बाढ़ खतरा: भारत में बाढ़ के कारण, प्रभाव और बचाव की वास्तविक कहानियाँ

जब बारिश बहुत ज्यादा हो जाती है, तो नदियाँ उफन जाती हैं, गाँव डूब जाते हैं और लोग अपना सब कुछ खो देते हैं — यही है बाढ़ खतरा, एक प्राकृतिक आपदा जो भारत के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों में हर साल जानलेवा बन जाती है। ये बाढ़ सिर्फ पानी का मामला नहीं, बल्कि भूस्खलन, बिजली कटौती, बीमारियों का फैलाव और लाखों की आय का नुकसान भी है। इसका असर दार्जिलिंग जैसे पहाड़ी इलाकों से लेकर गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों तक होता है।

जब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD, भारत का आधिकारिक मौसम अनुमान देने वाला निकाय जो बाढ़ और साइकलोन की चेतावनी जारी करता है बाढ़ की चेतावनी देता है, तो लोग बचने की तैयारी शुरू कर देते हैं। लेकिन अक्सर ये चेतावनी देर से आती है, या फिर लोगों के पास बचने का समय नहीं होता। इसीलिए NDRF, जो आपदाओं के बाद बचाव और बचाव अभियान चलाने वाली एक विशेष टीम है का काम इतना जरूरी हो जाता है। दार्जिलिंग में 28 लोगों की मौत हुई थी, तो NDRF और सेना ने तुरंत बचाव शुरू किया। वहीं, गुजरात-महाराष्ट्र तट पर साइकलोन शक्ति आया तो IMD ने चेतावनी दी, लेकिन क्या लोग तैयार थे? ये सवाल अभी भी बाकी हैं।

बाढ़ का असर सिर्फ घरों तक नहीं पहुँचता, बल्कि बच्चों की शिक्षा, किसानों की फसल, और यहाँ तक कि ट्रेनों की बुकिंग तक बिगाड़ देता है। जब दार्जिलिंग में भूस्खलन हुआ, तो सैकड़ों पर्यटक फंस गए। जब गुजरात में साइकलोन आया, तो लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े। और जब बाढ़ के बाद पानी खराब हो जाता है, तो डायरिया और टायफाइड के मामले बढ़ जाते हैं। ये सब एक ही चीज के नतीजे हैं — बाढ़ खतरा

इस लिस्टिंग में आपको ऐसी ही असली कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ बाढ़ ने जिंदगियाँ बदल दीं, जहाँ बचाव टीमें ने जान बचाईं, और जहाँ लोगों ने अपने घर बहाल करने के लिए लड़ाई लड़ी। आप देखेंगे कि कैसे IMD ने चेतावनी दी, NDRF ने बचाव किया, और किस तरह ये आपदाएँ भारत के हर कोने में अलग-अलग तरीके से अपना निशान छोड़ गईं। ये सिर्फ खबरें नहीं, ये जीवन की वास्तविकताएँ हैं।

केरल के चार जिलों में लाल चेतावनी: 2 दिसंबर को भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
नवंबर 24, 2025 Priyadharshini Ananthakumar

केरल के चार जिलों में लाल चेतावनी: 2 दिसंबर को भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा

भारतीय मौसम विभाग ने वयनाड, मलप्पुरम, कोझिकोड और कन्नूर में 2 दिसंबर को लाल चेतावनी जारी की है, जिसमें 200 मिमी से अधिक बारिश की भविष्यवाणी है। बाढ़ और भूस्खलन के खतरे के कारण आपातकालीन तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

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