ये एक नौकरशाही की कहानी है। जब तुम कुछ नया बनाते हो, तो तुम्हें अपना नाम देने का अधिकार नहीं मिलता, बल्कि तुम्हारा विचार ले लिया जाता है, और तुम्हें शून्य मिलता है। रोहित ने अपने दर्द को जब बाहर नहीं निकाल पाया, तो उसने अपने दर्द को बच्चों के शरीर में छिपा दिया। ये नहीं होना चाहिए।

Akshay Srivastava
Akshay Srivastava नवंबर 9, 2025 AT 21:03

यहाँ कोई निराशा नहीं, कोई असहनशीलता नहीं - यहाँ केवल एक अपराधी है। उसने बच्चों को बंधक बनाया, उनकी जान लेने की योजना बनाई, और फिर उसके बाद उसने अपनी निराशा का बहाना बनाया। ये अपराध है, न कि एक सामाजिक विफलता। यहाँ कोई समझौता नहीं।

Amar Khan
Amar Khan नवंबर 11, 2025 AT 10:32

मैं इस बात से बहुत दुखी हूँ... रोहित का चेहरा मुझे बहुत परिचित लग रहा है... मैंने भी कभी ऐसा वीडियो बनाया था... लेकिन मैंने नहीं किया... लेकिन अगर मैं भी उसी जगह पर होता... तो क्या मैं भी ऐसा कर जाता...? ये लगता है जैसे मैं उसका आत्मा हूँ...

Roopa Shankar
Roopa Shankar नवंबर 12, 2025 AT 08:21

ये घटना एक चेतावनी है। हम सबको अपने आसपास के लोगों को देखना होगा। जो लोग अकेले हैं, जो बहुत ज्यादा बात करते हैं, जो बहुत ज्यादा लिखते हैं - वो अक्सर टूट रहे होते हैं। हमें उन्हें सुनना होगा, उनके साथ बैठना होगा। ये बच्चों की जान बचाएगा।

shivesh mankar
shivesh mankar नवंबर 13, 2025 AT 19:26

मैं नहीं चाहता कि कोई रोहित को नफरत करे। उसने बहुत बुरा किया, लेकिन उसके पीछे एक इंसान था - जिसे कोई ने नहीं समझा। अगर हम इस तरह के लोगों को बचा लें, तो आगे कभी ऐसा नहीं होगा।

avi Abutbul
avi Abutbul नवंबर 14, 2025 AT 04:18

ये तो बस एक और बदलाव की शुरुआत है। अब सरकार को बस एक नया नियम बनाना है - जिसमें हर नवाचारी को एक एक्सपर्ट गाइड मिले। ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई बच्चे के लिए बंधक बन जाए।

Hardik Shah
Hardik Shah नवंबर 15, 2025 AT 03:05

बस इतना ही? एक आदमी ने बच्चों को बंधक बनाया, और तुम उसकी निराशा की बात कर रहे हो? ये बच्चों के लिए नहीं, ये तुम्हारी नाटकीय भावनाओं के लिए है। अपराधी को फांसी चाहिए, न कि एक लंबा लेख।

manisha karlupia
manisha karlupia नवंबर 16, 2025 AT 15:26

क्या होगा अगर रोहित के पास कोई था जो उसे बोलता - ‘अरे यार, तू अकेला नहीं है’...? क्या होगा अगर कोई उसकी बात सुनता...? मैं बहुत डर रही हूँ... कि अगला रोहित कौन होगा...

vikram singh
vikram singh नवंबर 18, 2025 AT 04:32

ये तो एक बॉलीवुड स्क्रिप्ट है जो असलियत में घुस गई! एक नवाचारी, एक चोरी, एक बंधक, एक बाथरूम से घुसने वाले कमांडो, और एक अंत जो दिल तोड़ देता है। अगर ये फिल्म बने, तो ओस्कर जीत जाएगी।

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