जब कोई कंपनी दूसरी कंपनी को खरीद लेती है, तो यह अधिग्रहण, एक कंपनी द्वारा दूसरी कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण को अपनाने की प्रक्रिया है, जिससे बाजार हिस्सा और आय दोनों बढ़ते हैं होता है। यह सिर्फ बड़ी कंपनियों का खेल नहीं है—छोटे बिजनेस भी अपनी आय बढ़ाने के लिए अधिग्रहण का रास्ता चुनते हैं। अगर आप अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं, तो यह तरीका आपके लिए भी काम आ सकता है।
आय वृद्धि, किसी व्यक्ति, कंपनी या देश की आय में समय के साथ होने वाली सकारात्मक वृद्धि है, जो बिक्री, निवेश या लागत कम करके हासिल की जाती है का रास्ता अलग-अलग होता है। कुछ कंपनियाँ नए बाजार में घुसकर, कुछ नए उत्पाद लाकर, और कुछ IPO, एक कंपनी द्वारा सार्वजनिक बाजार से पूँजी एकत्र करने के लिए अपने शेयर बेचने की प्रक्रिया है के जरिए यह करती हैं। टाटा कैपिटल ने 15,511 करोड़ का IPO लॉन्च किया, जिससे उनकी पूँजी बढ़ी और वे अधिग्रहण के लिए तैयार हो गए। वहीं, टेन्नेको क्लीन एयर का IPO भी ग्रे मार्केट में ₹122 प्रीमियम पर चल रहा, जो बता रहा है कि निवेशक इस तरह के अधिग्रहणों में भरोसा रखते हैं।
अधिग्रहण से आय वृद्धि का सीधा संबंध होता है। जब एक कंपनी दूसरी को खरीदती है, तो उसके पास नया क्लाइंट बेस, नई टेक्नोलॉजी और अक्सर नया रेवेन्यू स्ट्रीम आ जाता है। बिहार के चुनाव में वोटर आईडी के बिना आधार कार्ड से वोट करने की अनुमति जैसी चीज़ें भी आय वृद्धि के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा हैं—जिससे टेक कंपनियाँ नए बिजनेस मॉडल बना पाती हैं। इसी तरह, टैटकल बुकिंग में आधार सत्यापन जैसे नए नियम भी बिजनेस के लिए नए अवसर खोल रहे हैं।
अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो अधिग्रहण और आय वृद्धि की कहानियाँ आपके लिए सबसे ज्यादा काम आती हैं। जब कोई कंपनी अच्छी तरह से अधिग्रहण करती है, तो उसका शेयर बाजार में ऊपर जाता है। आपके लिए ये वो अवसर हैं जिन्हें आप नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। नीचे आपको ऐसे ही ताज़ा और विश्लेषित खबरें मिलेंगी—जहाँ बड़ी कंपनियों के फैसले आपके पैसे को कैसे छू रहे हैं, उसकी पूरी जानकारी है।
टाटा स्टील का शेयर ₹168 पर गिरा, जबकि कंपनी ने यूरोप में LAG Velsen B.V. के लिए ₹1,160 करोड़ का अधिग्रहण घोषित किया और सितंबर 2025 के तिमाही में ₹4,06,013 लाख का लाभ कमाया।
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