गाजा पट्टी में इज़राइल और हमास के बीच लड़ाई और उग्र होती जा रही है। उत्तरी गाजा में भीषण लड़ाई की खबरें आ रही हैं और मानवीय स्थिति भी गंभीर होती जा रही है।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) के अनुसार, जबालिया शरणार्थी शिविर में स्थित अल-अव्दा अस्पताल में पीने का पानी खत्म हो गया है। एक इज़राइली हवाई हमले में घायल 34 लोगों को भर्ती करने के बाद अस्पताल में पानी का संकट उत्पन्न हो गया। अस्पताल को वर्तमान में इज़राइली टैंकों ने घेर रखा है।
इज़राइल के हवाई और जमीनी हमले पूरे गाजा में तेज हो गए हैं। नुसीरात शरणार्थी शिविर में 31 लोगों की मौत के बाद, जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफदी ने गाजा पर इज़राइल की इस जंग के दौरान किए गए 'युद्ध अपराधों' की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।
MSF के प्रवक्ता ने कहा कि अल-अव्दा अस्पताल की स्थिति बेहद नाजुक है। इज़राइली टैंकों द्वारा घेरे जाने और पानी की कमी के कारण घायलों के इलाज में मुश्किलें आ रही हैं। अस्पताल में मौजूद मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त खाना-पानी उपलब्ध कराना भी एक चुनौती बन गया है।
इस बीच, गाजा में मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में गाजा में कम से कम 145 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 41 बच्चे भी शामिल हैं। वहीं 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
संघर्ष के बढ़ते जाने से गाजा पट्टी में मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है। यूएन ने चेतावनी दी है कि गाजा में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त होने की कगार पर हैं। बिजली और ईंधन की कमी, पानी और खाद्य पदार्थों की अनुपलब्धता के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गाजा में पिछले एक दशक से अधिक समय से इज़राइल का घेराबंदी और प्रतिबंध लागू हैं। वर्तमान संकट से पहले ही गाजा की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित थी और बेरोजगारी की दर 50% से अधिक थी। इस लड़ाई ने गाजा के नागरिकों की स्थिति और खराब कर दी है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों पक्षों से अपील की है कि वे हिंसा रोकें और संघर्ष विराम के लिए बातचीत करें। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हिंसक संघर्ष पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है।
अमेरिका, यूरोपीय संघ और अरब देशों ने भी गाजा में शांति बहाली के प्रयासों का समर्थन किया है। लेकिन इज़राइल और हमास की आक्रामक रणनीतियों को देखते हुए शीघ्र ही संघर्ष विराम की संभावना कम ही लग रही है।
गाजा में बिगड़ते हालात से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का उल्लंघन होता दिख रहा है। नागरिकों और नागरिक ढांचों को निशाना बनाना, आवश्यक सेवाओं को बाधित करना और अत्यधिक बल का प्रयोग युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं।
गाजा में बढ़ते तनाव और हिंसा से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है। इससे मध्य-पूर्व की स्थिरता पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। अत्यंत आवश्यक है कि सभी पक्ष अधिकतम संयम बरतें और राजनीतिक-कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से इस संकट का समाधान निकालें। मानवीय कानूनों और नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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